घोसी उपचुनाव: क्या एकजुट विपक्ष से जीतना भाजपा के लिए मुश्किल भरा साबित हो सकता है?

उत्तर प्रदेश के मऊ की घोसी सीट पर हुए उपचुनाव में सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह की जीत में स्थानीय समीकरणों के साथ-साथ भाजपा उम्मीदवार दारा सिंह चौहान की दलबदलू, घोसी का बाहरी और निष्क्रिय जनप्रतिनिधि की छवि ने बड़ी भूमिका निभाई है, फिर भी लोकसभा चुनाव के पहले यह चुनाव विपक्ष के इंडिया गठबंधन बनाम भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए की शक्ति परीक्षण का मैदान बन गया था और इसमें ‘इंडिया’ को सफलता मिली है.

उत्तर प्रदेश: क्यों भाजपा के लिए चुनौती बन गया है घोसी उपचुनाव

घोसी उपचुनाव सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान के इस्तीफ़े के कारण हो रहा है. चौहान उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी हैं. सपा ने यहां से दो बार विधायक रहे सुधाकर सिंह को मैदान में उतारा है. ग़रीबों के लिए काम और विकास की दुहाई, हिंदुत्व और बुलडोज़र की शौर्यगाथा पर दलबदलू और बाहरी बनाम स्थानीय के मुद्दे ने भाजपा की लड़ाई को कठिन बना दिया है.

निषाद वोटों पर दावेदारी के लिए गोरखपुर में एक बार फिर जंग छिड़ी

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में ‘निषाद महाकुंभ’ का आयोजन भाजपा नेता जय प्रकाश निषाद द्वारा किया जा रहा है. इस आयोजन ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल भाजपा और निषाद पार्टी के बीच की खींचतान को एक बार फिर सबके सामने लाकर रख दिया है.

ओबीसी नेता ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली एसबीएसपी फिर एनडीए में शामिल

साल 2002 में गठित एसबीएसपी को पूर्वी उत्तर प्रदेश में राजभर समुदाय से काफी समर्थन प्राप्त है. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के समय यह पार्टी सपा के साथ गठबंधन में थी. उससे पहले एसबीएसपी ने एनडीए के तहत भाजपा के साथ गठबंधन में 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा था.

उत्तर प्रदेश: सुभासपा उपाध्‍यक्ष महेंद्र राजभर ने पार्टी से इस्तीफ़ा दिया

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के संस्थापक सदस्य और उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर ने राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पर आरोप लगाया कि वह पार्टी के अभियान से भटक चुके हैं और अपने व्यक्तिगत अभियान के तहत धन बटोरने के चक्कर में लगे हुए हैं.

पिछड़ों को हिंदू के नाम पर इकट्ठा कर हमारे समाज का हिस्सा लूटा जा रहा है: ओम प्रकाश राजभर

साक्षात्कार: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर का दावा है 20 जनवरी तक कम से कम डेढ़ दर्जन मंत्री, विधायक भाजपा से इस्तीफ़ा देंगे और समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे. आगामी चुनाव के मद्देनज़र उनसे द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

उत्तर प्रदेश: विधानसभा चुनाव से पहले साथ आईं सपा और सुभासपा

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी प्रमुख ओमप्रकाश राजभर की बैठक हुई. हालांकि यह स्पष्ट नहीं बताया गया कि दोनों दल आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कोई गठबंधन करेंगे या नहीं. पूर्वांचल के कई ज़िलों में प्रभावी माने जाने वाली सुभासपा के विधानसभा में चार विधायक हैं.

योगी के नेतृत्व में भाजपा विधानसभा चुनाव लड़ेगी तो हम कतई गठबंधन नहीं करेंगे: राजभर

उत्तर प्रदेश में भाजपा के पूर्व सहयोगी और सरकार में मंत्री रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि जहां की जनता कोरोना काल में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, दवा और बिस्तर के लिए तरस रही थी और वहां के मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल में वोट मांग रहे थे.

लोगों के लिए आस्था का प्रतीक होगा, भाजपा-संघ के लिए कारोबार का ज़रिया राम मंदिर: सुभासपा अध्यक्ष

उत्तर प्रदेश में भाजपा की सहयोगी रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सीबीआई या ईडी से करवाने की मांग की है.

ओम प्रकाश राजभर की राजनीति क्या है?

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. बीते दिनों उन्हें पद से बर्ख़ास्त कर दिया गया.

उत्तर प्रदेश: योगी सरकार से बर्ख़ास्त हुए पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर

बर्ख़ास्त होने के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फैसले का स्वागत करता हूं. बाबासाहेब को भी दलितों की आवाज़ उठाने के लिए पद छोड़ना पड़ा था.

नामांकन रद्द होने के ख़िलाफ़ दाख़िल तेज बहादुर यादव की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज की

वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ सपा-बसपा गठबंधन के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने वाले बीएसएफ के बर्ख़ास्त जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन चुनाव आयोग ने तकनीकी आधार पर रद्द कर दिया था.

वाराणसी से नामांकन रद्द होने पर तेज बहादुर यादव ने सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल की याचिका

वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ सपा-बसपा गठबंधन के टिकट पर चुनाव लड़ने उतरने वाले बीएसएफ के बर्ख़ास्त जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन 1 मई को चुनाव आयोग ने तकनीकी आधार पर रद्द कर दिया था.

वाराणसी: नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ सपा से मैदान में उतरे तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द

नामांकन रद्द होने के बाद तेज बहादुर ने कहा कि मेरा नामांकन गलत तरीके से रद्द किया गया है. मुझे सबूत देने के लिए कहा गया था, मैंने सबूत दिए भी. इसके बावजूद मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया. हम इसके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.

वाराणसी में मोदी के ख़िलाफ़ खड़े बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव को सपा ने बनाया उम्मीदवार

सेना में खाने की गुणवत्ता को लेकर शिकायत करने के बाद सुर्ख़ियों में आए बीएसएफ के बर्ख़ास्त जवान तेज बहादुर यादव पहले निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना पर्चा भर चुके थे.