देशव्यापी लॉकडाउन के कारण ट्राई के निर्देश पर बीएसएनएल, एमटीएनएल और एयरटेल ने प्रीपेड ग्राहकों की वैधता 20 अप्रैल तक बढ़ाने और 10 रुपये का अतिरिक्त टॉकटाइम देने की घोषणा की, जो प्रति उपभोक्ता कम खर्च करने वाले ग्राहकों के लिए सीमित होगी. इसका फायदा करीब आठ करोड़ ग्राहकों को होगा.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के सामुदायिक फैलाव को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल और एमटीएनएल ने प्रीपेड ग्राहकों की वैधता 20 अप्रैल तक बढ़ा दी है. इसके अलावा निजी क्षेत्र एयरटेल ने प्रीपेड अवधि को 17 अप्रैल तक बढ़ा दिया है.
इसके साथ ही तीनों कंपनियों ने 10 रुपये के अतिरिक्त टॉकटाइम देने की भी पेशकश की है.
यह योजना प्रति उपभोक्ता कम खर्च करने वाले ग्राहकों के लिए ही सीमित होगी. कंपनी का अनुमान है कि इसका फायदा आठ करोड़ ग्राहकों को होगा.
इससे पहले दूरसंचार क्षेत्र के नियामक ‘भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिरकण’ (ट्राई) ने लॉकडाउन को देखते हुए दूरसंचार कंपनियों से प्रीपेड ग्राहकों की वैधता अवधि बढ़ाने के लिए कहा था, ताकि इस दौरान प्रीपेड ग्राहकों को निर्बाध सेवा मिल सके.
साथ ही ट्राई ने ऐसे ग्राहकों को ‘प्राथमिकता के साथ’ निर्बाध दूरसंचार सेवाएं देने पर कंपनियों की ओर से उठाए जा रहे कदमों की जानकारी भी मांगी थी.
इसके बाद सरकारी क्षेत्र की बीएसएनएल और एमटीएनएल ने एक बयान में कहा , ‘जिन प्रीपेड ग्राहकों की वैधता 22 मार्च 2020 को खत्म हो गयी है. कंपनी उनकी वैधता को 20 अप्रैल 2020 तक मुफ्त में बढ़ा रही है. वहीं इस दौरान जिन लोगों का बैलेंस शून्य हो गया है कंपनी की ओर से उन्हें 10 रुपये का मुफ्त टॉकटाइम भी दिया जाएगा.’
बीएसएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक प्रवीण कुमार पुरवार ने ग्राहकों से डिजिटल माध्यमों का प्रयोग कर अपने फोन नंबरों पर रिचार्ज कराने के लिए भी कहा.
कंपनी ने कहा कि गरीबों और जरूरतमंद लोगों तक इस सुविधा को विशेष तौर पर पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए कहा. वैधता बढ़ने से वह इनकमिंग कॉल स्वीकार कर पाएंगे.
इस बारे में संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट किया , ‘इससे ऐसे गरीब लोगों को मदद मिलेगी जिनका मोबाइल बैलेंस इस दौरान शून्य हो गया है.’
प्रसाद ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दूरसंचार विभाग और डाक विभाग के सभी परिक्षेत्र प्रमुखों से दूरसंचार जैसी अनिवार्य सेवाओं की समीक्षा भी की.
वहीं निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी एयरटेल ने एक बयान में कहा, ‘वह अपने आठ करोड़ प्रीपेड ग्राहकों की वैधता 17 अप्रैल तक बढ़ा रही है. साथ ही ग्राहकों के फोन नंबरों पर 10 रुपये का टॉकटाइम भी देगी.’
कंपनी के मुख्य विपणन अधिकारी शास्वत शर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के दौरान लोगों को अपने परिजनों से जुड़े रहने में मदद के लिए कंपनी ने यह निर्णय किया है.
इससे पहले ट्राई ने रविवार को सभी कंपनियों से कहा, ‘सार्वजनिक बंद के दौरान प्रीपेड ग्राहकों को निर्बाध सेवाएं मिल सकें इसके लिए आपको उनकी वैधता बढ़ाने समेत अन्य आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है.’
ट्राई का यह निर्देश 21 दिन की राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान लोगों को रिचार्ज कूपन और अन्य भुगतान विकल्पों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के क्रम में आया है.
कोरोना वायरस के सामुदायिक फैलाव को रोकने के लिए सरकार ने देशभर में 24 मार्च को 21 दिन की राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा की थी.
ट्राई ने कहा, ‘दूरसंचार सेवाओं को अनिवार्य सेवाओं के दायरे में रखा गया है और उसे इस बंद से छूट दी गयी है. हालांकि इस बंद से ग्राहक देखभाल केंद्रों और बिक्री केंद्रों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है.’
नियामक ने कहा कि ऐसे में संभावना है कि प्रीपेड ग्राहक अपना टॉपअप या वैधता बढ़वाना चाहें. इसमें ऑफलाइन इन सुविधाओं का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है या उनकी सेवा बाधित हो सकती है. इसलिए ट्राई ने कंपनियों को वैधता बढ़ाने पर विचार करने के लिए कहा है.
बता दें कि, बीते 29 मार्च को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने दूरसंचार कंपनियों से अपील की थी कि वे प्रवासी श्रमिकों को एक माह के लिए अपनी सेवाएं नि:शुल्क मुहैया कराएं ताकि गरीब श्रमिक अपने प्रियजनों से संपर्क कर सकें.
प्रियंका ने एयरटेल प्रमुख सुनील भारती मित्तल, रिलायंस प्रमुख मुकेश अंबानी और बीएसएनएल एवं वोडाफोन के प्रमुखों को अलग-अलग लिखे पत्रों में खाना, दवा एवं आश्रय से वंचित उन लाखों प्रवासी मजदूरों की स्थिति को रेखांकित किया था जो अपने गृहराज्यों की ओर पैदल जा रहे हैं.
गांधी ने कहा था कि बड़ी संख्या में गरीब प्रवासी श्रमिक अपने गृहनगर जाने के लिए सैंकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा कर रहे हैं, उनके पास फोन रिचार्ज कराने के लिए पैसे नहीं हैं और वे अपने संबंधियों से बात या संपर्क नहीं कर सकते, ऐसे में दूरसंचार कंपनियां हालात में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं.
कांग्रेस महासचिव ने कहा था कि वह उन लाखों प्रवासी मजदूरों के मानवाधिकारों को रेखांकित करने के लिए पत्र लिख रही हैं जो भूखे-प्यासे हैं और अपने घरों तक पहुंचने के लिए अनेक समस्याओं से जूझ रहें हैं.
उन्होंने कहा था, ‘मुझे लगता है कि संकट के इस समय में देश के लोगों की मदद करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है. मैं आपसे एक माह के लिए मोबाइल सेवाएं नि:शुल्क मुहैया कराने का अनुरोध करती हूं ताकि ये पुरुष एवं महिलाएं अपने प्रियजनों से आसानी से संपर्क कर सकें और उन्हें जीवन के इस मुश्किल समय में उनसे बात करने में किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)