सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कोविड-19 प्रबंधन की भयावह स्थिति, दिल्ली समेत चार राज्यों को नोटिस जारी

सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 मरीजों का उचित इलाज और शवों का सम्मानित ढंग से प्रबंधन करने पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा है कि विभिन्न राज्यों में कोरोना की चिंताजनक स्थिति है और लोगों के साथ जानवरों से बदतर सलूक किया जा रहा है. शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से भी इस मामले में जवाब मांगा है.

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New Delhi: National Human Rights Commission (NHRC) team led by Latika Kalra visits Lok Nayak Jai Prakash (LNJP) Hospital, during ongoing nationwide COVID-19 lockdown, in New Delhi, Thursday, June 11, 2020. (PTI Photo)(PTI11-06-2020 000161B)

सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 मरीजों का उचित इलाज और शवों का सम्मानित ढंग से प्रबंधन करने पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा है कि विभिन्न राज्यों में कोरोना की चिंताजनक स्थिति है और लोगों के साथ जानवरों से बदतर सलूक किया जा रहा है. शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से भी इस मामले में जवाब मांगा है.

New Delhi: National Human Rights Commission (NHRC) team led by Latika Kalra visits Lok Nayak Jai Prakash (LNJP) Hospital, during ongoing nationwide COVID-19 lockdown, in New Delhi, Thursday, June 11, 2020. (PTI Photo)(PTI11-06-2020 000161B)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों में कोरोना की बदहाल स्थिति को लेकर शुक्रवार को दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु को नोटिस जारी किया है.

पीठ ने विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा कि दिल्ली और अन्य राज्यों में कोरोना मरीजों के देखभाल की स्थिति बहुत चिंताजनक है. कोर्ट ने इन राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया कि वे सरकारी अस्पतालों की बिगड़ी हुई हालत पर ध्यान दें और इस संबंध में विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में दायर करें.

लाइव लॉ के मुताबिक सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को भी इस मामले में जवाब सौंपने को कहा है. इसे लेकर अगली सुनवाई 17 जून को होगी.

अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों का उचित इलाज और शवों का सम्मानित ढंग से प्रबंधन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिए गए स्वत: संज्ञान पर जस्टिस अशोक भूषण, एसके कौल और एमआर शाह की पीठ ने ये निर्देश दिया है.

न्यायालय ने दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश हॉस्पिटल (एलएनजेपी) को भी नोटिस जारी किया है, जहां से कोविड-19 मृतकों के शवों के साथ दुर्व्यवहार करने के चौंकाने वाले वीडियो सामने आए थे.

इसके अलावा पीठ ने दिल्ली में घटते कोरोना टेस्टिंग को लेकर भी चिंता जाहिर की और दिल्ली सरकार को और ज्यादा टेस्ट करने के लिए कहा है.

पीठ ने आदेश में कहा, ‘मई महीने के मुकाबले में दिल्ली में कोविड-19 मरीजों की टेस्टिंग में गिरावट आई है. कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ रही है और टेस्ट कम हो रहे हैं. हम राज्य सरकार को आदेश देते हैं कि वे जांच की संख्या बढ़ाएं और जिसे भी जांच की जरूरत हो उसे मना न किया जाए.’

कोर्ट ने अपने आदेश में आगे कहा, ‘रिपोर्टों से पता चलता है कि मरीज अस्पतालों में बेड पाने के लिए एक जगह से दूसरे जगह का चक्कर काट रहा है जबकि सरकारी अस्पतालों में बेड खाली पड़े हैं. मीडिया ने दिल्ली में मरीजों की दयनीय स्थिति दिखाई है.’

कोर्ट ने अस्पतालों में कोरोना मृतकों के शवों के साथ दुर्व्यवहार करने के भयावह वीडियो पर भी टिप्पणी की.

पीठ ने कहा, ‘इंडिया टीवी ने अपने एक रिपोर्ट में दिखाया है कि कोरोना मरीज दयनीय स्थिति में रह रहे हैं. शवों को लॉबी, वार्ड या वेटिंग एरिया में रखा गया है. ये सरकारी अस्पताल की स्थिति है.’

कोर्ट ने कहा कि शवों के संबंध में सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी की गई है लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है. यहां तक कि मरीज की मौत होने पर उनके परिजनों को जानकारी भी नहीं दी जा रही है.

कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा, ‘कृपया अस्पतालों की खराब व्यवस्था पर ध्यान दीजिए. शव कूड़ेदान में मिल रहे हैं. मीडिया ने ये सब दिखाया है. लोगों के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक किया जा रहा है.’