कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: भारतीय समाज की लगभग स्वाभाविक हिंसा को संयमित करने के प्रयत्न अधिकतर विफल ही साबित हुए हैं. कहा जा सकता है कि महाभारत सदियों पहले हुए का मिथक या काव्य भर नहीं है: आज भी हम भारत और महाभारत में एक साथ हैं.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: बर्बरता के लोकव्यापीकरण के इस युग में शक्तिशाली देश, जो मिनटों में युद्ध समाप्त करने की सैन्य और राजनयिक क्षमता रखते हैं, चुपचाप विभीषिका देख रहे हैं. सृजनधर्मियों के लिए यह बर्बरता और हिंसा के विरुद्ध आवाज़ उठाकर अपनी पक्षधरता सत्यापित करने का समय है.
न्याय और बराबरी रोकने वालों ने बदलाव की लड़ाई को सांप्रदायिक नफ़रत की तरफ मोड़ दिया है. मुस्लिमों के ख़िलाफ़ घृणा उपजाने के लिए तमाम नकली अफ़वाहें पैदा की गईं, जिससे ग़ैर मुस्लिमों को लगातार भड़काया जा सके. आज इसी राजनीति का नतीजा है कि लोग महंगाई, रोज़गार, शिक्षा की बात करना भूल गए हैं.
आज के मनुष्य ने मछलियों की तरह जल में तैरना और पक्षियों की तरह आसमान में उड़ना भले सीख लिया है, मनुष्य की तरह धरती पर चलना उसे अभी सीखना है. मनुष्य की तरह धरती पर चलना न सीख पाने के ही कारण उसकी बार-बार की जाने वाली शांति की क़वायदें भी युद्ध की क़वायदों में बदल जाती हैं.
यूक्रेन के कीव स्थित भारतीय दूतावास ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि यूक्रेन में मौजूदा स्थिति की अनिश्चितताओं को देखते हुए भारतीय नागरिक, विशेष रूप से छात्रों जिनका वहां रहना आवश्यक नहीं है, वे अस्थाई तौर पर निकलने पर विचार कर सकते हैं. भारतीय नागरिकों को यूक्रेन के भीतर अनावश्यक यात्राओं से बचने की भी सलाह दी जाती है.
रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से तनाव जारी है. वर्तमान में युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं. यूक्रेन सीमा पर रूस एक लाख से अधिक सैनिकों की तैनाती कर चुका है. अपने सैन्य बलों को वापस बुलाने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका से सुरक्षा की कई मांगें की हैं. यूक्रेन के नाटो में प्रवेश पर प्रतिबंध और नाटो पूर्वी यूरोप के अधिकांश हिस्सों से सैनिकों और हथियारों को हटाए, रूस की प्रमुख मांग है.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने कहा कि 2020 के अंत तक विस्थापितों की संख्या 8.24 करोड़ से अधिक थी, जिनमें से अधिकतर अपने ही देश में विस्थापित हैं. एजेंसी के प्रमुख ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय हिंसा, उत्पीड़न व मानवाधिकार उल्लंघन नहीं रोक पा रहे, जिसके चलते लोग लगातार अपना घर छोड़ने को मजबूर हैं.
बुधवार को पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना के दो विमान मार गिराने और एक भारतीय पायलट को हिरासत में लेने का दावा किया था. गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा कि शांति का संदेश देने के लिए वे भारतीय पायलट अभिनंदन को रिहा करेंगे.
भारत और पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव को लेकर 500 से ज़्यादा लोगों ने शांति की अपील की है. इन लोगों में छात्र, शिक्षक, अर्थशास्त्री, पत्रकार, वकील, उद्यमी, लेखक, कलाकार, फोटोग्राफर, भौतिक विज्ञानी, पूर्व नौकरशाह, कूटनीतिज्ञ, जज और सेना के पूर्व अधिकारी शामिल हैं.
आज की मास्टर क्लास में अपूर्वानंद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे मौजूदा तनाव पर चर्चा कर रहे हैं.
भारत पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे तनाव के बीच संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा कि उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करने की कोशिश इसलिए की क्योंकि स्थितियों का बिगड़ना न पाकिस्तान के हक़ में होगा न भारत के.
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जब देश वायुसेना के पायलट विंग कमांडर अभिनन्दन की वापसी के लिए व्याकुल है तो उस वक्त प्रधानमंत्री सत्ता में बने रहने के लिए व्याकुल हैं.
बुधवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा कि हम दशकों से जंग के शिकार रहे हैं और इसके मायने जानते हैं. इसलिए मैं दोबारा कहता हूं कि हमें बातचीत से अपने मसले हल करने चाहिए.
पुलवामा आतंकी हमले के बाद किस तरह मीडिया असली मुद्दे से हटकर राजनीति करने पर ज़्यादा ध्यान दे रहा है, मीडिया बोल की 87वीं कड़ी में उर्मिलेश वकील एमएम अंसारी और वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा से इस बारे में चर्चा कर रहे हैं.
ग्लोबल थिंक टैंक स्टॉकहॉम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट में साल 2008 से 2012 और 2013 से 2017 के बीच भारत द्वारा हथियार ख़रीदने की दर में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई.