भाजपाई मुख्यमंत्री पेमा खांडू बोले- मैं भी खाता हूं बीफ, इसमें कुछ ग़लत नहीं

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री खांडू ने कहा, ‘केंद्र सरकार को इस नोटिफिकेशन पर दोबारा सोचना चाहिए. पूरे नॉर्थ ईस्ट में आदिवासियों की अच्छी ख़ासी संख्या है और वे मांसाहारी हैं.’

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अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री खांडू ने कहा, ‘केंद्र सरकार को इस नोटिफिकेशन पर दोबारा सोचना चाहिए. पूरे नॉर्थ ईस्ट में आदिवासियों की अच्छी ख़ासी संख्या है और वे मांसाहारी हैं.’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू. (फोटो: पीआईबी)

बीफ विवाद भाजपा के अंदर ही तूल पकड़ रहा है. अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने केंद्र के हालिया पशु बिक्री पर प्रतिबंध के फैसले से असहमति जताते हुए कहा है कि वह केंद्र के फैसले का समर्थन नहीं करते. अरुणाचल प्रदेश में भाजपा की सरकार है.

पेमा खांडू ने CNN-News18 को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि वे केंद्र सरकार के बूचड़खानों के लिए पशुओं की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने वाली अधिसूचना का समर्थन नहीं करते. सरकार को इस पर फिर से विचार करना चाहिए. खांडू ने कहा कि वे ख़ुद भी बीफ खाते हैं और बीफ खाने में कुछ भी ग़लत नहीं है.

न्यूज 18 हिंदी की ख़बर के मुताबिक, ‘अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता पेमा खांडू बीफ के सपोर्ट में आ गए हैं. मवेशियों की हत्या के मकसद से बेचने पर बैन के केंद्र के नोटिफिकेशन का उन्होंने विरोध किया है. खांडू ने कहा, केंद्र सरकार को अपनी इस अधिसूचना पर दोबारा सोचना चाहिए. उन्होंने कहा, मैं ख़ुद बीफ खाता हू और इसमें कुछ भी ग़लत नहीं है.’

ख़बर के मुताबिक, खांडू ने कहा, नरेंद्र मोदी सरकार काफी संवेदनशील है. बीजेपी नेता वैंकेया नायडू ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर राज्यों से बात करेंगे और मवेशियों के बेचने के मुद्दे पर दोबारा विचार करेंगे. सिर्फ़ अरुणाचल प्रदेश ही नहीं, पूरे नॉर्थ ईस्ट में अच्छी संख्या में आदिवासी रहते हैं और वे मांसाहारी हैं.’

हाल ही में केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर वध के लिए पशु बाज़ारों में मवेशियों की ख़रीद-फ़रोख़्त पर प्रतिबंध लगा दिया है. पर्यावरण मंत्रालय ने पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम के तहत सख़्त पशु क्रूरता निरोधक (पशुधन बाज़ार नियमन) नियम, 2017 को लेकर नई अधिसूचना जारी की है.

इस अधिसूचना के मुताबिक, पशु बाज़ार समिति के सदस्य सचिव को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी शख़्स बाज़ार में अवयस्क पशु को बिक्री के लिए न लेकर आए.

किसी भी शख़्स को पशु बाज़ार में मवेशी को लाने की इजाज़त नहीं होगी जब तक कि वहां पहुंचने पर वह पशु के मालिक द्वारा हस्ताक्षरित लिखित घोषणा-पत्र न दे दे जिसमें मवेशी के मालिक का नाम और पता हो और फोटो पहचान-पत्र की एक प्रति भी लगी हो. साथ ही मवेशी की पहचान का पूरा ब्योरा देने के साथ यह भी स्पष्ट करना होगा कि मवेशी को बाज़ार में बिक्री के लिए लाने का उद्देश्य उसका वध नहीं है.

इसके पहले मेघालय भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा था कि यदि राज्य में उनकी सरकार आती है तो वह गोमांस में इस तरह का प्रतिबंध कभी नहीं लगाएगी, बल्कि दाम घटा दिए जाएंगे.

मेघालय भाजपा के तूरा जिला अध्यक्ष बर्नार्ड एन. मरक ने सोमवार को बयान जारी कर कहा था, ‘मेघालय में भाजपा के अधिकतर नेता गोमांस खाते हैं. मेघालय जैसे राज्य और ख़ासकर गारो हिल्स में गोमांस पर प्रतिबंध लगाने का सवाल ही नहीं उठता. मेघालय में भाजपा के नेता ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और हिल्स इलाके के संवैधानिक प्रावधानों से परिचित हैं.’

भाजपा नेता ने कहा कि भाजपा अगर राज्य में अगले वर्ष सत्ता में आती है तो इसकी मंशा गोमांस प्रतिबंध की नहीं होगी बल्कि गारो हिल्स में गोमांस और दूसरे पशुओं के मांस के दामों और वधशालाओं को वैध किया जाएगा ताकि लोगों ख़ासकर गरीबों को मांस खाने में आसानी हो सके. हालांकि, इसके दो दिन बाद उन्होंने पार्टी से इस्तीफ़ा देते हुए कहा कि वे पार्टी की इस नीति से असहमत हैं.