हाल ही में कुछ विदेशी पत्रकारों ने चिंता ज़ाहिर की थी कि कोरोना महामारी की शुरुआत में भारत में रहने वाले विदेशी पत्रकार अपने देश वापस लौट गए थे, इसके बाद से उन्हें भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं मिल रही है.
नई दिल्ली: भारत सरकार ने वैध वीजा रखने वाले विदेशी पत्रकारों को परिवार के साथ भारत आने की अनुमति दी है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना में कहा गया है कि भारत की यात्रा करना चाह रहे विदेशी नागरिकों की और अधिक श्रेणियों के लिए वीजा एवं यात्रा प्रतिबंधों में और अधिक छूट देने की जरूरत पर विचार करने के बाद यह फैसला लिया गया.
अधिसूचना में कहा गया है कि इसके मुताबिक भारत में प्रवेश की पहले से अनुमति प्राप्त विदेशी नागरिकों की श्रेणियों के अलावा पत्रकार (जे-1) वीजा धारक विदेशी नागरिकों और जे-1 एक्स वीजा वाले उनके आश्रितों को भारत में प्रवेश की अनुमति देने का फैसला लिया गया है.
मंत्रालय ने कहा कि यदि उनके पास जे-1 या जे-1 एक्स वीजा है, जो निलंबित हो गया है, तो भारत में उनके प्रवेश के लिए ऐसे वीजा तत्काल प्रभाव से बहाल किए जाएंगे.
हालांकि, गृह मंत्रालय ने कहा कि यदि इस तरह के वीजा की वैधता समाप्त हो गई है तो वे भारतीय दूतावासों से नये सिरे से जे-1 या जे-1 एक्स वीजा हासिल कर सकते हैं.
काम या पर्यटन के लिए भारत आने वाले विदेशी पत्रकारों को जे-श्रेणी का वीजा दिया जाता है. यह वीजा आमतौर पर तीन महीने के लिए दिया जाता है, लेकिन इसका नवीकरण किया जा सकता है.
अधिसूचना में कहा गया है कि यह भी फैसला लिया गया है कि आव्रजन (इमीग्रेशन) चेक पोस्ट के जरिये भारत आने वाले यात्री ट्रैफिक पर मौजूदा पाबंदियां विदेशी नागरिकों की इन श्रेणियों पर लागू नहीं होंगी.
हालांकि कोविड-19 से जुड़े विषयों में स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा.
सरकार ने अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस में प्रवासी भारतीय नागरिक (ओसीआई) कार्ड धारकों को भारत आने की अनुमति पहले ही दे दी है. इन देशों के साथ भारत ने विशेष हवाई यात्रा समझौता किया है.
इन देशों के अन्य विदेशियों को भी व्यापार, मेडिकल एवं रोजगार उद्देश्यों के लिए भारतीय वीजा सुविधा हासिल करने की अनुमति दी गई है.
सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन लागू करने के बाद विदेशियों की यात्रा पर पाबंदी लगा थी.
भारत में रह रहे विदेशी पत्रकारों को वीज़ा निलंबित किए जाने के कारण देश में पुन: प्रवेश करने की इजाजत न देने का मामला उस समय सामने आया, जब फाइनेंशियल टाइम्स की साउथ एशिया ब्यूरो चीफ एमी काज़मिन ने इसे लेकर एक लेख लिखा था.
उन्होंने कहा, ‘कई दिल्ली स्थित विदेशी पत्रकार जो अपने परिजनों की देखभाल करने या किसी अन्य वजह से पहले वापस चले आए थे, वे अब यहां फंसे हुए हैं और वापस लौटने के उनके अनुरोध को खारिज कर दिया जा रहा है.’
Shocked to learn from @amykazmin that India does not grant re-entry privileges to resident foreign journalists, whose visas are suspended if they leave India. Many Delhi-based foreign correspondents are stranded overseas. Reflects poorly on our democracy & respect for free press.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 12, 2020
बाद में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने 12 अगस्त को एक ट्वीट कर इस समस्या को रेखांकित किया. उन्होंने कहा, ‘एमी काज़मिन से यह जानकर अचंभित हूं कि भारत विदेशी पत्रकारों को देश में पुन: प्रवेश की इजाजत नहीं दे रहा है. कई दिल्ली स्थित विदेशी पत्रकार बाहर फंसे हुए हैं. यह हमारे लोकतंत्र और फ्री प्रेस के प्रति सम्मान को लेकर बुरी छवि पेश करता है.’
इसके अलावा वॉशिंगटन की इंडिया ब्यूरो चीफ जोएना स्लेटर ने भी ट्वीट कर कहा कि यह एक ऐसा समस्या है जिसे विदेश मंत्री एस. जयशंकर आसानी से ठीक कर सकते हैं.
For unknown reasons, India is making it exceedingly difficult for foreign journalists to deal with family crises back home during the pandemic. My heart goes out to @AmyKazmin and others. This is an easy one to fix, @DrSJaishankar. More here: https://t.co/IR4a855KK8 pic.twitter.com/npAHBwb59q
— Joanna Slater (@jslaternyc) August 11, 2020
उन्होंने कहा, ‘पता नहीं किस कारण के चलते भारत उन विदेशी पत्रकारों के लिए मुश्किलें खड़े कर रहा है जो महामारी के दौरान अपने परिजनों की देखभाल के लिए वापस अपने घर गए थे. इस समस्या का आसानी से समाधान किया जा सकता है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)