घटना कार्बी आंग्लोंग ज़िले के डोकमोका थाना क्षेत्र के लांगहिंग लोहिमापुर गांव का है. ग्रामीणों ने काला जादू करने के शक में 50 वर्षीय महिला और 28 वर्षीय युवक की हत्या कर दी. फ़िर उनका सिर काटकर उन्हें आग के हवाले कर दिया.
गुवाहाटी: असम के कार्बी आंग्लोंग जिले (मुख्यालय दीफू) में जादू-टोना करने के संदेह में एक महिला सहित दो लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी और फिर उनके शवों के सिर काट उन्हें आग के हवाले कर दिया.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गुस्साई भीड़ ने दोनों पर ‘काला जादू’ करने का आरोप लगाया था, उनके अनुसार जिससे डोकमोका थाना क्षेत्र के रोहिमापुर गांव में एक किशोरी की मौत हो गई थी.
नार्थईस्ट लाइव के मुताबिक यह घटना कार्बी आंग्लोंग जिले के डोकमोका थाना क्षेत्र के लांगहिंग लोहिमापुर गांव में बुधवार-गुरुवार (30 सितंबर-एक अक्टूबर) दरमियानी रात को हुई. पीड़ितों की पहचान 50 वर्षीय रमावती हलोवा और स्थानीय शिक्षक बिजॉय गौर (28) के रूप में हुई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, शिक्षक बिजॉय गौर खून से लथपथ पीड़ित महिला को भीड़ से बचाने की कोशिश कर रहे थे तब भीड़ ने उन्हें भी बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला.
जिला पुलिस अधीक्षक देबजीत देउरी ने बताया कि घटना बृहस्पतिवार को कुछ स्थानीय लोगों के शिकायत करने के बाद सामने आई. इस मामले में अभी तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
Assam: A man & a woman were allegedly thrashed & burnt alive by a mob over suspicion of practicing witchcraft in Karbi Anglong yesterday.
Police say, "Nine accused have been arrested, all confessed their crime, others will be arrested soon. Further investigation underway." pic.twitter.com/nhLOWmK8nu
— ANI (@ANI) October 2, 2020
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक ऐसा कहा जा रहा है कि गांव में 29 सितंबर को मौत से एक दिन पहले रश्मि गौर नाम की एक लड़की ने गांव के दो लोगों का नाम लिया था और दावा किया था कि उनके ‘काला जादू’ करने की वजह से वह बीमार पड़ गई.
गौर की मौत के तीसरे दिन एक अन्य लड़की ने गांव के मुखिया के घर उन्हीं दोनों पर उस पर ‘काला जादू’ करने और इस वजह से उसके बीमार पड़ने का दावा किया था.
देउरी ने कहा, ‘गांववालों ने इसके बाद रमावती और बीजॉय गौर की पीट-पीटकर हत्या कर दी और उनके शव पास ही एक पहाड़ी पर ले गए. वहां उन्होंने रश्मि गौर के अंत्येष्टि स्थल के पास उनके सिर काटकर उन्हें आग के हवाले कर दिया.’
उन्होंने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और कार्यकारी मजिस्ट्रेट जिंटू बोरा ने घटनास्थल का दौरा किया और मिट्टी के नमूनों के अलावा चिता से अवशेष एकत्र किए.
अधिकारी ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और दो महिलाओं सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हथियार भी जब्त किए गए हैं. बाकी आरोपियों की तलाश जारी है.
नार्थईस्ट लाइव के रिपोर्ट के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान- संजू गौर, रैमसंग गौर, राजेन गौर, कृष्णा गौर, रबीलाल गौर, सीताराम गौर, बेगुल गौर, काजल गौर और जोनाली गौर के रूप में हुई है.
छह अन्य आरोपी- दीपल गौर, लुलु गौर, मानसिंह गौर, बाबूराम गोवाला, संतोष गौर और शिवालाल गौर फिलहाल फरार हैं.
एनडीटीवी के मुताबिक गांव में आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं, जो या तो मजदूरी करते हैं या छोटे किसान हैं.
असम में 2018 के बाद से ‘विच हंटिंग’ (निषेध, रोकथाम और संरक्षण) अधिनियम, 2015 लागू रहा है. नए कानून के अनुसार, ‘विच हंटिंग’ को एक संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-यौगिक अपराध के रूप में देखा जाता है. इसे 2015 में असम विधानसभा ने आजीवन कारावास तक की जेल के प्रावधानों के साथ पारित किया था.
दिसंबर 2019 में असम सरकार ने राज्य विधानसभा को बताया था कि 8 वर्षों में राज्य में डायन बता कर हत्या के मामलों में 107 लोगों मौत हुई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)