यूपी: एसटीएफ ने 52 मोबाइल ऐप्स की सूची जारी कर कर्मचारियों को दिया डिलीट करने का आदेश

उत्तर प्रदेश एसटीएफ का कहना है कि टिक टॉक, विगो, वी चैट, शेयर इट, एमआई स्टोर, क्वाई, यूसी ब्राउजर जैसे 52 ऐप्स के ज़रिये फोन में मौजूद महत्वपूर्ण डेटा चोरी हो सकता है, इसलिए एसटीएफ से जुड़े सभी कर्मचारी तत्काल प्रभाव से इन्हें अपने और अपने परिजनों के फोन से डिलीट कर दें.

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(फोटोः रॉयटर्स)

उत्तर प्रदेश एसटीएफ का कहना है कि टिक टॉक, विगो, वी चैट, शेयर इट, एमआई स्टोर, क्वाई, यूसी ब्राउजर जैसे 52 ऐप्स के ज़रिये फोन में मौजूद महत्वपूर्ण डेटा चोरी हो सकता है, इसलिए एसटीएफ से जुड़े सभी कर्मचारी तत्काल प्रभाव से इन्हें अपने और अपने परिजनों के फोन से डिलीट कर दें.

(फोटोः रॉयटर्स)
(फोटोः रॉयटर्स)

लखनऊः उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से अपने मोबाइल से 52 ऐप डिलीट करने का आदेश दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस संबंध में उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के महानिरीक्षक (आईजी) अमिताभ यश ने शुक्रवार को एक आदेश जारी किया, जिसमें एसटीएफ से जुड़े सभी कर्मियों को निर्देश दिया गया कि वे अपने और अपने परिवार के सदस्यों के फोन से तत्काल प्रभाव से 52 ऐप डिलीट कर दें.

एसटीएफ का कहना है कि इन ऐप के जरिए फोन में मौजूद महत्वपूर्ण डेटा चोरी हो सकता है.

एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने इस आदेश की पुष्टि करते हुए कहा कि एसटीएफ टीम को ऐसा आदेश दिया गया है.

उत्तर प्रदेश के एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार का कहना है कि आईजी के निर्देश पर सिर्फ एसटीएफ को यह निर्देश दिया गया है.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए एसटीएफ के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए आदेश जारी किया गया है कि अपने व परिवार के मोबाइल फोन से तत्काल ये ऐप हटा दें.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी इन ऐप को इस्तेमाल न करने की सलाह दी है. इन ऐप द्वारा व्यक्तिगत व अन्य डेटा चुराए जाने की संभावना जताई गई है.

राज्य में किसी सुरक्षा एजेंसी द्वारा सबसे पहले यह कार्रवाई की गई है. सुरक्षा एजेंसियों ने ऐसे 52 ऐप की पहचान की है, जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं.

एजेंसियों की ओर से सरकार से अपील की गई है कि चीन से जुड़े 52 मोबाइल ऐप को ब्लॉक कर दिया जाए या भारतीयों को इन ऐप के इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाए.

एजेंसियों की दलील है कि इन 52 चीनी ऐप का इस्तेमाल करना सुरक्षित नहीं है. यह ऐप भारतीयों का डेटा बड़े पैमाने पर देश से बाहर भेज रहे हैं.

अधिकारियों का कहना है कि चाइनीज डेवलपर्स की ओर से तैयार या चाइनीज लिंक्स वाले ऐप का इस्तेमाल स्पाइवेयर या अन्य नुकसान पहुंचाने वाले वेयर के रूप में हो सकता है.

इन 52 ऐप की सूची में टिक टॉक, विगो, वी चैट, शेयर इट, एमआई स्टोर, क्वाई, यूसी ब्राउजर आदि शामिल हैं.

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