त्रिपुरा: यूपी की तरह ‘लव जिहाद’ कानून की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम किया

त्रिपुरा के गोमती ज़िले के उदयपुर में हिंदू जागरण मंच के सदस्यों ने प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग-8 को जाम कर दिया था. संगठन का कहना है कि पुलिस और प्रशासन जबरन धर्म ​परिवर्तन के ख़तरे को रोकने में विफल रहे हैं और अब केवल क़ानून ही आवश्यक सुरक्षा उपाय प्रदान कर सकता है.

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(फोटो साभार: इंडिया रेल इंफो)

त्रिपुरा के गोमती ज़िले के उदयपुर में हिंदू जागरण मंच के सदस्यों ने प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग-8 को जाम कर दिया था. संगठन का कहना है कि पुलिस और प्रशासन जबरन धर्म परिवर्तन के ख़तरे को रोकने में विफल रहे हैं और अब केवल क़ानून ही आवश्यक सुरक्षा उपाय प्रदान कर सकता है.

(फोटो साभार: इंडिया रेल इंफो)
(फोटो साभार: इंडिया रेल इंफो)

अगरतला: हाल ही में उत्तर प्रदेश में कथित ‘लव जिहाद’ के खिलाफ जिस कानून को लागू किया गया और मध्य प्रदेश तथा हरियाणा में ऐसा ही कानून बनाने का प्रस्ताव रखा गया है, वैसे ही कानून की मांग को लेकर त्रिपुरा में एक हिंदुत्ववादी संगठन के विरोध प्रदर्शन करने का मामला सामने आया है.

हिंदू जागरण मंच के 300 से अधिक सदस्यों ने बीते 27 नवंबर को यह विरोध प्रदर्शन किया. त्रिपुरा के गोमती जिले के उदयपुर में हुए प्रदर्शन के दौरान संगठन ने राष्ट्रीय राजमार्ग-8 को जाम कर दिया, जो कि राजधानी अगरतला से 50 किलोमीटर दूर है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, संगठन के प्रदेश अध्यक्ष उत्तम डे ने कहा, ‘लव जिहाद हमारे समाज के लिए खतरा है. इस तरह के नौ मामले त्रिपुरा के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज किए गए हैं, जिनमें अकेले लॉकडाउन के दौरान बॉक्सनगर, बिशालगढ़ और उदयपुर में दर्ज मामले शामिल हैं. हालांकि, इसमें से किसी भी मामले में आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया.’

डे ने दावा किया कि पुलिस और प्रशासन जबरन धर्म परिवर्तन के खतरे को रोकने में विफल रहे हैं और अब केवल कानून ही आवश्यक सुरक्षा उपाय प्रदान कर सकता है.

दूसरी ओर त्रिपुरा पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने बाद में बताया कि राज्य में पिछले 3-4 महीनों में ‘लव जिहाद’ के आरोपों पर कोई मामला दर्ज नहीं किया गया. हालांकि, दो हफ्ते पहले बिशालगढ़ पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी का एक मामला दर्ज कराया गया था, जिसमें एक मुस्लिम लड़के पर एक हिंदू लड़की के अपहरण का आरोप था.

पुलिस के अनुसार, यह पता चला कि लड़की बालिग थी और अपने हिसाब से लड़के के साथ बेंगलुरु चली गई थी.

एक अन्य मामले में इस साल अक्टूबर में सेपाहिजाला जिले के बॉक्सनगर में आईपीसी की धारा 366 (ए) और 376 और पॉक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत एक केस दर्ज किया गया था.

कथित तौर पर अपहृत नाबालिग लड़की को बाद में उसी जिले के दुरलाभनारायण गांव से बरामद किया गया था. आरोपी को गिरफ्तार किया जाना बाकी है.

उदयपुर सब-डिविजन पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) धृभ नाथ ने कहा कि प्रदर्शनकारी सवाल उठा रहे थे कि बॉक्सनगर मामले में मुख्य अभियुक्त को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया. उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने गुमशुदा लड़की को बरामद कर लिया है. हालांकि, आरोपी लापता है और मामले में जांच जारी है.’