योग गुरु रामदेव ने मंगलवार को ‘कोरोनिल’ नाम की दवाई लॉन्च करते हुए इसके कोविड-19 के इलाज में शत-प्रतिशत कारगर होने का दावा किया था. इसके बाद आयुष मंत्रालय ने इसके विज्ञापन पर रोक लगाते हुए कंपनी से इसके क्लीनिकल ट्रायल और रिसर्च आदि का ब्योरा देने को कहा है.
नई दिल्ली/हरिद्वार: योग गुरु रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने कोविड-19 के इलाज में शत-प्रतिशत कारगर होने का दावा करते हुए मंगलवार को बाजार में एक औषधि उतारी.
इसके कुछ ही घंटे बाद आयुष मंत्रालय ने उसे इस औषधि में मौजूद विभिन्न जड़ी -बूटियों की मात्रा एवं अन्य ब्योरा यथाशीघ्र उपलब्ध कराने को कहा.
Ministry has taken cognizance of news in media about Ayurvedic medicines developed for #COVID19 treatment by Patanjali Ayurved Ltd. The company asked to provide details of medicines & to stop advertising/publicising such claims till the issue is duly examined: Ministry of AYUSH pic.twitter.com/OBpQlWAspu
— ANI (@ANI) June 23, 2020
साथ ही, मंत्रालय ने विषय की जांच-पड़ताल होने तक कंपनी को इस उत्पाद का प्रचार भी बंद करने का आदेश दिया है.
पतंजलि आयुर्वेद ने ‘कोरोनिल’ दवा पेश करते हुए मंगलवार को दावा किया कि उसने कोविड-19 का इलाज ढूंढ लिया है.
हालांकि, मंत्रालय ने कहा कि इस दावे के तथ्य और बताया जा रहे वैज्ञानिक अध्ययन के ब्योरे के बारे में उसे जानकारी नहीं है. पतंजलि को सैंपल साइज, स्थान एवं उन अस्पतालों का ब्योरा देने को कहा गया है, जहां अनुसंधान अध्ययन किया गया.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार मंत्रालय ने पतंजलि ग्रुप से कहा है कि जब तक इस दावे के परीक्षण होने तक इस दवा की प्रचार-प्रसार न करें.
साथ ही उत्तराखंड सरकार के संबंधित लाइसेंसिंग अथॉरिटी से इस प्रोडक्ट की अप्रूवल की कॉपी भी मांगी गई है.
बता दें कि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि यह दवा कोविड-19 के इलाज में कारगर है, न ही स्वास्थ्य मंत्रालय और न ही आईसीएमआर द्वारा इसे स्वीकृत किया गया है.
मंगलवार शाम आयुष मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘संबद्ध आयुर्वेदिक औषधि विनिर्माता कंपनी को सूचित किया गया है कि आयुर्वेदिक औषधि सहित दवाइयों का इस तरह का विज्ञापन औषधि एवं चमत्कारिक उपाय (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 तथा उसके तहत आने वाले नियमों और कोविड-19 के प्रसार के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देशों से विनियमित होता है.
इससे पहले मंगलवार दिन में हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ में संवाददाताओं से रामदेव ने कहा, ‘यह दवाई शत प्रतिशत (कोविड-19) मरीजों को फायदा पहुंचा रही है. 100 मरीजों पर नियंत्रित क्लीनिकल ट्रायल किया गया, जिसमें तीन दिन के अंदर 69 प्रतिशत और चार दिन के अंदर शत प्रतिशत मरीज ठीक हो गये और उनकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई.’
https://twitter.com/PypAyurved/status/1275391403925762048
पतंजलि की ओर से बताया गया था कि दवा को बनाने में गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा, श्वसारि रस आदि का इस्तेमाल किया गया है.
कंपनी ने कहा कि 545 रुपये की यह दवा सप्ताह भर के अंदर पतंजलि के स्टोर पर मिलने लगेगी. साथ हा एक ऐप भी लॉन्च किया जाएगा जिसकी मदद से ऑनलाइन भी ऑर्डर किए जा सकेंगे.
रामदेव ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में जयपुर की निम्स यूनिवर्सिटी उनके साझीदार है. रामदेव ने कहा, ‘हम आज कोरोना की दवाएं कोरोनिल और श्वासरी पेश कर रहे हैं. हम ने इन दवाओं के दो ट्रायल किए हैं. पहला क्लीनिकल कंट्रोल स्टडी है, जो दिल्ली, अहमदाबाद और अन्य कई शहरों में किए गए हैं.’
उन्होंने बताया, ‘ट्रायल में हमने 280 मरीजों को शामिल किया और 100 प्रतिशत मरीज ठीक हो गए. हम कोरोना और उसकी जटितलाओं को काबू करने में सक्षम रहे. इसके साथ सभी जरूरी क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल किए गए.’
इससे पहले न्यूज़लॉन्ड्री वेबसाइट द्वारा एक रिपोर्ट में पतंजलि के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण द्वारा एक साक्षात्कार में कोरोना के इलाज, दवाई बनाने और इसके क्लीनिकल ट्रायल संबधी दावों पर सवाल उठाए गए थे.
रिपोर्ट में बताया गया था कि आचार्य बालकृष्ण द्वारा दावा किया गया है कि कोरोना संक्रमित हजारों मरीजों का इलाज पतंजलि की दवाओं से हुआ है, वहीं पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन की टीम के सह प्रमुख वैद्य निश्चल नरेंद्र पंड्या ने कहा था कि कोरोना वायरस के 100 से ज्यादा मरीज आयुर्वेदिक औषधियों से ठीक हुए हैं और यह हल्के लक्षण वाले मामले थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)