कर्नाटक में मुस्लिम युवती बानू बेगम ने एक दलित युवक से शादी कर ली, जिससे नाराज़ होकर दोनों के परिवार वालों ने युवती को जलाकर मार डाला.
कर्नाटक के बीजापुर ज़िले में एक 21 वर्षीय मुस्लिम युवती को दलित लड़के से शादी करने पर उसके ही परिवार वालों ने ज़िंदा जला कर मार डाला. एएनआई न्यूज़ एजेंसी की ख़बर के अनुसार मृत महिला गर्भवती भी थी. यह घटना 3 जून, शनिवार को हुई थी और इसे ‘ऑनर किलिंग’ का मामला भी बताया जा रहा है.
द न्यूज़ मिनट की रिपोर्ट के अनुसार, बीजापुर के मुद्देबाहिल तालुका के गुंडकानाल गांव के रहने वाले बानू बेगम और 24 वर्षीय सयाबन्ना शारानप्पा कोनूर के बीच प्रेम संबंध था. दोनों ने यह बात अपने घरवालों से छिपा रखी थी. उन्हें डर था कि कहीं उनका परिवार इस रिश्ते को स्वीकार न करे.
22 जनवरी को बानू बेगम के परिवार वालों को दोनों के प्रेम संबंधों के बारे में पता चल गया था और उन्होंने सयाबन्ना की पिटाई भी की. पिटाई की घटना के बाद दोनों 24 जनवरी को गोवा चले गए और वहां जा कर शादी कर ली.
Vijaypura (Karnataka): A pregnant Muslim woman burnt alive for allegedly marrying a Dalit man; four people arrested pic.twitter.com/WjcMRDokRI
— ANI (@ANI) June 6, 2017
फरवरी के महीने में दोनों ने क़ानूनी रूप से शादी की थी और गोवा में ही रहने का फैसला किया. बानू बेगम के गर्भवती होने के बाद दोनों ने वापस गांव लौटने का फैसला लिया था.
तालिकोटे के डिप्टी एसपी पीके पाटिल का कहना है कि शनिवार को जब दोनों अपने गांव लौटे तो वो बानू के घर जा कर उन्हें उसके गर्भवती होने की बात बताई. उसके घर वालों ने इस रिश्ते को स्वीकार करने से इंकार कर दिया और सयाबन्ना से काफ़ी झगड़ा भी किया.
पाटिल दोनों के गोवा जाने से पहले की घटना पर कहते हैं ‘जब बानू के परिवार वालों को दोनों के प्रेम संबंध के बारे में पता चला था तब वे दोनों को जबरन पुलिस स्टेशन लाए थे. बानू के परिवार ने बहुत हंगामा भी किया था और सयाबन्ना पर मुक़दमा दर्ज़ करने का दबाव बना रहे थे.’
पाटिल आगे बताते हैं कि सयाबन्ना के पिता भी इस रिश्ते से खुश नहीं थे. शनिवार की रात को जब युगल ने परिवारों की बात मानने से इंकार कर दिया, तो बानू के परिवार और सयाबन्ना के पिता ने दोनों की बुरी तरह पिटाई शुरू कर दी. सयाबन्ना वहां से बच निकलने में कामयाब रहा और तालिकोटे पुलिस स्टेशन में घायल अवस्था में पहुंचा. लेकिन बानू भागने में असफल रही.
पाटिल बताते हैं कि उसके शरीर पर दांतों से काटने के निशान थे. उसने पुलिस स्टेशन में पूरी घटना के बारे में बताया और वहां से बानू को लेने निकल पड़ा.
सयाबन्ना के वहां पहुंचने से पहले उनके परिवार वालों ने बानू को ज़िंदा जला दिया था. पाटिल के अनुसार 2 पुलिसकर्मी मौके पर 10 मिनट देरी से पहुंचे थे. बानू के मृत शरीर पर लगी आग को बुझाते-बुझाते वो चीख़ रहा था और उसी दौरान वो घायल भी हो गया था.
सयाबन्ना का कहना है कि बानू की मदद के लिए कोई भी आगे नहीं आया और यहां तक की पड़ोसियों ने भी खिड़की और दरवाज़े बंद कर लिए थे. वो बताता है कि बानू के रिश्तेदार और पड़ोसी भी मानते थे कि बानू ने इस तरह शादी करके पाप किया है. जब वो ज़िंदा जल रही थी, तब सब मूकदर्शक बने हुए थे.
तालिकोटे पुलिस स्टेशन के एक अफ़सर का कहना है कि अगल बगल के पड़ोसी किसी भी तरह की कार्रवाई में मदद नहीं कर रहे हैं. घटना के बारे में पूछने पर सब यही कहते हैं कि न उन्होंने कुछ सुना और न ही कुछ देखा.
रविवार को बानू की मां, भाई, बहन और ससुर (सयाबन्ना के पिता) को गिरफ़्तार कर लिया गया है, जबकि बानू के दो भाई और दो बहन अभी भी फ़रार है. पाटिल के अनुसार बानू को ज़िंदा जलने से पहले चाकू से गोदा गया था.
न्यूज़ 18 की पिछले साल अप्रैल की एक ख़बर के अनुसार कर्नाटक के मांड्या में एक 19 साल की युवती मोनिका के दलित लड़के से शादी करने पर ‘आॅनर किलिंग’ की घटना हुई थी. मोनिका की लाश एक खेत में लटकी मिली थी.
अगले दिन शव का जल्दबाज़ी में अंतिम संस्कार कर दिया गया था. पुलिस को शक है कि मोनिका से जबरन एक ‘सुसाइड लेटर’ लिखवाया गया था और उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने इस मामले में लड़की के पिता और चाचा को गिरफ़्तार भी किया था.