फिल्मकार और संगीतकार विशाल भारद्वाज ने सवाल उठाया है कि तोड़-फोड़ में पुलिस के कथित रूप से शामिल होने की खबरें सामने आने के बाद क्या इस मामले की कोई न्यायिक जांच होगी.
मुंबई: फिल्मकार-संगीतकार विशाल भारद्वाज ने कहा है कि वह संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ पिछले हफ्ते हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा तोड़-फोड़ किए जाने की खबरों से निराश हैं.
निर्देशक ने यह भी जानना चाहा कि तोड़-फोड़ में पुलिस के कथित रूप से शामिल होने की खबरें सामने आने के बाद क्या किसी न्यायिक जांच के आदेश दिए जाएंगे.
भारद्वाज ने मंगलवार की रात ट्विटर पर लिखा, ‘उत्तर प्रदेश पुलिस क्या कर रही है, एनडीटीवी पर यह देख कर बड़ी निराशा हुई. सीसीटीवी तोड़ना और सार्वजनिक संपत्ति को क्षतिग्रस्त करना, नुकसान पहुंचाना. अब क्या? क्या इसकी कोई न्यायिक जांच होगी?’
Disgusting to see on NDTV what UP police is doing. Breaking CC TVs and Ransacking. Damaging public property. Now what? Will there be a judicial inquiry?
— Vishal Bhardwaj (@VishalBhardwaj) December 24, 2019
मुजफ्फरनगर समेत राज्य के 12 दीगर जिलों में पिछले शुक्रवार को संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हिंसा हुई थी. रिपोर्टों के मुताबिक इस दौरान पुलिस ने कथित तौर पर सीसीटीवी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था.
मालूम हो कि बीते 19 दिसंबर को अलग-अलग समूहों द्वारा देशभर में प्रदर्शन का आह्वान किया गया था. इस दौरान उत्तर प्रदेश में लखनऊ में हुई हिंसा के बाद केवल एक मौत हुई थी. हालांकि, पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हुए थे.
19 दिसंबर की शाम को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया से बात करते हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई और बदला लेने की बात कही थी. इसके बाद 20 दिसंबर से ही उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में करीब 18 लोग मारे जा चुके हैं.
बता दें कि प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह समेत तमाम आला अधिकारियों ने दावा किया था कि किसी भी प्रदर्शनकारी की मौत पुलिस की गोली से नहीं हुई है. हालांकि एक मृतक मोहम्मद सुलेमान के मामले में बिजनौर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि उनकी मौत पुलिस द्वारा आत्मरक्षा में चलाई गई गोली से हुई.
बता दें कि नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर उत्तर प्रदेश के रामपुर में हुई हिंसा के संबंध में प्रशासन ने 28 लोगों को नोटिस जारी किए हैं. नोटिस में इन 28 लोगों को हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान का ज़िम्मेदार बताया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस और जिला प्रशासन ने पूरे जिले में लगभग 25 लाख रुपये के नुकसान का आकलन करने के बाद मंगलवार को नोटिस जारी किए थे. पुलिस ने शुरू में कहा था कि लगभग 15 लाख रुपये का नुकसान हुआ है लेकिन अंतिम आकलन में यह आंकड़ा 25 लाख रुपये पहुंच गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)