तिनसुकिया ज़िले के बाघजान गांव में ऑयल इंडिया लिमिटेड के तेल के कुएं में मंगलवार को लगी भीषण आग में दो दमकलकर्मियों की मौत हो गई है और छह लोग घायल हुए हैं. ऑयल इंडिया ने कहा है कि इसे बुझाने में चार सप्ताह लग सकते हैं. इस कुएं से दो हफ़्तों से अनियंत्रित तरीके से गैस का रिसाव हो रहा था.
गुवाहाटी: असम के तिनसुकिया जिले में पिछले 15 दिन से गैस के अनियंत्रित रिसाव के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ऑयल इंडिया के बागजान कुएं में लगी भीषण आग पर अब तक काबू नहीं पाया जा सका है. इस हादसे में दो दमकलकर्मियों की मौत हो गई है.
ऑयल इंडिया के प्रवक्ता त्रिदिप हजारिका ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि आग लगने के बाद दो दमकलकर्मी मंगलवार को लापता हो गए थे और एनडीआरएफ के एक दल ने बुधवार सुबह उनके शव बरामद किए.
उन्होंने कहा, ‘उनके शव आग लगने वाली जगह के निकट पानी वाले क्षेत्र से बरामद किए गए. प्रथमदृष्ट्या लगता है कि वे पानी में कूदे थे और डूब गए क्योंकि उनके शरीर पर जलने का कोई निशान नहीं हैं. उनकी मौत की असल वजह जांच के बाद ही पता चल पाएगी.’
#WATCH Fire flames continue to erupt from the gas well of Oil India Ltd at Baghjan in Tinsukia district, Assam. A team of State Disaster Response Force (SDRF) and fire engines are present at the spot. pic.twitter.com/PgtAC06RTP
— ANI (@ANI) June 10, 2020
अधिकारी ने बताया कि दोनों की पहचान दुरलोव गोगोई और टीकेश्वर गोहेन के रूप में की गई है और दोनों कंपनी के अग्निशमन विभाग में सहायक ऑपरेटर हैं.
मालूम हो कि तिनसुकिया ज़िले के बाघजान गांव में में बीते दो सप्ताह से ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक तेल के कुएं से अनियंत्रित तरीके से गैस रिसाव हो रहा है, जिसे बंद करने के प्रयास में यहां मंगलवार को भीषण आग लग गई थी.
एनडीटीवी के अनुसार, राज्य सरकार के अनुरोध के बाद से भारतीय वायुसेना और आर्मी फायरफाइटर्स मदद कर रहे हैं, साथ ही पैरामिलिट्री फोर्स ने इलाके को खाली करा लिया है. गैस रिसाव को रोकने में लगी ऑयल इंडिया और ओएनजीसी की टीमों को भी वहां से निकाल लिया गया है.
इस आग को बुझाने के प्रयास में ओएनजीसी का एक दमकलकर्मी मामूली रूप से झुलस गया था. ऑयल इंडिया का कहना है कि इस आग को बुझाने में चार सप्ताह लग जाएंगे.
बताया जा रहा है कि आग में 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. इस बीच आग आस-पास गांवों में फैल गई है. असम सरकार के पर्यावरण और वन्य मंत्री परिमल सुक्लबैद्य ने बताया, ‘असम सरकार आग पर काबू पाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. करीब छह लोग घायल हुए हैं. आग आस-पास के गांवों में फैल रही है.’
Assam govt is trying its best to control the fire. Around 6 people have been injured & fire has spread in the nearby villages: Parimal Suklabaidya, State Environment & Forest Minister on fire that broke out at gas well of Oil India Ltd at Baghjan in Tinsukia (9/6) pic.twitter.com/AYhC0f5OoY
— ANI (@ANI) June 9, 2020
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बताया कि आग 50 मीटर के दायरे में फैली हुई है और विशेषज्ञों का मानना है कि इसे नियंत्रित करने में 25-28 दिनों का समय लग सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि इस क्षेत्र से लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में राज्य को पूरी मदद देने का आश्वासन दिया है.
The fire has now been confined to an area of 50 mtrs. Experts believe that they need around 25-28 days to control the situation. We have successfully evacuated people from that area. PM Modi has assured full assistance to the state: Assam CM Sarbananda Sonowal pic.twitter.com/BuPubcCpUv
— ANI (@ANI) June 10, 2020
ज्ञात हो कि ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक तेल के कुएं में विस्फोट होने के बाद अनियंत्रित तरीके से गैस रिसाव शुरू हुआ था. राज्य सरकार और कंपनी का कहना था कि इसे नियंत्रित करने के प्रयास जारी हैं. किसी भी नुकसान के डर से क्षेत्र के हजारों लोगों को यहां से हटाकर राहत कैंपों में पहुंचा दिया गया था.
राजधानी गुवाहाटी से करीब 450 किलोमीटर दूर तिनसुकिया जिले के बाघजान गांव में स्थित इस प्लांट में बीते बुधवार 27 मई को विस्फोट (ब्लोआउट) हो गया था, जिसके बाद इस कुएं से रिसाव शुरू हुआ. राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया था, जो तबसे यहां मौजूद है.
ब्लोआउट वह स्थिति होती है, जब तेल और गैस क्षेत्र में कुएं के अंदर दबाव अधिक हो जाता है और उसमें अचानक से विस्फोट के साथ और कच्चा तेल या प्राकृतिक गैस अनियंत्रित तरीके से बाहर आने लगते हैं. कुएं के अंदर दबाव बनाए रखने वाली प्रणाली के सही से काम न करने से ऐसा होता है.
दो हफ़्तों से हो रहे इस रिसाव के चलते भरी प्राकृतिक नुकसान हो रहा है. आसपास के संवेदनशील वेटलैंड, डिब्रु-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान और लुप्त हो रही प्रजातियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. स्थानीय रहवासियों ने बताया था कि उन्होंने पास के मागुरीबिल झील में डॉल्फिंस के शव पड़े देखे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आसपास के गांवों के धान के खेत, तालाब और वेटलैंड प्रदूषित हो चुके हैं और खतरा हर दिन बढ़ रहा है. गांव वालों ने बीते सप्ताह बताया था कि उन्हें गैस की महक आ रही है और इस उद्यान में कई जगहों पर तेल फैल चुका है. कई छोटे चाय किसानों ने बताया कि गैस की परतें चाय बागान के ऊपर इकट्ठी हो गई हैं.
ऑयल फील्ड के डेढ़ किलोमीटर के दायरे को खाली करवाकर करीब 6,000 लोगों को यहां से ले जाकर राहत शिविरों में रखा गया है. ऑयल इंडिया लिमिटेड की ओर से सभी प्रभावित परिवारों को 30 हजार रुपये की वित्तीय मदद देने की बात कही गई है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)