दिल्ली पुलिस ने रणनीतिक मामलों के विश्लेषक और स्तंभकार राजीव शर्मा को आधिकारिक गोपनीयता क़ानून के तहत गिरफ़्तार किया है. पुलिस का कहना है कि उनके पास से रक्षा संबंधी गोपनीय दस्तावेज़ मिले हैं. शर्मा ने हाल ही में चीन के अख़बार ग्लोबल टाइम्स के लिए एक लेख लिखा था.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) के तहत दिल्ली के एक रणनीतिक मामलों के विश्लेषक और स्तंभकार व दो अन्य को गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने आरोप लगाया गया है कि पत्रकार के पास से रक्षा संबंधी गोपनीय दस्तावेज बरामद किए गए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, बीते 14 सितंबर गिरफ्तार किए गए राजीव शर्मा पूर्व में यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया, द ट्रिब्यून और सकाल टाइम्स के लिए काम कर चुके हैं और हाल ही में उन्होंने चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स के लिए एक लेख लिखा था.
पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) संजीव कुमार यादव ने कहा, ‘पीतमपुरा निवासी राजीव शर्मा को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने गिरफ्तार किया. उनके (राजीव) पास से रक्षा संबंधी कुछ गोपनीय दस्तावेज मिले हैं. इस मामले की जांच जारी है और आगे चलकर विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी.’
पुलिस ने बताया कि राजीव को 14 सितंबर को गिरफ्तार किया गया और अगले दिन मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया. उन्हें छह दिन के लिए पुलिस हिरासत में लिया गया है.
उनकी जमानत याचिका पटियाला हाउस अदालत में 22 सितंबर के लिए सूचीबद्ध है.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने शनिवार को कहा, ‘फ्रीलांस पत्रकार राजीव शर्मा को चीनी इंटेलिजेंस को संवेदनशील जानकारी देने के लिए गिरफ्तार किया गया था. एक चीनी महिला और उसके नेपाली सहयोगी को भी फर्जी कंपनियों के माध्यम से बड़ी मात्रा में पैसे देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.’
Freelance journalist Rajeev Sharma was arrested for passing sensitive information to Chinese intelligence. A Chinese woman and her Nepalese associate also arrested for paying him large amounts of money routed through shell companies: Delhi Police https://t.co/Qd5EbzTUPE
— ANI (@ANI) September 19, 2020
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, संजीव कुमार यादव ने कहा, चीनी इंटेलिजेंस ने पत्रकार को बड़ी मात्रा में धन के बदले संवेदनशील जानकारी देने का काम सौंपा. बड़ी संख्या में मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य हानिकारक/संवेदनशील सामग्री बरामद की गई है.
दिल्ली पुलिस मामले पर शनिवार को दोपहर 3.30 बजे प्रेस वार्ता करेगी.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, शर्मा ‘राजीव किशकिंधा’ नाम से 11,900 सब्सक्राइबर्स वाला एक यूट्यूब चैनल चलाते हैं. गिरफ्तारी वाले दिन उन्होंने इस पर दो वीडियो अपलोड किए थे.
उनमें से एक ‘चाइना मे स्टिल डू मिसचीफ #इंडियाचाइनाफेसऑफ’ शीर्षक से आठ मिनट का वीडियो था जिसमें उन्होंने कहा था, ‘भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच एक समझौते के बावजूद, शांति का मार्ग अभी भी दूर है. अभी भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि मॉस्को (रूस) में दो विदेश मंत्रियों के बीच हुए समझौते के अनुसार ही सब कुछ चलेगा.’
दूसरा वीडियो हिंदी में चार मिनट का था, जिसमें मीडिया की स्थिति पर बात की गई है. उन्होंने उसे एक कैप्शन के साथ ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने लिखा था, ‘आज भारतीय मीडिया की स्थिति दयनीय है. इसे एक प्रहरी होना चाहिए था, इसके बजाय यह सरकार का एक पालतू कुत्ता बन गया है.’
5,300 फॉलोवर वाला शर्मा का ट्विटर एकाउंट भी अस्थायी तौर पर प्रतिबंधित कर दिया गया है. शुक्रवार देर रात एकाउंट पर जाने पर प्रतिबंध संबंधी संदेश लिखा दिख रहा था.
बीते 7 सितंबर को शर्मा ने ग्लोबल टाइम्स के लिए एक लेख लिखा था जिसका शीर्षक था, ‘अ रिअप्रोचमेंट रोडमैप फॉर बीजिंग एंड न्यू दिल्ली बेनिफिट्स बोद कंट्रीज.’
इसमें उन्होंने लिखा था, ‘5 मई की रात के बाद जबसे हालिया गतिरोध शुरू हुआ, द्विपक्षीय संबंधों का लगातार बिगड़ने से व्यावहारिक रूप से पिछले वर्षों के सभी राजनयिक लाभ एक झटके में खत्म हो गए. 1962 के बाद से दोनों पक्षों के बीच सामान्य संबंधों के लिए मौजूदा संकट सबसे बड़ा खतरा है. दोनों के लिए यह एक खोने की स्थिति है. उनका सामान्य उद्देश्य अपने लोगों के लिए बेहतर और शांतिपूर्ण भविष्य का निर्माण करना होना चाहिए न कि एक दूसरे के खिलाफ सैन्य निर्माण.’
शर्मा के लिंकडिन एकाउंट के अनुसार उन्होंने कई किताबें लिखी हैं. मई 2014 में उन्होंने ‘व्हाई एक्स-आईबी चीफ अजित डोभाल इज द बेस्ट एनएसए इंडिया कुड इवर गेट’ शीर्षक से फर्स्टपोस्ट के लिए एक लेख लिखा था, जिसमें उन्होंने डोभाल के साथ अपनी कई मुलाकातों का जिक्र किया था.
लेख में उन्होंने लिखा था, ‘डोभाल की नियुक्ति से पाकिस्तान को झटका लगना चाहिए, खासकर दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद और सईद सलाहुद्दीन को.’
शर्मा उन लोगों में से एक थे, जिन्होंने पिछले साल कहा था कि उन्हें उनके फोन के बारे में सतर्क किया गया था कि वे इजरायल के स्पायवेयर पेगासस के माध्यम से निगरानी के लिए निशाना बनाए जा सकते हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)