काबुल धमाके ने तालिबान के इस भरम को तोड़ दिया है कि वे शांति ला सकते हैं: टोलो टीवी प्रमुख

वरिष्ठ पत्रकार करण थापर से बात करते हुए अफ़ग़ानिस्तान के लोकप्रिय चैनल टोलो टीवी के प्रमुख साद मोहसेनी ने कहा कि तालिबान के लिए तो चुनौती अब शुरू हुई है क्योंकि उसे शासन करना है और इस बड़ी ज़िम्मेदारी के लिए ज़रूरी कौशल और गुण उसमें नदारद हैं.

काबुल हवाईअड्डे पर आत्मघाती हमलों में मरने वालों की संख्या 100 के पार, 13 अमेरिकी भी शामिल

अफ़ग़ानिस्तान पर आतंकी संगठन तालिबान के क़ब्ज़ा जमाने के बाद राजधानी काबुल स्थित हवाईअड्डे पर देश छोड़कर जाने के लिए लोग जद्दोजहद कर रहे हैं. इस दौरान बृहस्पतिवार को हवाईअड्डे और नज़दीक के एक होटल पर दो भयावह आत्मघाती हमले हुए हैं, जिसमें कम से कम 108 लोगों की मौत हो गई है. इसमें 95 अफ़ग़ान नागरिक और 13 अमेरिकी शामिल हैं. हमले के बाद शुक्रवार को देश से बाहर जाने वालों के लिए उड़ानें फिर से शुरू हो गई

अफ़ग़ानिस्तान से तीन उड़ानों में क़रीब चार सौ लोगों को भारत लाया गया

अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के क़ब्ज़े के बाद भारतीय वायुसेना के विमानों के ज़रिये 107 भारतीयों समेत कुल 168 लोगों को काबुल से दिल्ली लाया गया. अधिकारियों ने बताया कि 87 भारतीयों और दो नेपाली नागरिकों के एक अन्य समूह को दुशाम्बे से एअर इंडिया के एक विशेष विमान से लाया गया है.

भारत आए अफ़ग़ानिस्तान के नागरिकों ने बताया आंखों देखा हाल

वीडियो: 20 साल बाद तालिबान ने एक बार फिर अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़ा कर लिया है, जिससे वहां के नागरिक दहशत में हैं और देश छोड़कर भाग रहे हैं. द वायर ने दिल्ली आए वहां के कई नागरिकों से बात की. इनमें से कई ऐसे भी थे, जिन पर तालिबान आतंकियों ने हमला किया था.

गुड तालिबान या बैड तालिबान: अपना रुख़ साफ़ करे मोदी सरकार

वीडियो: भारत ने अब तक तालिबान को लेकर कुछ नहीं कहा है. सरकार ने न काबुल में तालिबान के विरोध में कोई बयान दिया और न ही ऐसी कोई बात कही है, जिससे ज़ाहिर हो कि भारत भी रूस या चीन की तरह काबुल में तालिबान को क़बूल कर लेगा. भारत सरकार को इस बारे में अपना रुख़ स्पष्ट करना चाहिए.

अफ़ग़ानिस्तान: बाइडन ने सेना बुलाने के फैसले का किया बचाव, अफ़ग़ान सेना को ठहराया ज़िम्मेदार

उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि यह सब कुछ हमारे अनुमान से कहीं ज़्यादा जल्दी हुआ. तो क्या हुआ? अफ़ग़ानिस्तान के नेताओं ने हार मान ली और देश छोड़कर भाग गए. अफ़ग़ान सेना पस्त हो गई और वो भी लड़ने की कोशिश किए बिना. पिछले हफ़्ते के घटनाक्रमों ने यह साबित कर दिया कि अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकी सेना की भागीदारी को ख़त्म करना सही फ़ैसला है.

अमेरिका पर अफ़ग़ान पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी: सीपीजे

बीते 15 अगस्त को तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में प्रवेश करने के बाद से ही ‘अफ़ग़ानिस्तान नेशनल रेडियो और टेलीविजन’ (आरटीए) ने सीधा प्रसारण बंद कर कर्मचारियों को घर भेज दिया था. शमशाद टीवी और तोलो टीवी के सुरक्षा गार्डों को नि:शस्त्र कर दिया गया और तोलो टीवी का सीधा प्रसारण या कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं.

अफ़ग़ानिस्तान संकट: भारत राजधानी काबुल से अपने राजनयिकों और अधिकारियों को वापस लाया

अधिकारियों ने बताया कि अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल से भारतीय वायुसेना का सी-17 विमान राष्ट्रीय राजधानी के पास स्थित हिंडन वायुसेना स्टेशन आने के क्रम में मार्ग में सुबह क़रीब 11:15 बजे गुजरात के जामनगर स्थित वायुसेना स्टेशन में उतरा. भारत ने अफ़ग़ान नागरिकों के लिए आपातकालीन ई-वीज़ा की घोषणा की. इस बीच भारत में रह रहे अफ़ग़ान छात्रों ने वीज़ा अवधि बढ़ाने की मांग की है.

