जेएनयू छात्रसंघ ने दिल्ली हाईकोर्ट से हॉस्टल नियमावली में बदलाव और सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन में देरी पर फाइन सहित हॉस्टल प्रशासन द्वारा नियमों में किए गए बदलावों पर रोक लगाने की अपील की है.
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) की अध्यक्ष ओइशी घोष सहित छात्रसंघ के कई सदस्यों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के कुछ फैसलों के खिलाफ मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्र संगठन ने हॉस्टल नियमावली में बदलाव और विंटर सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन में देरी पर फाइन सहित हॉस्टल प्रशासन द्वारा नियमों में किए गए बदलावों पर रोक लगाने की अपील की है.
छात्रसंघ ने चर्चा के बिना अक्टूबर में पारित हुए इस इंटर हॉस्टल मैनेजमेंट मैनुअल (आईएचए) को अवैध करार दिया था. छात्रसंघ का कहना है कि हॉस्टल मैनुअल का फैसला मनमाना और अवैध है और इससे यूनिवर्सिटी के छात्र समुदाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
याचिका में कहा गया है, ‘संशोधित हॉस्टल मैनुअल में हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी, हॉस्टल के कमरों के आवंटन में आरक्षित श्रेणियों के अधिकार प्रभावित होना और आईएचए में जेएनयूएसयू के प्रतिनिधियों की संख्या घटाना है.’
जेएनयू छात्रसंघ ने याचिका में कहा, ‘आईएचए की बैठक के मिनट्स में यह भी कहा गया है कि मेस शुल्क, स्वच्छता शुल्क, रूम शुल्क सहित कई अन्य शुल्कों में हर अकादमिक वर्ष (मानसून सत्र से) में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी.’
Delhi: The plea filed by JNUSU members including JNUSU president Aishe Ghosh, Vice President Saket Moon and others seeks directions of the Court to restrain the JNU administration from imposing late fees on students for registrations in Winter Semester-2020. https://t.co/R1lQK4v9MQ
— ANI (@ANI) January 21, 2020
हॉस्टल के नए फीस नियमों के तहत छात्रों को 1,700 रुपये प्रति महीने सेवा शुल्क का भुगतान करना है. हालांकि इस शुल्क को बाद में प्रशासन ने वापस ले लिया गया. सिंगल कमरे का किराया 20 रुपये प्रति महीने से बढ़कर 600 रुपये प्रति महीना हो गया है. वहीं, डबल शेयरिंग कमरे का शुल्क 10 रुपये प्रति महीने से बढ़कर 300 रुपये प्रति महीना हो गया है.
मालूम हो कि मानव संसाधन एवं विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 14 जनवरी को कहा था कि हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी संबंधित मामले को सुलझा लिया गया है. उन्होंने छात्रों से इस आंदोलन को खत्म करने को कहा था.
निशंक ने कहा था कि छात्रों ने सेवा और यूटिलिटी चार्ज खत्म करने की मांग की थी, जिसे मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया. हालांकि हॉस्टल कमरों का संशोधित शुल्क छात्र वहन करेंगे, जिसमें गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रह रहे छात्रों को 50 फीसदी की रियायत है.
वहीं, जेएनयू छात्रसंघ ने एक बार फिर पंजीकरण और कक्षाओं का बहिष्कार जारी रखने की घोषणा की थी. छात्रसंघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कक्षाएं शुरू करने, कक्षाओं की समयसारिणी और जारी शिक्षण कार्यक्रम को भी खारिज कर दिया.
बता दें कि पांच जनवरी को जेएनयू में नकाबपोश भीड़ ने कैंपस में छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया था. इस हमले में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष ओएशी घोष गंभीर रूप से घायल हो गई थीं.