बढ़ते कोरोना मामलों के बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, दोबारा लॉकडाउन की योजना नहीं

दिल्ली में बीते हफ्ते कोरोना से हर घंटे चार लोगों की मौत हुई. रविवार को कोरोना से राजधानी में 95 मौतें हुई, जो अब तक का एक दिन में तीसरा सबसे अधिक स्तर है.

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(फोटो: पीटीआई)

दिल्ली में बीते हफ्ते कोरोना से हर घंटे चार लोगों की मौत हुई. रविवार को कोरोना से राजधानी में 95 मौतें हुई, जो अब तक का एक दिन में तीसरा सबसे अधिक स्तर है.

धनतेरस के अवसर पर दिल्ली के एक बाजार में उमड़ी भीड़. (फोटो: पीटीआई)
धनतेरस के अवसर पर दिल्ली के एक बाजार में उमड़ी भीड़. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्लीः दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने सोमवार को कहा कि राजधानी में दोबारा लॉकडाउन लगाने की कोई योजना नहीं है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जैन ने कहा कि दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर (सर्वोच्च स्तर) पार हो चुकी है और अब राजधानी में दोबारा लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि दोबारा लॉकडाउन लगाना अब कोई प्रभावी कदम होगा बल्कि सभी के द्वारा मास्क पहनना अधिक फायदेमंद होगा.’

बता दें कि दिल्ली देश के उन शहरों में से एक है, जहां अब भी कोरोना तेजी से फैल रहा है. दिल्ली में मौजूदा समय में कोरोना के चार लाख से अधिक मामले हैं.

बीते एक हफ्ते में देश में कोरोना के सर्वाधिक मामले दिल्ली से ही सामने आए हैं और दिल्ली में एक दिन में कोरोना के 8,500 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जबकि बीते हफ्ते में ही कोरोना के दिल्ली में 51,000 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में बीते हफ्ते हर एक घंटे में लगभग चार लोगों की कोरोना से मौत हुई.

बीते रविवार को राजधानी में कोरोना से 95 लोगों की मौत हुई, जो अब तक की एक दिन में हुई तीसरी सबसे बड़ी संख्या है.

बीते पंद्रह दिनों में दिल्ली में कोरोना से 1,103 लोगों की मौत हुई है, जिसका मतलब है कि बीते पंद्रह दिनों में हर दिन औसतन 73.5 मौतें हुई हैं. वास्तव में इस हफ्ते रोजाना लगभग 90 मौतें हुईं.

दिल्ली में नवंबर महीने में कोरोना की कुल दर 12.8 फीसदी रही जो इससे पहले के चार महीने की तुलना में सर्वाधिक रही. जून में यह दर 21.1 फीसदी, जुलाई में 9.6 फीसदी, अगस्त में 7.1 फीसदी, सितंबर में सात फीसदी और अक्टूबर में 6.6 फीसदी रही.

गौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना का पहला मामला दो मार्च को दर्ज हुआ था. उस महीने कोरोना से दो लोगों की मौत हुई थी. मई में दिल्ली में कोरोना से 414 मौतें हुई.

दिल्ली में जून महीने में कोरोना की पहली लहर के दौरान 2,269 मौतें हुईं यानी औसतन रोजाना 75.6 मौतें हुईं. जुलाई में यह दर औसतन रोजाना 39.3 रही. वहीं, जबकि अगस्त में यह रोजाना औसतन 15.5 रही.

मालूम हो कि शुक्रवार से राजधानी में कोरोना की वजह से रोजाना की दर से 90 से अधिक मौतें हो रही हैं.

दिल्ली के सरकारी अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, ‘हम हर जिंदगी बचाने का सर्वोतम प्रयास कर रहे हैं और इसके लिए प्लाज्मा थेरेपी सहित बेहतरीन उपचार मुहैया कराया जा रहा है. कई मामलों में मरीज उन चरणों में अस्पताल पहुंच रहे हैं, जब उनकी स्थिति पहले ही गंभीर हो जाती है.’

वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को दिल्ली में कोरोना की स्थिति का जायजा लिया और उपराज्यपाल अनिल बैजल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और केंद्र सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी.

कोरोना के बढ़ रहे मामलों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने कई कदमों का ऐलान किया था, जिनमें अस्पतालों में अतिरिक्त 300 आईसीयू बेड उपलब्ध कारना, रोजाना आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या को दोगुना करना और पूरी दिल्ली में हाउस टू हाउस सर्वे करना शामिल है.

शाह ने यह भी कहा था कि दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले कुछ अस्पतालों को कोविड अस्पतालों में तब्दील किया जाएगा.

इस बैठक के बाद केजरीवाल ने कहा कि प्रतिदिन कोरोना के औसतन लगभग 60,000 टेस्ट के बजाए जल्द ही एक से 1.25 लाख टेस्ट जल्द ही किए जाएंगे.

बता दें कि दिल्ली में सोमवार को अब तक कोरोना के कुल मामले 4.85 लाख से अधिक दर्ज किए गए जबकि 4.38 लाख लोग रिकवर कर गए. राजधानी में अब तक कोरोना से 7,614 लोगों की मौत हुई है.