अफ़ग़ानिस्तान के हालात भयावह, विमान से लटके लोग ज़मीन पर गिरे

वीडियो: अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल के एयरपोर्ट के हालात भयावह हैं. तालिबान के डर से लोग अफ़ग़ानिस्तान छोड़कर भाग रहे हैं. लोग अपनी जान बचाने के लिए चलते हुए विमान पर लटकने की कोशिश कर रहे हैं.

तालिबान के क़ब्ज़े में आया अफ़ग़ानिस्तान

वीडियो: अफ़ग़ानिस्तान में लगभग दो दशकों में सुरक्षा बलों को तैयार करने के लिए अमेरिका और नाटो द्वारा अरबों डॉलर ख़र्च किए जाने के बावजूद तालिबान ने एक सप्ताह में लगभग पूरे देश पर क़ब्ज़ा कर लिया है. फ़िलहाल अमेरिका अपने बाकी बचे कर्मचारियों को निकालने में लगा हुआ है. 

हज़ारों लोग अफ़ग़ानिस्तान से निकलने की जद्दोजहद में, काबुल एयरपोर्ट पर पांच लोगों की मौत

तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल पर क़ब्ज़ा कर लेने के बाद यहां तनाव का माहौल है. ज़्यादातर लोग अपने घरों में छिप गए हैं और बड़े-बड़े चौराहों पर तालिबान लड़ाके तैनात हैं. देश छोड़कर जाने वालों की भारी भीड़ काबुल एयरपोर्ट पर जमा है. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ ग़नी ने कहा है कि वह काबुल छोड़कर इसलिए चले गए, ताकि वहां ख़ून-ख़राबा और बड़ी मानवीय त्रासदी न हो. भारत ने एयर इंडिया ने काबुल की एकमात्र उड़ान रद्द कर

अफ़ग़ानिस्तान: काबुल स्थित राष्ट्रपति भवन पर तालिबान का क़ब्ज़ा, राष्ट्रपति ने देश छोड़ा

अफ़ग़ानिस्तान में लगभग दो दशकों में सुरक्षा बलों को तैयार करने के लिए अमेरिका और नाटो द्वारा अरबों डॉलर ख़र्च किए जाने के बावजूद तालिबान ने एक सप्ताह में लगभग पूरे देश पर क़ब्ज़ा कर लिया है. फ़िलहाल अमेरिका अपने बाकी बचे कर्मचारियों को निकालने में लगा हुआ है. इस बीच देश के राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी के ताज़िकिस्तान में शरण लेने की सूचना है. देश में सत्ता हस्तानांतरण की प्रक्रिया जारी है. यह स्पष्ट नहीं है कि यह कब होगा

अफ़ग़ानिस्तान: काबुल में तालिबान का प्रवेश, कहा- राजधानी को जबरन क़ब्ज़े में लेने की योजना नहीं

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में प्रवेश के साथ ही तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि वो शांतिपूर्ण हस्तांतरण का इंतज़ार कर रहे हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि अगर अफ़ग़ानिस्तान की सेना अपने देश पर नियंत्रण बनाए नहीं रख सकती या नहीं रखती है, तो भले ही एक और साल हो या पांच और साल, अमेरिकी सेना की उपस्थिति से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता.

अफगानिस्तान: तालिबान ने काबुल के निकट प्रांत पर किया कब्जा, उत्तरी शहर पर हमला किया

अफगानिस्तान से अमेरिका की पूरी वापसी में तीन सप्ताह से भी कम समय शेष बचा है और ऐसे में तालिबान ने उत्तर, पश्चिम और दक्षिण अफगानिस्तान के अधिकतर हिस्सों पर कब्जा कर लिया है. भारत सहित 12 देशों ने कहा है कि वे ऐसी किसी भी सरकार को मान्यता नहीं देंगे जो सैन्य बल के माध्यम से थोपी जाएगी.

जम्मू कश्मीर का विशेष दर्ज़ा हटाए जाने के बाद से स्थिति बिगड़ रही है: गुपकर गठबंधन

पांच अगस्त, 2019 को मोदी सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे़ को समाप्त कर दिया था. इसकी दूसरी वर्षगांठ पर गुपकर गठबंधन की ओर से कहा गया कि सरकार ने कहा है कि राज्य का दर्जा उचित समय आने पर तभी बहाल होगा, जब हालात सामान्य होंगे. इसका मतलब है कि स्थिति असामान्य बनी हुई है और शांति बहाल करने के दावे के साथ पांच अगस्त 2019 को लिए गए इस

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