उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित अस्पतालों के संघ ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टरों समेत सभी चिकित्सकों का सोमवार तक वेतन जारी न होने पर मंगलवार से सभी वरिष्ठ चिकित्सक अनिश्चितकाल के लिए पूर्ण हड़ताल पर जाएंगे.
नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित अस्पतालों के वरिष्ठ चिकित्सकों ने सोमवार को सामूहिक आकस्मिक अवकाश ले लिया. ऐसे में नगर निकायों द्वारा संचालित अस्पतालों में चिकित्सकों के लंबित वेतन को लेकर संकट और गहरा सकता है क्योंकि फिलहाल कोई समाधान नजर नहीं आ रहा.
म्युनिसिपल कॉरपोरेशन डॉक्टर्स एसोसिएशन (एमसीडीए) के अध्यक्ष आरआर गौतम ने कहा, ‘अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो कल से हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.’
एमसीडीए निकाय के अस्पतालों के वरिष्ठ स्थायी चिकित्सकों का संघ है, जिसकी स्थापना 1974 में हुई थी और उसके करीब 1,200 सदस्य हैं. इसमें दो अन्य नगर निगमों द्वारा संचालित अस्पतालों के चिकित्सक भी शामिल हैं.
एमसीडीए ने शनिवार को धमकी दी थी कि अगर पिछले तीन महीने का बकाया वेतन जारी नहीं किया गया तो उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) अस्पतालों के उसके सदस्य सामूहिक आकस्मिक अवकाश लेंगे.
उसने कहा था कि संघ ने पहले ही संबंधित अधिकारियों को मुद्दे के समाधान और वेतन के भुगतान के लिए पर्याप्त समय दिया था, ‘लेकिन उन्होंने समस्या के समाधान के लिए कुछ भी नहीं किया और इसके बजाय वे चिकित्सकों की पीड़ा से बिल्कुल भी प्रभावित नहीं दिखे.’
संस्था ने हाल में एक बयान जारी कर अपने बकाए वेतन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हिंदूराव अस्पताल और कस्तूरबा अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ एकजुटता व्यक्त की थी. दोनों ही अस्पताल एनडीएमसी द्वारा संचालित किए जाते हैं.
एमसीडीए ने हाल में 19 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की धमकी दी थी लेकिन जनहित में हड़ताल का फैसला टालने का फैसला किया.
एमसीडीए के महासचिव मारुति सिन्हा ने कहा था, ‘संघ ने शनिवार को एक आपात आमसभा में सर्वसम्मति से पिछले तीन महीने के हमारे बकाये वेतन के विरोध में प्रदर्शन करने का फैसला किया था.’
एमसीडीए ने बयान में कहा, ‘आमसभा की बैठक में पहला फैसला सभी वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा सोमवार को सामूहिक आकस्मिक अवकाश का था. रेजिडेंट डॉक्टरों समेत सभी चिकित्सकों की सोमवार तक तनख्वाह जारी नहीं होती है तो मंगलवार से सभी वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा अनिश्चितकाल के लिए पूर्ण हड़ताल पर जाएंगे. इसके अलावा एमसीडी स्वास्थ्य सेवाओं को केंद्र को सौंपे जाने जैसे स्थायी समाधान पर भी ध्यान दिए जाने को लेकर हड़ताल पर जाने की धमकी दी गई थी.’
उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित हिंदू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने लंबित वेतन न दिए जाने के विरोध में रविवार को कनॉट प्लेस पर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने अपनी मांग पर ध्यान आकर्षित करने के लिए रावण का पुतला भी फूंका.
बता दें कि पिछले तीन महीने से लंबित वेतन के भुगतान की मांग को लेकर उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित हिंदूराव अस्पताल के पांच रेजिडेंट डॉक्टरों ने बीते 23 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है.
हिंदूराव अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर अभिमन्यु ने कहा था, ‘भूख हड़ताल पर जाने के अलावा डॉक्टरों के पास अब कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है. दो हफ्तों से बकाया वेतन की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ है. डॉक्टर सिर्फ अपना वेतन चाहते हैं, जो मूल अधिकार है.’
इस बीच उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने प्रदर्शनकारियों से मिलकर उनसे अनशन समाप्त करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, ‘एनडीएमसी ने संघ द्वारा उठाई गई सात मांगों पर काम करना शुरू कर दिया है. हमें उम्मीद है कि सभी डॉक्टर जल्द ही काम पर लौटेंगे.’
इससे पहले हिंदू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के सदस्यों ने कस्तूरबा अस्पताल और राजन बाबू टीबी अस्पताल के डॉक्टरों के साथ मिलकर जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)