राजस्थान पुलिस पर आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में पत्रकार के ख़िलाफ़ मानहानि का केस दर्ज

राजस्थान के पाली ज़िले में पुलिस हिरासत में मज़दूर नेता की मौत का मामला. पत्रकार का कहना है कि उन्होंने मज़दूर नेता की मौत का मामला उठाया, इसलिए पुलिस उन्हें निशाना बना रही है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो: पीटीआई)

राजस्थान के पाली ज़िले में पुलिस हिरासत में मज़दूर नेता की मौत का मामला. पत्रकार का कहना है कि उन्होंने मज़दूर नेता की मौत का मामला उठाया, इसलिए पुलिस उन्हें निशाना बना रही है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक तस्वीर: पीटीआई)

जयपुरः राजस्थान के पाली जिले में एक पत्रकार के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस हिरासत में एक मजदूर नेता की मौत को लेकर स्थानीय पुलिस से सवाल-जवाब करने और कथित तौर पर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

‘न्यूज 30 राजस्थान’ नाम से वेब चैनल चलाने वाले और कुछ स्थानीय समाचार पत्रों से जुड़े पत्रकार वीरेंद्र राजपुरोहित के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पाली के कोतवाली एसएचओ गौतम जैन की शिकायत के आधार पर पत्रकार राजपुरोहित के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

मालूम हो कि 13 मई को पाली में एक कपड़ा मिल ‘महाराजा श्री उम्मेद मिल्स लिमिटेड’ के प्रबंधन का मजदूरों के साथ वेतन को लेकर विवाद हो गया. पुलिस जब मौके पर पहुंची तो मजदूरों ने कथित तौर पर पत्थरबाजी करनी शुरू कर दी थी.

इसके बाद 68 वर्षीय मजदूर नेता रामनाथ सिंह सहित 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा दिया गया. रामनाथ को बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई.

पत्रकार राजपुरोहित का कहना है कि जिस कॉन्स्टेबल ने कथित तौर पर सिंह को पीटा था, उसे बाद में सस्पेंड कर दिया गया.

विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया और राज्य के भाजपा अध्यक्ष सतीश पुनिया ने डीजीपी को पत्र लिखकर मांग की है कि सिंह की मौत के संबंध में हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज की जाए.

राजपुरोहित के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मुताबिक, ‘पत्रकार ने 26 मई को एसएचओ जैन को एक वॉट्सएप मैसेज किया था, जिसमें उन्होंने पाली के एसपी राहुल कटेकी को असंवेदनशील और अहंकारी बताया था.’

राजपुरोहित ने मैसेज में कहा था कि उन्होंने मजदूर नेता रामनाथ सिंह के बारे में एसपी को सूचना दी थी कि किस तरह सिंह को बेसबॉल बैट से पीटा गया, लेकिन एसपी ने उनका नंबर ब्लॉक कर दिया.

राजपुरोहित का आरोप है कि इस मामले में एसपी की भूमिका संदिग्ध है.

एफआईआर में कहा गया है कि पत्रकार राजपुरोहित ने एसपी और स्थानीय पुलिस के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया.

राजपुरोहित के खिलाफ आईपीसी की धारा 388, 116, 500, 501, 506 और आईटी एक्ट की धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है.

राजपुरोहित ने कहा, ‘मैंने मजदूर नेता की मौत का मामला उठाया इसलिए पुलिस मुझे निशाना बना रही है और मेरे खिलाफ गलत तरीके से एफआईआर दर्ज की गई है.’

उन्होंने कहा, ‘स्थानीय भाजपा नेताओं को संभाल लिया गया लेकिन ये मुझे नहीं संभाल सके और मैं लगातार मामले को उठाता रहा. इसलिए मुझे निशाना बनाया जा रहा है और मैं फिलहाल छिपा हुआ हूं.’

एसपी कटेकी ने कहा, ‘वीरेंद्र राजपुरोहित के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. आप खुद समझ सकते हैं कि अगर किसी आईपीएस अधिकारी के खिलाफ इस तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जाता है तो क्या उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की जरूरत है.’

इस बीच रामनाथ सिंह के बेटे बृजमोहन सिंह ने शुक्रवार को जोधपुर रेंज के आईजी के पास शिकायत दर्ज कराते हुए पिता की मौत को लेकर एसपी और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है.