अगरतला में बांग्लादेश मिशन पर तोड़फोड़ के बाद ढाका ने कहा- अंतरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन 

त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग परिसर में तोड़फोड़ की. बांग्लादेश सरकार ने चिंता जताते हुए कहा कि यह राजनयिक मिशनों की अखंडता का उल्लंघन है. इस बीच, त्रिपुरा के होटलों ने बांग्लादेशी पर्यटकों पर प्रतिबंध लगा दिया है.

क्या मतदाता सरकारों से ‘संतुष्ट’ रहने लगे हैं?

हर बार चुनावों से पहले मीडिया के मैनेजमेंट से छनकर बढ़ती ग़रीबी, ग़ैर-बराबरी, बेरोज़गारी व महंगाई वगैरह के कारण सरकारों के प्रति आक्रोश व असंतोष की जो बातें सामने आ जाती हैं, क्या वे सही नहीं हैं? मतदाताओं की सरकारों से इस 'संतुष्टि' को कैसे देखा जाए?

बांग्लादेश में फिर तनाव, हिंदू नेता की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान वकील की हत्या

बांग्लादेश के चटगांव में हिंदू नेता और पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की हिरासत के विरोध में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प के दौरान एक वकील की कथित तौर पर हत्या कर दी गई. देश की अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस ने हत्या की निंदा करते हुए जांच के आदेश दिए हैं.

सुप्रीम कोर्ट का संविधान की प्रस्तावना से ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द हटाने से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने 42वें संशोधन, जिसके तहत संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्द जोड़े गए थे- की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को ख़ारिज करते हुए कहा कि लगभग 44 वर्षों के बाद इस संवैधानिक संशोधन को चुनौती देने का कोई वैध कारण या औचित्य नहीं है.

संविधान दिवस विशेष: संविधान की प्रस्तावना से ‘धर्मनिरपेक्ष’ हटाने की मांग असंगत

संविधान की प्रस्‍तावना से 'धर्मनिरपेक्ष' तथा 'समाजवाद' शब्‍दों को हटाए जाने की मांग लोकतंत्र और संविधान के लिए ख़तरे की सूचक है. शब्‍दों में बदलाव के बजाय हमारी मानसिकता में बदलाव की मांग होनी चाहिए.

हिंदू अपने बारे में क्या सोचते हैं?

हम पीढ़ी दर पीढ़ी हम मानते आए हैं कि हिंदू का विपरीतार्थक शब्द मुसलमान है. मैंने अपने बचपन में सुना था कि मुसलमान हर चीज़ हिंदुओं के उलट करते हैं. यही बात मेरी बेटी को उसकी अध्यापिका ने बतलाई. हिंदू समझते हैं कि मुसलमान कट्टर और संकीर्ण होते हैं, क्रूर होते हैं और उन्हें हिंसा की शिक्षा बचपन से दी जाती है. उनकी मस्जिदों में हथियार रखे जाते हैं.

प(रि)वार बनाम प(रि)वार: अजित ने शरद से छीनी एनसीपी की बागडोर

38 सीटों में से जहां दोनों पक्ष सीधे एक-दूसरे से मुकाबला कर रहे थे, अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी अधिकांश सीटों पर जीत दर्ज की है. इस तरह अजित पवार ने साबित कर दिया है कि एनसीपी अब उनके नाम से जानी जाएगी. 

महाराष्ट्र: महायुति की प्रचंड विजय, उद्धव ठाकरे और शरद पवार के दलों का सफाया, कांग्रेस सबसे फिसड्डी

महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास में यह कांग्रेस का सबसे ख़राब प्रदर्शन है, जबकि भाजपा अकेले अपने दम पर बहुमत के करीब पहुँच गयी है.

महाराष्ट्र चुनाव: बड़ी बढ़त के साथ शिंदे ने ‘असली’ शिव सेना पर दावा पुख्ता किया

शिंदे की शिवसेना 81 और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने 95 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ा था. इन दोनों दलों के बीच 53 निर्वाचन क्षेत्रों में सीधा मुकाबला था. इनमें से अधिकांश सीट पर शिंदे की पार्टी आगे चल रही है. 

झारखंड विधानसभा चुनाव: हेमंत सोरेन सरकार की वापसी के संकेत

झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन बहुमत का आंकड़ा पार करते हुए नज़र आ रही है. चुनाव आयोग के अनुसार, झामुमो 28, कांग्रेस 15, राजद 5 और सीपीआई (एमएल-एल) 2 सीटों पर आगे है.  वहीं एनडीए को 30 सीटों पर बढ़त हासिल है.  

झारखंड चुनाव: क्या हेमंत सोरेन वापस जनता का भरोसा पा सकेंगे?

राज्य की 81 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में संपन्न हुए मतदान में  67.74 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई. राज्य में इस बार मुख्य मुक़ाबला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बन गया है.

महाराष्ट्र परिणाम: क्या महाविकास अघाड़ी लोकसभा चुनाव की सफलता दोहरा पाएगी?

महाराष्ट्र में मुख्य मुकाबला भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और अजित पवार द्वारा गठित महायुति गठबंधन और महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच है, जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) शामिल हैं.

महाराष्ट्र चुनाव में अडानी की एंट्री: विभाजित राजनीति से क्या उम्मीद की जाए

महाराष्ट्र देश का प्रमुख राज्य है. बंबई देश की वित्तीय राजधानी है. बुरी तरह से विभाजित राजनीति किस समाज का प्रतिनिधित्व करेगी और उसे क्या दिशा देगी, इसकी कल्पना की जा सकती है. 

अर्जक संघ: हिंदी पट्टी में 1968 से ब्राह्मणवाद से लड़ता नास्तिकों का एक संगठन

अर्जक संघ मानवतावाद, बुद्धिवाद, वैज्ञानिक सोच और सभी के लिए समान शिक्षा की वकालत करता है, ताकि समाज से जाति का भेदभाव खत्म हो जाए. संगठन का मानना है कि समाज की सभी बुराइयों की जड़ ‘शिक्षा की कमी’ और ‘पाखंड’ (धार्मिक पाखंड) है.

1 2 3 279