बकाया वेतन को लेकर सोमवार को एक दिन के सामूहिक आकस्मिक अवकाश के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित अस्पतालों के वरिष्ठ डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.
नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) द्वारा संचालित अस्पतालों के मरीजों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा क्योंकि वरिष्ठ डॉक्टरों ने लंबित वेतन को लेकर सोमवार को सामूहिक आकस्मिक अवकाश लिया था और मंगलवार 27 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है.
म्युनिसिपल कॉरपोरेशन डॉक्टर्स एसोसिएशन (एमसीडीए) की महासचिव मारूति सिन्हा ने कहा, ‘पिछले तीन महीनों का लंबित वेतन जारी करने सहित हमारी मांगें नहीं मानी गई हैं, इसलिए हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं.’
एमसीडीए निगम के अस्पतालों के वरिष्ठ स्थायी चिकित्सकों का संघ है, जिसकी स्थापना 1974 में हुई थी और उसके करीब 1200 सदस्य हैं. इसमें दो अन्य नगर निगमों द्वारा संचालित अस्पतालों के चिकित्सक भी शामिल हैं.
Day 2 of Black Ribbon Protest. Standing in support of our Fellow Doctors of NDMC in protest against Non payment of Salaries of last 4 months #BlackRibbonProtest #UnpaidCOVIDWarriors @ArvindKejriwal @rao_cell @tweetndmc @FordaIndia @ANI pic.twitter.com/7hdu5qBxhw
— Resident Doctors Association MAMC (@MamcRda) October 27, 2020
सिन्हा ने कहा, ‘उत्तरी निगम के अस्पतालों के करीब 700 डॉक्टर एमसीडीए से जुड़े हैं. विरोध में हम सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर गए थे. हमारी अंतरात्मा इसकी इजाजत नहीं दे रही थी लेकिन हमारे डॉक्टर आपातकालीन वार्ड में भी मरीजों को देखने नहीं गए.’
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने शायद अनुबंध वाले डॉक्टरों की सेवाएं लीं.
एक अन्य वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि कई मरीजों को दूसरे अस्पतालों में जाने के लिए कह दिया गया और ओपीडी सेवा भी बंद रही.
उत्तरी निगम के अस्पतालों के वरिष्ठ डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए शाम में जंतर-मंतर पर मोमबत्ती जुलूस भी निकाला. हिंदू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों के संगठन (आरडीए) के कुछ सदस्यों ने भी इसमें हिस्सा लिया.
Delhi: Doctors and health workers at Hindu Rao Hospital continue their strike over non-payment of salaries. Jai Prakash, NDMC Mayor meets them.
Today evening I'll sanction the release of at least 1 or 2 months' salaries. They should withdraw the strike now, says the Mayor pic.twitter.com/Z3qSVUBXJB
— ANI (@ANI) October 27, 2020
वहीं, एनडीएमसी मेयर जयप्रकाश ने मंगलवार सुबह हड़ताल कर रहे हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों से मुलाकात की. उन्होंने कहा, ‘आज शाम को एक या दो महीने का वेतन जारी करने की मंजूरी दूंगा. अब हड़ताल वापस ले लेनी चाहिए.’
हिंदूराव अस्पताल के डॉक्टरों का लंबित वेतन तुरंत जारी करे एनडीएमसी : आईएमए
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सोमवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) से मांग की कि वह हिंदूराव अस्पताल के डॉक्टरों के लंबित वेतन का भुगतान तत्काल करे.
संस्था ने तीन महीने से वेतन नहीं दिए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति करार दिया. ‘बनाना रिपब्लिक’ शीर्षक से जारी एक बयान में आईएमए ने कहा कि स्वास्थ्य देखभालकर्मी खासकर चिकित्सक राष्ट्रीय संपदा हैं और उन्हें उनका वाजिब वेतन न देकर अपमानित करना कुछ और नहीं बल्कि राज्य प्रायोजित हिंसा है.
बयान के मुताबिक, ‘दिल्ली नगर निगम के प्रबंधन वाले हिंदूराव अस्पताल में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति को आईएमए गंभीरता से लेता है. इससे पेशेवरों और राष्ट्र को गलत संदेश जाता है.’
देश भर के करीब 3.5 लाख डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाली आईएमए ने आरोप लगाया, ‘यह समूची डॉक्टर बिरादरी को हतोत्साहित करता है. महामारी के दौर में अगर उनकी सेवाएं इतनी गौण हैं तो निश्चित रूप से जिस व्यवस्था से हम शासित हो रहे हैं उसमें कुछ सड़ा हुआ है.’
अब रेजिडेंट डॉक्टरों और वरिष्ठ डॉक्टरों के बकाया वेतन का मुद्दा गंभीर रूप ले चुका है. तीनों नगर निगमों के मेयर आठ घंटे तक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर धरना पर बैठ गए.
बाद में रात आठ बजे दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन ने उनसे मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने धरना खत्म किया.
उत्तरी दिल्ली के मेयर जयप्रकश ने एक बयान में दावा किया कि जैन ने आश्वस्त किया है कि दिल्ली सरकार से तीनों नगर निगमों का सभी बकाया 10 दिनों में जारी कर दिया जाएगा.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित हिंदू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने लंबित वेतन न दिए जाने के विरोध में रविवार को कनॉट प्लेस पर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने अपनी मांग पर ध्यान आकर्षित करने के लिए रावण का पुतला भी फूंका.
बता दें कि पिछले तीन महीने से लंबित वेतन के भुगतान की मांग को लेकर उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित हिंदूराव अस्पताल के पांच रेजिडेंट डॉक्टरों ने बीते 23 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है.
हिंदूराव अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर अभिमन्यु ने कहा था, ‘भूख हड़ताल पर जाने के अलावा डॉक्टरों के पास अब कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है. दो हफ्तों से बकाया वेतन की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ है. डॉक्टर सिर्फ अपना वेतन चाहते हैं, जो मूल अधिकार है.’
इससे पहले हिंदू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के सदस्यों ने कस्तूरबा अस्पताल और राजन बाबू टीबी अस्पताल के डॉक्टरों के साथ मिलकर जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)