रिपब्लिक समाचार चैनल के ख़िलाफ़ मुंबई पुलिस ने एक और मामला दर्ज किया

यह रिपब्लिक चैनल के ख़िलाफ़ चौथा मामला है. मुंबई पुलिस ने 22 अक्टूबर को रिपब्लिक टीवी पर मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को लेकर एक खबर प्रसारित की थी, जिसमें दावा किया गया था कि मुंबई पुलिस के कर्मचारी पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ विद्रोह कर रहे हैं और उनके आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं.

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अर्णब गोस्वामी. (फोटो साभार: फेसबुक/रिपब्लिक)

यह रिपब्लिक चैनल के ख़िलाफ़ चौथा मामला है. मुंबई पुलिस ने 22 अक्टूबर को रिपब्लिक टीवी पर मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को लेकर एक खबर प्रसारित की थी, जिसमें दावा किया गया था कि मुंबई पुलिस के कर्मचारी पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ विद्रोह कर रहे हैं और उनके आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं.

(फोटो साभार: फेसबुक)
(फोटो साभार: फेसबुक)

मुंबईः मुंबई पुलिस ने पुलिस विभाग को लेकर कथित तौर पर आपत्तिजनक न्यूज कंटेंट प्रसारित करने को लेकर रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के कार्यकारी संपादक, एक एंकर, दो संवाददाता और अन्य संपादकीय स्टाफ के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

पुलिस एक्ट 1922 की धारा 3(1) और आईपीसी की धारा 500 और 34 के तहत रिपब्लिक टीवी की एंकर शिवानी गुप्ता, संवाददाता सागरिका मित्रा, संवाददाता शवन सेन, कार्यकारी संपादक निरंजन नारायणस्वामी और अन्य एडिटोरियल स्टाफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया लैब की विशेष शाखा-1 में तैनात सब इंस्पेक्टर शशिकांत पवार के एनएम जोशी मार्ग पुलिस थाने में शुक्रवार को शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि रिपब्लिक चैनल ने ऐसी खबरें प्रसारित की हैं, जिनसे मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ पुलिसकर्मियों में असहमति की भावना पैदा होगी.

पुलिस का कहना है कि चैनल का दावा है कि मुंबई पुलिसकर्मी परमबीर सिंह के खिलाफ विद्रोह कर रहे हैं और उनके आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं.

पुलिस की इस कार्रवाई पर चैनल ने बयान में कहा है कि एक समाचार चैनल संगठन के सभी पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज करने से लोकतंत्र पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, विशेष रूप से महाराष्ट्र के भीतर.

बता दें कि यह रिपब्लिक चैनल के खिलाफ चौथा मामला है. चैनल के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी के खिलाफ सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए दो एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें से एक पीडोहोनी और एक एनएम जोशी मार्ग पुलिस थाने में दर्ज की गई है.

एक मामला कथित तौर पर टीआरपी धोखाधड़ी को लेकर है, जिसकी जांच मुंबई पुलिस की अपराध शाखा कर रही है, जबकि गोस्वामी के खिलाफ अलग से एक मामले की जांच पुलिस कर रही है.

रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी का कहना है कि वे सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर फेक कंटेंट की पहचान करते हैं. इसके साथ ही ऐसे कंटेट की भी पहचान करते हैं, जो लोगों के बीच वैमनस्य पैदा करे और वे इसे रिकॉर्ड कर अपने वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष पेश करते हैं.

पुलिस के मुताबिक, ‘रिपब्लिक टीवी पर 22 अक्टूबर को शाम सात बजे से 7:10 के बीच प्रसारित 10 मिनट के शो को देखने के बाद वह शुक्रवार दोपहर एनएम जोशी मार्ग पुलिस थाने पहुंचे और इसकी शिकायत की.’

एनएम जोशी मार्ग पुलिस थाने के अधिकारी ने कहा, ‘शिकायतकर्ता ने कहा कि उन्होंने रिपब्लिक टीवी पर एक खबर देखी, जिसमें दिखाया गया कि मुंबई पुलिसकर्मी पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के खिलाफ बगावत कर रहे हैं और उनके आदेशों का पालन नहीं कर रहे. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इससे मुंबई पुलिस की विश्वसनीयता प्रभावित हो रही है.’

शिकायतकर्ता ने अपने बयान में कहा कि शो के एंकर और रिपोर्टर ने यह भी कहा कि पुलिस आयुक्त  सिंह मुंबई पुलिस की छवि धूमिल कर रहे हैं और इस शो का कंटेंट बिना किसी वैध साक्ष्य के प्रसारित हुआ.

शिकायतकर्ता ने कहा कि चैनल ने ‘बिगेस्ट स्टोरी टुनाइट’ सेंगमेंट के तहत इस खबर को प्रसारित किया और इस दौरान टीवी स्क्रीन पर कैप्शन था, ‘रिवोल्ट अगेंस्ट परमबीर? सीनियर ऑफिसर्स पार्ट ऑफ द प्रोब गिव डिटेल्स.’

पुलिस का कहना है कि चैनल जान-बूझकर मुंबई पुलिस आयुक्त के खिलाफ मुंबई पुलिसकर्मियों में असहमति और नाराजगी की भावना भड़काने की कोशिश कर रहा है.

वहीं, चैनल ने अपने बयान में कहा, ‘शक्ति का दुरुपयोग कर मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटोरियल स्टाफ और न्यूजरूम प्रभारी एवं अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया. यह देश के संविधान की धारा 19(1) के तहत प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है.’

चैनल ने कहा, ‘एक समाचार संगठन के सभी पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज करने से लोकतंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, विशेष रूप से महाराष्ट्र के भीतर.’

चैनल ने कहा, ‘परमबीर सिंह इस तथ्य से असहज हो सकते हैं कि रिपब्लिक टीवी को लेकर करीने से बोला गए उनके झूठ अब देश के सामने आ रहे हैं. ऐसा लगता है कि वे रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के पत्रकारों के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई कर बड़े पैमाने पर अपना आधार बना रहे हैं. रिपब्लिक का एडिटोरियल स्टाफ परमबीर सिंह की अगुवाई में मुंबई पुलिस द्वारा डराने के लिए अपनाई गई नीति के विरोध में एकजुट खड़ा है.’