बीएचयू: मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज खान का संस्कृत विभाग से इस्तीफा, आर्ट्स फैकल्टी जॉइन की

बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान फैकल्टी के साहित्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर फिरोज खान की नियुक्ति का पिछले एक महीने से कुछ छात्र विरोध कर रहे थे. छात्रों का कहना था कि जैन, बौद्ध और आर्य समाज से जुड़े लोगों को छोड़कर किसी भी गैर हिंदू को इस विभाग में नियुक्त नहीं किया जा सकता.

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प्रोफेसर फिरोज खान. (फोटो: फेसबुक)

बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान फैकल्टी के साहित्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर फिरोज खान की नियुक्ति का पिछले एक महीने से कुछ छात्र विरोध कर रहे थे. छात्रों का कहना था कि जैन, बौद्ध और आर्य समाज से जुड़े लोगों को छोड़कर किसी भी गैर हिंदू को इस विभाग में नियुक्त नहीं किया जा सकता.

प्रोफेसर फिरोज खान. (फोटो: फेसबुक)
प्रोफेसर फिरोज खान. (फोटो: फेसबुक)

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान फैकल्टी के प्रोफेसर डॉ. फिरोज खान ने इस्तीफा दे दिया है. प्रोफेसर खान ने आर्ट्स फैकल्टी के संस्कृत विभाग में अपने नियुक्ति को कारण बताते हुए इस्तीफा दे दिया है.

फैकल्टी प्रमुख द्वारा इस बात की आधिकारिक घोषणा होते ही छात्रों ने अपना धरना समाप्त कर दिया.

खान ने संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान फैकल्टी में पढ़ाने को लेकर उठे विवाद के बीच आर्ट्स फैकल्टी के संस्कृत विभाग और आयुर्वेद विभाग दोनों में साक्षात्कार दिया था. जिसके बाद दोनों विभागों में उनका चयन हो गया.

प्रोफेसर खान ने संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान से इस्तीफा देकर आर्ट्स फैकल्टी के संस्कृत विभाग में जॉइन कर लिया.

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के प्रोफेसर डॉ फिरोज खान के इस्तीफे की आधिकारिक घोषणा और छात्रों से धरना खत्म करने की अपील. (फोटो: सोशल मीडिया)
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की छात्रों से धरना खत्म करने की अपील. (फोटो: सोशल मीडिया)

इस बात को लेकर संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान के फैकल्टी प्रमुख प्रोफेसर कौशलेन्द्र पांडे ने धरनारत छात्रों को प्रोफेसर खान का इस्तीफा दिखाते हुए धरना समाप्त करने का अनुरोध किया जिसके बाद छात्रों ने धरना समाप्त कर दिया.

विश्वविद्यालय में सात नवंबर को हुई मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति के बाद से ही छात्र इसका विरोध कर रहे थे. यह विरोध प्रदर्शन एक महीने तक चला.

छात्रों का कहना था कि एक गैर-हिंदू शिक्षक संस्कृत फैकल्टी में धार्मिक अनुष्ठान नहीं सिखा सकता हैं. वह अन्य संस्कृत विभाग में भाषा तो पढ़ा सकता है, लेकिन धार्मिक अनुष्ठान नहीं सिखा सकता.

संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान विभाग बीएचयू प्रशासन और छात्रों के बीच एक महीने से अधिक समय से विवाद का विषय बना हुआ था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)