उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले में 19 जून को एक पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या के पीछे क्षेत्र में सक्रिय रेत और भू माफिया का हाथ बताया जा रहा है.
नई दिल्लीः भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में पत्रकार की हत्या मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है.
पीसीआई ने बयान जारी कर कहा कि भारतीय प्रेस परिषद उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में युवा पत्रकार शुभम मणि त्रिपाठी की हत्या की कड़ी निंदा करता है.
बयान में कहा गया, ‘मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए पीसीआई अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के माध्यम से राज्य सरकार को मामले के तथ्यों पर जल्द से जल्द रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है.’
एनएचआरसी ने भी सरकार को नोटिस भेजा
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी त्रिपाठी की हत्या के सिलसिले में उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किये हैं.
एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि एनएचआरसी ने पत्रकार की हत्या मामले में मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को नोटिस जारी किये हैं.
आयोग ने बयान जारी कर कहा, ‘सरकार की लोकतांत्रिक प्रणाली में मीडिया को चौथा स्तंभ माना जाता है, जिसे असामाजिक तत्वों का शिकार नहीं बनने दिया जा सकता.’
आयोग ने कहा, ‘त्रिपाठी जिले में अवैध रेत खनन के बारे में रिपोर्टिंग कर रहे थे और उनकी जान को खतरा था. कथित तौर पर उनके विरोधियों ने भी जिलाधिकारी के समक्ष उनके खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी.’
बयान में कहा गया कि राज्य सरकार को इसकी एक स्वतंत्र एजेंसी से निष्पक्ष जांच कराने को कहा गया है. मृतक के परिवार और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को भी कहा गया है.
बयान में कहा गया, ‘जांच के दौरान जुटाये गए कॉल रिकॉर्ड के ब्योरे और अन्य फॉरेंसिक साक्ष्य को सुरक्षित रखा जाए क्योंकि आयोग मामले पर विचार के दौरान उन्हें मंगा सकता है.’
इस मामले में चार हफ्तों के अंदर जवाब मांगा गया है. बता दें कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में कानपुर के एक अखबार के रिपोर्टर की 19 जून को हत्या कर दी गई.
आरोप है कि पत्रकार की हत्या के पीछे क्षेत्र में सक्रिय रेत माफिया और भू माफिया का हाथ है. वे कानपुर से प्रकाशित होने वाले अखबार कंपू मेल में काम करते थे.
पत्रकार शुभम अपने दोस्त के साथ मोटरसाइकिल से घर लौट रहे थे और इसी दौरान उन्नाव के गंगाघाट इलाके में अज्ञात लोगों ने उन्हें गोली मार दी. उन्हें तत्काल कानपुर के अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई.
त्रिपाठी ने बीते 14 जून को अपने फेसबुक प्रोफाइल पर लिखा था कि उनकी एक रिपोर्ट के कारण मशहूर भू माफिया के अवैध निर्माण को गिरा दिया गया.
उन्होंने कहा था कि इस कार्रवाई से माफिया गुस्सा हो गया और उसने उसके खिलाफ जिलाधिकारी के पास फर्जी आवेदन दिया है.
इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
गिरफ्तार किए गए एक आरोपी ने पुलिस को बताया कि एक स्थानीय रियल एस्टेट कारोबारी दिव्य अवस्थी ने त्रिपाठी की रिपोर्ट और फेसबुक पोस्ट के जवाब में उनकी हत्या की साजिश रची थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)