संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आठवीं बार भारत अस्थायी सदस्य के तौर पर चुना गया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत वैश्विक शांति, सुरक्षा, लचीलेपन और निष्पक्षता को बढ़ावा देने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करेगा.

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न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय. (फोटो: रॉयटर्स)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत वैश्विक शांति, सुरक्षा, लचीलेपन और निष्पक्षता को बढ़ावा देने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करेगा.

न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय. (फोटो: रॉयटर्स)
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय. (फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: भारत को बुधवार को दो साल के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में चुना गया.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सुरक्षा परिषद में अस्थायी सीट के लिए हुए चुनाव में संयुक्त राष्ट्र महासभा में 192 मत पड़े, जिनमें से 184 मत भारत के पक्ष में रहे.

चुनाव में 192 सदस्य देशों ने मतदान किया और जीत के लिए 2/3 बहुमत यानी 128 मतों की आवश्यकता थी.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने ट्वीट किया, ‘सदस्य देशों ने 2021-22 के लिए भारत को अस्थायी सदस्य के तौर पर भारी समर्थन से चुना. भारत को 192 मतों में से 184 मत हासिल हुए.’

भारत 2021-22 के कार्यकाल के लिए एशिया-प्रशांत श्रेणी से गैर-स्थायी सीट के लिए उम्मीदवार था. एशिया-प्रशांत श्रेणी से एकमात्र सदस्य होने के कारण भारत को यह जीत हासिल हुई है.

भारत की उम्मीदवारी को चीन और पाकिस्तान सहित 55 सदस्यीय एशिया-प्रशांत समूह द्वारा पिछले साल जून में सर्वसम्मति से समर्थन दिया गया था.

भारत का दो वर्ष का कार्यकाल एक जनवरी 2021 से शुरू होगा. भारत को आठवीं बार संयुक्त राष्ट्र की इस महत्वपूर्ण संस्था में सदस्यता मिली है.

इससे पहले भारत 1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992 तथा 2011-2012 में परिषद का अस्थायी सदस्य बना था.

चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें कहा, ‘मुझे बहुत खुशी है कि भारत 2021-22 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर चुना गया है. हमें भारी समर्थन हासिल हुआ और संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने भारत पर जो भरोसा जताया है, उससे मैं अभीभूत हूं.’

तिरुमूर्ति ने कहा कि सुरक्षा परिषद में भारत का चुना जाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच और उनके प्रेरणादायी वैश्विक नेतृत्व, खासकर कोविड-19 के दौर में, का साक्षी है.

उन्होंने कहा, ‘भारत एक महत्वपूर्ण मोड़ पर सुरक्षा परिषद का सदस्य बन रहा है और हमें विश्वास है कि कोविड संकटकाल में और कोविड के बाद की दुनिया में भारत बहुपक्षीय प्रणाली को नयी दिशा तथा नेतृत्व देगा.’

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता के लिए वैश्विक समुदाय से मिले जबरदस्त समर्थन के लिए तहे दिल से आभारी हैं.

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता के लिए वैश्विक समुदाय से मिले जबरदस्त समर्थन के लिए तहे दिल से आभारी हूं. भारत वैश्विक शांति, सुरक्षा, लचीलेपन और निष्पक्षता को बढ़ावा देने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करेगा.’

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बुधवार को सभा के 75वें सत्र के अध्यक्ष के लिए चुनाव कराए. सुरक्षा परिषद के पांच गैर-स्थायी सदस्यों और आर्थिक और सामाजिक परिषद के सदस्यों ने कोविड-19 से संबंधित प्रतिबंधों के कारण यहां विशेष मतदान व्यवस्था के तहत मतदान किया. संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष तिजानी मुहम्मद-बंदे ने महासभा हॉल में कार्यवाही की देखरेख की.

तुर्की राजनयिक और राजनेता वोल्कान बोज़किर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था. वह पश्चिमी यूरोपीय और अन्य राज्यों के बीच से समर्थित उम्मीदवार थे.

महासभा हर साल दो वर्ष के कार्यकाल के लिए कुल 10 में से पांच अस्थायी सदस्यों का चुनाव करती है. ये 10 अस्थायी सीटें क्षेत्रीय आधार पर वितरित की जाती हैं. पांच सीटें अफ्रीका और एशियाई देशों के लिए, एक पूर्वी यूरोपीय देशों, दो लातिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों तथा दो पश्चिमी यूरोपीय तथा अन्य राज्यों के लिए वितरित की जाती हैं.

भारत के साथ-साथ आयरलैंड, मैक्सिको और नॉर्वे ने भी बुधवार को आयोजित सुरक्षा परिषद के चुनाव जीते. हालांकि, कनाडा चुनाव हार गया.

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य हैं. सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)