उत्तर प्रदेशः कथक डांसर की परफॉर्मेंस बीच में रोकी गई, अधिकारियों ने कहा- कव्वाली नहीं चलेगी

इस कार्यक्रम का आयोजन उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग की ओर से किया गया था. कथक नृत्यांगना मंजरी चतुर्वेदी ने कहा कि शुरुआत में मुझे लगा कि यह किसी तरह की तकनीकी गड़बड़ी है लेकिन मेरे मंच पर होने के बावजूद किसी दूसरे परफॉर्मर के नाम की घोषणा होने पर मुझे वास्तविकता का पता चला.

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इस कार्यक्रम का आयोजन उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग की ओर से किया गया था. कथक नृत्यांगना मंजरी चतुर्वेदी ने कहा कि शुरुआत में मुझे लगा कि यह किसी तरह की तकनीकी गड़बड़ी है लेकिन मेरे मंच पर होने के बावजूद किसी दूसरे परफॉर्मर के नाम की घोषणा होने पर मुझे वास्तविकता का पता चला.

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कथक डांसर मंजरी चतुर्वेदी (फोटो साभारः फेसबुक)

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक कार्यक्रम में बुधवार को परफॉर्म कर रहीं कथक डांसर मंजरी चतुर्वेदी की परफॉर्मेंस को बीच में ही रोक दिया गया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मंजरी पाकिस्तान के लोकप्रिय कव्वाल नुसरत फतेह अली खान की कव्वाली ‘ऐसा बनना संवरना मुबारक तुम्हें’ पर प्रस्तुति दे रही थीं.

उन्होंने कहा, ‘पहले मैंने सोचा कि कोई तकनीकी गड़बड़ी है लेकिन ऐसा नहीं था. संगीत रुकने के बाद मैं मंच पर ही थीं कि अगली प्रस्तुति का ऐलान कर दिया गया.’

मंजरी ने कहा कि इस बीच आयोजन में मौजूद अधिकारियों ने स्टेज के आगे आकर कहा, ‘कव्वाली नहीं चलेगी, स्टेज पर कव्वाली नहीं होगी.’

मंजरी ने तुरंत माइक पर जाकर कहा, ‘अपने 25 साल के करिअर में मैंने 35 देशों में परफॉर्म किया है और कभी मुझे इस तरह बीच में नहीं रोका गया, कभी मंच से नहीं हटाया गया. मैं अपने डांस के जरिए गंगा-जमुनी तहजीब की बात करती रहूंगी.’

मंजरी ने बताया कि मैं अपनी 45 मिनट की परफॉर्मेस के आखिरी चरण में थी कि तभी इसे रोक दिया गया. उन्होंने कहा, ‘मुझे बाद में अपने टेक्नीशियन से पता चला कि परफॉर्मेस खत्म होने में कुछ मिनट ही बाकी थे तभी अधिकारी आए और उन्होंने संगीत रोक दिया.’

इस दौरान उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर ह्रदय नारायण दीक्षित दर्शकदीर्घा की पहली कतार में बैठे थे. इस कार्यक्रम का आयोजन उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग की ओर से किया गया था.

अधिकारियों ने पहचान उजागर न होने की शर्त पर बताया कि कार्यक्रम रोके जाने से धर्म और संगीत का कोई संबंध नहीं था. समय की कमी की वजह से कार्यक्रम को बीच में रोकना पड़ा.

चतुर्वेदी ने कहा कि सांस्कृतिक मामलों के दो अधिकारी बाद में बैकस्टेज मेरे पास आए और कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था, लेकिन आपने बड़ी शालीनता के साथ इसे संभाला.

वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें अगले दिन बुलाया और कहा कि ऐसा करने की उनकी कोई मंशा नहीं थी और उन्हें उत्तर  प्रदेश दिवस के दौरान एक कार्यक्रम के लिए आमंत्रित भी किया गया.