सऊदी अरब: पत्रकार जमाल ख़शोगी हत्या मामले में पांच दोषियों को मौत की सजा

अक्टूबर 2018 में द वॉशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार जमाल ख़शोगी की तुर्की स्थित सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास में हत्या कर दी गई थी. इस मामले में 11 आरोपियों में से पांच को फांसी और तीन को 24 साल क़ैद की सज़ा सुनाई गई है. क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के पूर्व शीर्ष सलाहकार सहित तीन आरोपियों को दोषमुक्त क़रार दिया गया है.

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Saudi dissident Jamal Khashoggi speaks at an event hosted by Middle East Monitor in London, Sept. 29, 2018. Reuters
पत्रकार जमाल ख़शोगी. (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

अक्टूबर 2018 में द वॉशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार जमाल ख़शोगी की तुर्की स्थित सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास में हत्या कर दी गई थी. इस मामले में 11 आरोपियों में से पांच को फांसी और तीन को 24 साल क़ैद की सज़ा सुनाई गई है. क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के पूर्व शीर्ष सलाहकार सहित तीन आरोपियों को दोषमुक्त क़रार दिया गया है.

Saudi dissident Jamal Khashoggi speaks at an event hosted by Middle East Monitor in London, Sept. 29, 2018. Reuters
पत्रकार जमाल ख़शोगी. (फोटो: रॉयटर्स)

रियादः सऊदी अरब के पत्रकार जमाल ख़शोगी की हत्या के मामले में पांच लोगों को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है जबकि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के पूर्व शीर्ष सलाहकार सहित तीन को दोषमुक्त कर दिया है.

सीएनए की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके साथ ही तीन लोगों को हत्या को छिपाने और नियमों का उल्लंघन करने के लिए 24 साल कैद की सजा सुनाई गई है.

मालूम हो कि पिछले साल इस्तांबुल में सऊदी अरब के दूतावास में ख़शोगी की हत्या कर दी गई थी.

सऊदी अरब के डिप्टी पब्लिक प्रॉसिक्यूटर शालान अल-शालान ने सोमवार को बताया कि सऊद अल कातानी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं.

उन्होंने कहा कि अदालत ने इसके साथ ही खुफिया उपप्रमुख अहमद अल असिरी और सऊदी के काउंसल जनरल मोहम्मद अल औतैबी पर लगे आरोप भी खारिज कर दिए.

इस हत्या में अहमद अल असिरी और मोहम्मद अल औतैबी की कथित भागीदारी की वजह से अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने इन दोनों पर सालभर पहले प्रतिबंध लगा दिए थे.

ये दोनों सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के करीबी थे और पिछले साल अक्टूबर में ख़शोगी की हत्या के बाद इन दोनों को पदमुक्त कर दिया गया था.

सऊदी अरब सरकार के अभियोजन पक्ष की तरफ से बताया गया था कि ख़शोगी की हत्या सऊदी के ही कुछ लोगों ने की थी. इस मामले में 11 लोगों पर मामला चलाया गया था.

ख़शोगी वाशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार थे और सऊदी अरब प्रशासन के मुखर आलोचक थे. उन्हें आखिरी बार दो अक्टूबर 2018 को इस्तांबुल में सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावस में घुसते देखा गया था.

वह अपनी शादी के लिए कुछ दस्तावेज लेने दूतावास गए थे लेकिन अंदर ही उनकी हत्या कर दी गई थी और कथित तौर पर अंदर ही उनके शव को ठिकाने लगा दिया गया. उनका शव आज तक बरामद नहीं हुआ.

मालूम हो कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान पर ख़शोगी की हत्या किए जाने के आरोप लगे कि उनके निर्देश पर ख़शोगी की हत्या की गई. हालांकि, सऊदी प्रशासन ने इससे इनकार किया था. ख़शोगी सऊदी अरब के शाही परिवार और उनकी नीतियों के खिलाफ काफी मुखर थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)