सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी कर पूछा कि स्कूल बंद किए जाने पर बच्चों को मिड-डे मील कैसे उपलब्ध कराया जा रहा है.
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप के चलते देश के कई हिस्सों में स्कूलों के बंद होने के कारण बच्चों के लिए मिड-डे मील उपलब्ध नहीं होने के मामले का बुधवार को स्वत: संज्ञान लिया.
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे के नेतृत्व में एक पीठ ने मामले पर स्वत: संज्ञान लिया और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी कर पूछा कि स्कूल बंद किए जाने पर बच्चों को मिड-डे मील कैसे उपलब्ध कराया जा रहा है.
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर और अन्य कई राज्यों में 31 मार्च तक स्कूल बंद हैं.
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस से एहतियात के तौर पर सभी शैक्षणिक संस्थान, सार्वजनिक स्थल जैसे स्विमिंग पूल, स्पा, जिम, सिनेमाघर और सांस्कृतिक केंद्र आदि बंद करने की घोषणा कर चुकी है.
बुधवार सुबह जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 147 हो चुकी है. इनमें से 122 भारतीय और 24 विदेशी शामिल हैं.
इसके अलावा देश में कोरोना वायरस के चलते अब तक तीन लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)