चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि बिहार चुनाव को लेकर क़ानून मंत्रालय द्वारा चुनाव आयोग के प्रस्ताव को मंज़ूर करने के बाद चुनाव आचार संहिता 1961 के नियम 27 ए के तहत कोविड-19 संक्रमित या प्रभावित लोगों की एक नई श्रेणी बनाई गई है.
नई दिल्लीः देश में कोरोना संक्रमण के बीच इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, ऐसे में महामारी का चुनाव पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़े, चुनाव आयोग ने कुछ विशेष प्रबंध किए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा का कहना है कि कोरोना मरीजों को डाक मतपत्रों (पोस्टल बैलेट) के जरिए मतदान करने की मंजूरी दी जाएगी.
बिहार में चुनाव तय समय पर होने के मजबूत संकेत देते हुए चंद्रा ने कहा कि कानून मंत्रालय ने इस मामले पर चुनाव आयोग के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है, जिसके बाद चुनाव आचार संहिता 1961 के नियम 27ए के तहत कोविड-19 संक्रमित या प्रभावित लोगों की एक नई श्रेणी बनाई गई है.
इस नई श्रेणी में उन मतदाताओं को ही इस सुविधा का लाभ मिलेगा जो सरकारी स्वास्थ्य सुविधा या किसी ऐसी संस्था जिसे सरकार ने कोविड-19 के तौर पर मान्यता दी है, उस जगह से कोरोना पॉजिटिव घोषित किए हैं.
इसके साथ ही होम क्वारंटीन या संस्थागत क्वारंटीन रहने वाले मरीजों को भी इसके जरिए वोट देने की छूट मिलेगी.
ऐसे मतदाताओं के बारे में पूछने पर जो कंटेनमेंट जोन में रह रहे हैं और कोरोना संक्रमित नहीं हैं. इस पर चंद्रा ने कहा कि समिति ने बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी से इनपुट मांगे हैं और हम एडवांस वोटिंग सहित कुछ विकल्पों पर विचार कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि चुनाव में मतदान प्रतिशत कम हो. हम अतिरिक्त कदम उठाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि जरूरत पड़ने पर मतदान अधिकारी को पोस्टल बैलेट के साथ कोरोना संक्रमित मतदाता के पास भेजा जाए और मतदान के बाद इसे वापस लाया जाए.’
चुनाव आयोग ने सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए हर मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या को सीमित करने का फैसला किया है. सामान्य परिस्थितियों में हर मतदान केंद्र पर 1,600 के बजाए 1,000 मतदाताओं को मतदान की इजाजत होगी
उन्होंने कहा कि इस तरह अतिरिक्त 30,000 मतदान केंद्रों को जोड़ना होगा.
राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार को लेकर पूछे गए सवाल पर चंद्रा ने कहा, ‘उन्हें स्वास्थ्य और एनडीएमए दिशानिर्देशों का पालन करना होगा. पार्टियों को वर्चुअल रैलियों पर जोर देना होगा और सोशल मीडिया के जरिए ही प्रचार करना होगा लेकिन जैसे-जैसे बिहार में चुनाव की तारीख करीब आएगी, स्थिति बदल सकती हैं.’
बता दें कि बिहार विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है. बिहार में सोमवार शाम तक कोरोना संक्रमण के कुल 7893 मामले सामने आये हैं और 52 लोगों की मौत हुई है.