बीते आठ अक्टूबर को मुंबई पुलिस ने टीआरपी से छेड़छाड़ करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया था. मुंबई के पुलिस आयुक्त ने दावा किया था कि रिपब्लिक टीवी सहित कुछ चैनलों ने टीआरपी के साथ हेराफेरी की है. हालांकि रिपब्लिक टीवी ने इन आरोपों से इनकार किया है.
मुंबई: मुंबई पुलिस ने कथित टीआरपी घोटाले में मंगलवार को मुंबई की एक अदालत में 1,400 पन्नों की चार्जशीट दायर की. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि टेलीविजन रेटिंग पॉइंट (टीआरपी) घोटाले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की अपराध शाखा की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने मजिस्ट्रेट अदालत में सुबह लगभग 10:30 बजे चार्जशीट दायर की.
अधिकारी ने कहा कि 1,400 पन्नों के चार्जशीट में लगभग 140 लोगों के नाम गवाह के रूप में लिए गए हैं, जिनमें ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (बार्क) के अधिकारी, फॉरेंसिक विशेषज्ञ, फॉरेंसिक ऑडिटर, विज्ञापनदाता, बैरोमीटर का इस्तेमाल करने वाले लोग तथा अन्य शामिल हैं.
अधिकारी ने बताया कि अब तक इस मामले में रिपब्लिक टीवी के पश्चिमी क्षेत्र वितरण प्रमुख और दो अन्य चैनलों के मालिकों सहित 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि विज्ञापनदाताओं के बयान भी चार्जशीट का हिस्सा हैं, जिनमें उन्होंने धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.
अधिकारी ने कहा कि रिपब्लिक टीवी के खातों सहित चैनलों का फॉरेंसिक ऑडिट भी दस्तावेज का हिस्सा है. उन्होंने बताया कि बाद में दायर किए जाने वाले पूरक चार्जशीट में 2,000 पन्ने और जोड़े जाएंगे जिसमें फॉरेंसिक और तकनीकी साक्ष्यों सहित आरोपी लोगों के जब्त फोन, लैपटॉप और कंप्यूटरों से निकाले गए चैट लॉग्स, ई-मेल, संदेश और अन्य डेटा शामिल होगा.
कथित टीआरपी घोटाला पिछले महीने तब सामने आया था जब रेटिंग एजेंसी ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (बार्क) ने ‘हंसा रिसर्च ग्रुप’ के जरिये यह शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ टेलीविजन चैनल टीआरपी के आंकड़ों में हेरफेर कर रहे हैं.
‘व्यूअरशिप डेटा’ (कितने दर्शक कौन सा चैनल देख रहे हैं और कितने समय तक देख रहे हैं) दर्ज करने के लिए मापक यंत्र लगाने की जिम्मेदारी ‘हंसा’ को दी गई थी. टीआरपी काफी महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इस पर चैनलों का विज्ञापन राजस्व निर्भर करता है.
मुंबई पुलिस के आयुक्त परमबीर सिंह ने पिछले महीने दावा किया था कि रिपब्लिक टीवी और दो मराठी चैनल-बॉक्स सिनेमा तथा फक्त मराठी टीआरपी के आंकड़ों में छेड़छाड़ कर रहे हैं. रिपब्लिक टीवी और अन्य ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को गलत बताया था.
पूर्व में रिपब्लिक टीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और दो मुख्य संचालन अधिकारियों तथा मुख्य वित्तीय अधिकारी को पुलिस ने मामले में पूछताछ के लिए तलब किया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह चार्जशीट मुंबई पुलिस द्वारा बॉम्बे हाईकोर्ट में सील कवर में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने से एक दिन पहली दाखिल की गई है. बॉम्बे हाईकोर्ट रिपब्लिक मीडिया की उस अपील पर सुनवाई कर रही है, जिसने उस पर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है.
इस बीच, मुंबई पुलिस की अपराध शाखा की एक टीम रिपब्लिक टीवी की मुख्य संचालन अधिकारी प्रियंका मुखर्जी को पकड़ने के लिए बेंगलुरु में है, जिन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है.
पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के कार्यकारी संपादक निरंजन नारायणस्वामी और वरिष्ठ कार्यकारी संपादक अभिषेक कपूर के बयान भी दर्ज किए थे.
महाराष्ट्र सरकार ने पिछले महीने राज्य में मामलों की जांच की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को प्रदत्त ‘आम सहमति’ वापस ले ली थी. राज्य सरकार ने यह कदम कथित टीआरपी फंडिंग को लेकर ‘अज्ञात’ चैनलों और लोगों के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई के पास जाने के मद्देनजर उठाया था.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल में मुंबई पुलिस की जांच से संबंधित कथित टीआरपी घोटाला मामले में धनशोधन संबंधी शिकायत दायर की थी.
आधिकारिक सूत्रों ने पिछले सप्ताह कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत प्रवर्तन सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर की है जो पुलिस प्राथमिकी के बराबर है. ईडी ने मुंबई पुलिस द्वारा अक्टूबर में दर्ज की गई प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद शिकायत दायर की.
वहीं, इस मामले के सामने आने के बाद बार्क ने बीते 15 अक्टूबर को समाचार चैनलों की रेटिंग को अस्थायी रूप से 12 सप्ताह के लिए निलंबित करने की घोषणा की थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)