मध्य प्रदेश: मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने प्रतीक हजेला को स्वास्थ्य प्रमुख के पद से हटाया

बुधवार को कोरोना वायरस की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने विशेष अधिकारी एवं आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रतीक हजेला को हटाने का निर्देश दिया. पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने हजेला के मध्य प्रदेश ट्रांसफर किए जाने संबंधी आदेश जारी किए थे.

प्रतीक हजेला. (फोटो साभार: फेसबुक)

बुधवार को कोरोना वायरस की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने विशेष अधिकारी एवं आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रतीक हजेला को हटाने का निर्देश दिया. पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने हजेला के मध्य प्रदेश ट्रांसफर किए जाने संबंधी आदेश जारी किए थे.

प्रतीक हजेला. (फोटो साभार: फेसबुक)
प्रतीक हजेला. (फोटो साभार: फेसबुक)

भोपाल: मध्य प्रदेश में सत्ता में वापसी के कुछ दिनों के भीतर ही मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की प्रक्रिया के प्रमुख रहे प्रतीक हजेला को प्रदेश के स्वास्थ्य प्रमुख के पद से हटा दिया.

बुधवार को कोरोना वायरस की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने विशेष अधिकारी एवं आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रतीक हजेला को हटाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि कोविड-19 से जुड़े किसी भी प्रकार के प्रबंधन में लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी.

इसके कुछ ही घंटों बाद 1995 बैच के आईएएस अधिकारी हजेला को इस पद से हटा कर प्रमुख सचिव, मध्य प्रदेश शासन पदस्थ किया गया है.

उनके स्थान पर 1996 बैच के आईएएस अधिकारी फैज अहमद किदवई को वर्तमान कर्त्तव्यों के साथ आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, शिवराज सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान हजेला पर अपने कर्तव्यों को लेकर गंभीर लापरवाही बरतने पर हटाया है.

असम में एनआरसी समन्वयक की जिम्मेदारी निभाने वाले हजेला को वहां पर भी भाजपा और भाजपा नेतृत्व वाली सरकार की नाराजगी का सामना करना पड़ा था.

असम-मेघायल कैडर के अधिकारी हजेला एनआरसी के मसौदे में शामिल नामों के नमूने के पुन: सत्यापन के लिए पिछले साल असम और केंद्र सरकार की याचिकाओं का समर्थन नहीं करने के कारण प्रताड़ित होना पड़ा था. इसके बाद अंतिम एनआरसी सूची को असम सरकार ने खारिज कर दिया था.

मालूम हो कि पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने हजेला के मध्य प्रदेश ट्रांसफर किए जाने संबंधी आदेश जारी किए थे. इसके बाद उन्हें 12 नवंबर को कार्यमुक्त कर दिया गया था.

वहीं, 31 अगस्‍त को जारी एनआरसी की अंतिम सूची में कथित विसंगतियों के कारण पिछले महीने हजेला के खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए थे.

बता दें कि, अब तक मिली रिपोर्टों के मुताबिक मध्य प्रदेश में कुल 98 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं. इनमें इंदौर के सर्वाधिक 75 मरीज शामिल हैं. इसके अलावा, जबलपुर के आठ, उज्जैन के छह, भोपाल के चार, शिवपुरी एवं ग्वालियर के दो-दो एवं खरगोन में एक मरीज में भी इस संक्रमण की पुष्टि हुई है. इनमें से छह लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से इंदौर के तीन, उज्जैन के दो और खरगोन के एक मरीज शामिल हैं.

मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल ने कहा, ‘संक्रमित पाये गये मरीजों में से छह की मौत हो चुकी है. लेकिन बाकी बचे हुए मरीजों में से आठ मरीज ठीक हो चुके हैं और अस्पताल में 14 दिन गुजारने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)