पुलिस के अनुसार, नगांव ज़िले के ढींग विधानसभा क्षेत्र से ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के विधायक अमीनुल इस्लाम का एक कथित ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वे राज्य में कोरोना का इलाज कर रहे अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटरों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं.
गुवाहाटी: असम के ढिंग विधानसभा क्षेत्र के ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईडीयूएफ) के विधायक को कथित तौर पर अस्पतालों की स्थिति पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए गिरफ्तार किया गया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पुलिस ने बताया कि असम के एक विपक्षी विधायक को मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों का इलाज करने वाले अस्पतालों की सुविधाओं और स्थिति के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए गिरफ्तार किया गया हैं.
राज्य पुलिस प्रमुख भास्कर ज्योति महंत ने बताया कि अमीनुल इस्लाम, ढींग विधानसभा क्षेत्र से ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईडीयूएफ) के विधायक हैं. उन्होंने अस्पतालों को हिरासत केंद्रों से भी बदतर बताया था.
उन्होंने बताया कि एक ऑडियो क्लिप, जो इस्लाम और एक अन्य व्यक्ति के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग है, सोशल मीडिया में वायरल हो रहा था जिसमें इस्लाम ने कथित तौर पर असम में क्वारंटाइन सुविधाओं और अस्पतालों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की है.
ऑडियो क्लिप के बारे में छपी ख़बरों के मुताबिक, इस्लाम ने कथित तौर पर ये आरोप भी लगाया कि निज़ामुद्दीन से वापस आए लोगों को क्वारंटाइन सेंटरों में प्रताड़ित किया जा रहा है और स्वस्थ लोगों को इंजेक्शन देकर उन्हें बीमार और करोना से संक्रमित रोगी के तौर पर दिखाया जा रहा है.
साथ ही वे यह भी कह रहे हैं कि वहां की स्थिति हिरासत केंद्रों से भी बदतर है.
बता दें कि असम के हिरासत केंद्रों में ‘संदिग्ध या घोषित विदेशियों’ को रखा जाता है. ये केंद्र असम के छह जिलों की केंद्रीय जेल में बने हैं.
महंत ने बताया, ‘अमीनुल इस्लाम के खिलाफ आपराधिक साजिश और समुदायों के बीच विवाद फैलाने के लिए भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.’
पुलिस प्रमुख ने कहा कि असम विधानसभा के स्पीकर को विधायक की गिरफ्तारी की सूचना दी गई है.
असम में अब तक कोरोना संक्रमण के 26 मामले सामने आए हैं. मंगलवार को केंद्र सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार देश में अब तक इस संक्रमण के 4,421 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें 114 लोगों की मौत हुई है. 326 लोग इलाज के बाद स्वस्थ हुए हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)