25 नवंबर को जारी एक मीडिया एडवाइज़री में भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने कहा था कि स्रोत दिए जाने के बावजूद भारतीय अखबारों में प्रकाशित विदेशी अख़बारों के कंटेंट के लिए रिपोर्टर, संपादक और प्रकाशक को ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा.
नई दिल्लीः एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) से अपील की है कि वह विदेशी कंटेट के अनियमित प्रसारण को लेकर आगाह करने वाले अपनी एडवाइजरी को वापस ले ले, क्योंकि इसके प्रतिकूल प्रभाव होंगे.
एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि वह 25 नवंबर को पीसीआई द्वारा मीडिया में जारी की गई एडवाइजरी से क्षुब्ध है.
गिल्ड ने कहा, ‘पीसीआई की इस एडवाइजरी के जरिये ऐसा लगता है कि पीसीआई जो मीडिया के स्वनियमन की पैरवी करता है और जिसका विश्वास है कि सरकारी दखल प्रेस की स्वतंत्रता के लिए विनाशकारी होगा, वह खुद ऐसी दिशा में कदम बढ़ा रहा है, जो कंटेट प्रकाशित करने वाले संगठनों के खिलाफ सेंसरशिप और दंडात्मक कार्रवाई करेगा.’
एडिटर्स गिल्ड ने शनिवार को अपना बयान जारी कर कहा कि पीसीआई की एडवाइजरी में यह स्पष्ट नहीं है कि कौन इन कंटेट की पुष्टि करेगा और किन आधारों पर इसे सत्यापित किया जाएगा और सबसे अधिक महत्पूर्ण यह कि अनियमित सर्कुलेशन का क्या मतलब है.
Editors Guild of India statement on Press Council of India advisory, cautioning the media against “unregulated circulation” of “foreign contents (sic)”. The Guild urges the Press Council to withdraw this ominous sounding advisory immediately. pic.twitter.com/CmltHvwuxs
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) November 28, 2020
गिल्ड ने कहा कि देश में कई प्रकाशन विदेशी एजेंसियों, समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं के कंटेंट को दोबारा नए स्वरूप में पेश करते हैं, जो संपादक का विशेषाधिकार होता है और जो अपने प्रकाशन में प्रकाशित हर तरह के कंटेंट के लिए जिम्मेदार होता है.
गिल्ड ने कहा कि पीसीआई की इस एडवाइजरी के प्रतिकूल प्रभाव होंगे और पीसीआई को तुरंत प्रभाव से इस एडवाइजरी को वापस लेना चाहिए.
पीसीआई ने अपनी एडवाइजरी में कहा था कि यह फैसला विदेशी सामग्री प्रकाशित करने में भारतीय समाचार पत्रों की जिम्मेदारी के बारे में सरकार के विभिन्न विभागों से प्राप्त अनुरोधों पर आधारित है.
परिषद ने कहा कि उसका मानना है कि विदेशी कंटेंट का अनियमित सर्कुलेशन वांछनीय नहीं है.
इस मीडिया एडवाइज़री में भारतीय प्रेस परिषद ने कहा कि स्रोत दिए जाने के बावजूद भारतीय अखबारों में प्रकाशित विदेशी अख़बारों के कंटेंट के लिए रिपोर्टर, संपादक और प्रकाशक को ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा.
दरअसल वॉशिंगटन पोस्ट, न्यूयॉर्क टाइम्स और द इकोनॉमिस्ट सहित विदेशी प्रकाशनों के संपादकीय अक्सर भारतीय समाचार पत्रों में प्रकाशित किए जाते हैं.
द वायर ने पहले भी रिपोर्ट किया है, हाल के दिनों में बड़ी संख्या में विदेशी प्रकाशन नरेंद्र मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी की आलोचना करते रहे हैं.
जहां पीसीआई एडवाइजरी भारतीय अखबारों के लिए है, वहीं मोदी सरकार ने विदेशी पत्रकारों और प्रकाशनों पर लगाम लगाने के लिए कई नियम बनाए हैं.
हाल ही में मोदी सरकार ने डिजिटल मीडिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 26 फीसदी निर्धारित कर दी है. इसके कारण ही भारतीय संस्करण चलाने वाले कई विदेश प्रकाशनों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और यही कारण है कि इसी हफ्ते हफपोस्ट इंडिया ने भारत में काम बंद कर दिया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)