केंद्र सरकार द्वारा शिक्षकों का लंबित वेतन जारी करने में कथित देरी के विरोध में यह पोस्टकार्ड अभियान शुरू किया गया है. पिछले पांच महीने से शिक्षकों का वेतन लंबित है.
मेघालय के हजारों स्कूली शिक्षकों ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पोस्टकार्ड भेजकर केंद्र सरकार के समग्र शिक्षा अभियान (एसएसएए) मिशन के तहत शिक्षकों का वेतन जारी करने में हस्तक्षेप करने की मांग की.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शिक्षकों का वेतन पिछले पांच महीने से लंबित है.
स्कूली शिक्षकों के संगठन का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा उनका लंबित वेतन जारी करने में कथित देरी के विरोध में यह पोस्टकार्ड अभियान शुरू किया गया है.
मेघालय एसएसए स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अरस्तू सी रिम्बाई का कहना है एसएसए के तहत राज्य में कुल 12,541 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की गई, जिसमें से 2,907 निचली प्राइमरी और 2,232 ऊपरी प्राइमरी स्कूलों में की गई.
रिम्बाई ने कहा, ‘हमने प्रधानमंत्री को पोस्टकार्ड भेजे हैं और शिक्षा मंत्रालय से हमारा बकाया वेतन मांगा है. हम अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं, जिससे हमें बीते पांच महीनों से महरूम रखा जा रहा है.’
ईसाई बहुसंख्यक मेघालय के शिक्षा मंत्री लाहमेन रिम्बुई ने उम्मीद जताई कि केंद्र एसएसए शिक्षकों के लंबित वेतन आवंटित करने के लिए क्रिसमस से पहले फंड जारी करेगा.
इस संबंध में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से संपर्क किया है. उन्होंने बताया कि फंड जारी करने में केंद्र की देरी से राज्य में एसएसए कार्यक्रम की अन्य गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं.
2018 में सरकार ने एसएसए कार्यक्रम शुरू किया था, जिसके तहत तीन योजनाएं सर्वशिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और शिक्षक शिक्षा शामिल हैं.