टीआरपी छेड़छाड़ मामला: रेटिंग एजेंसी बार्क के पूर्व सीओओ को किया गया गिरफ़्तार

बीते आठ अक्टूबर को मुंबई पुलिस ने टीआरपी से छेड़छाड़ करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया था. आरोप है कि जिन घरों में लगे बार ओ मीटर से टीआरपी मापी जाती है, उन्हें ‘बॉक्स सिनेमा’, ‘फ़क्त मराठी’, ‘महा मूवी’ और ‘रिपब्लिक टीवी’ जैसे चैनल चलाने के लिए पैसे दिए गए थे. इस मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.

//
(फोटो साभार: विकिपीडिया)

बीते आठ अक्टूबर को मुंबई पुलिस ने टीआरपी से छेड़छाड़ करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया था. आरोप है कि जिन घरों में लगे बार ओ मीटर से टीआरपी मापी जाती है, उन्हें ‘बॉक्स सिनेमा’, ‘फ़क्त मराठी’, ‘महा मूवी’ और ‘रिपब्लिक टीवी’ जैसे चैनल चलाने के लिए पैसे दिए गए थे. इस मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.

(फोटो साभार: विकिपीडिया)
(फोटो साभार: विकिपीडिया)

मुंबई: मुंबई पुलिस ने कथित टीआरपी (टेलीविजन रेटिंग पॉइंट) घोटाला मामले में ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया.

एक अधिकारी ने बताया कि टीआरपी मामले की जांच कर रही मुंबई अपराध शाखा की टीम ने बार्क के पूर्व सीओओ रोमिल रामगढ़िया को दोपहर को गिरफ्तार कर लिया.

यह इस मामले में 14वीं गिरफ्तारी है.

बृहस्पतिवार को एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘जांच के दौरान, मामले में रागगढ़िया की कथित संलिप्तता का पता चला, जिसके बाद उन्हें आज गिरफ्तार कर लिया गया.’

उन्होंने बताया कि रामगढ़िया को एक स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.

बीते 13 दिसंबर को मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विकास खानचंदानी को इस संबंध में गिरफ्तार किया था. हालांकि एक अदालत ने बुधवार को उनकी जमानत मंजूर कर ली.

गौरतलब है कि बार्क द्वारा हंसा रिसर्च एजेंसी के माध्यम से कुछ चैनलों के खिलाफ टीआरपी में धांधली करने की शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस ने इस कथित घोटाले की जांच शुरू की थी.

कुछ घरों में मशीनों के जरिये दर्शकों की संख्या का पता लगाकर टीआरपी मापी जाती है. बार्क टीवी चैनलों के लिए साप्ताहिक रेटिंग जारी करता है, जो विज्ञापन देने वालों को आकर्षित करने के लिए अहम होती है.

बार्क टीवी के दर्शकों की संख्या बताने के लिए सटीक, विश्वसनीय और समयबद्ध प्रणाली के गठन और निगरानी का काम करता है और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण के दिशानिर्देशों से बंधा होता है.

टीआरपी को मापने के लिए मुंबई में दो हजार बार-ओ- मीटर (BAR-o-meters) लगाए गए हैं. बार्क ने ‘हंसा’ नामक एजेंसी को इन मीटर पर नजर रखने का ठेका दिया था, जहां से इस कथित टीआरपी छेड़छाड़ मामले की शुरुआत हुई.

आरोप है कि जिन कुछ घरों में बार-ओ- मीटर लगाए गए थे, उनमें से कुछ परिवारों को रिश्वत देकर टीवी पर कुछ विशेष चैनल चलाने के लिए कहा गया, ताकि उनकी टीआरपी बढ़ सके.

हाल में दायर किए गए 1,400 पन्नों के आरोप पत्र में पुलिस ने आरोप लगाया है कि हंसा के एक अधिकारी ने बार-ओ- मीटर वाले घरों को टीवी पर बॉक्स सिनेमा, फक्त मराठी, महा मूवी और रिपब्लिक टीवी चलाने के लिए पैसे दिए हैं.

चार्जशीट में लगभग 140 लोगों के नाम गवाह के रूप में लिए गए हैं, जिनमें ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (बार्क) के अधिकारी, फॉरेंसिक विशेषज्ञ, फॉरेंसिक ऑडिटर, विज्ञापनदाता, बार-ओ- मीटर का इस्तेमाल करने वाले लोग तथा अन्य शामिल हैं.

बीते आठ अक्टूबर को मुंबई पुलिस ने टीआरपी से छेड़छाड़ करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया था. मुंबई के पुलिस आयुक्त ने दावा किया था कि रिपब्लिक टीवी सहित कुछ चैनलों ने टीआरपी के साथ हेराफेरी की है. हालांकि रिपब्लिक टीवी ने इन आरोपों से इनकार किया है.

अब तक इस मामले में रिपब्लिक टीवी के पश्चिमी क्षेत्र वितरण प्रमुख और दो अन्य चैनलों के मालिकों सहित 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

हालांकि रिपब्लिक टीवी ने कुछ भी गलत करने की बात से इनकार किया है.

इस मामले के सामने आने के बाद बार्क ने बीते 15 अक्टूबर को समाचार चैनलों की रेटिंग को अस्थायी रूप से 12 सप्ताह के लिए निलंबित करने की घोषणा की थी.

महाराष्ट्र सरकार ने पिछले दिनों राज्य में मामलों की जांच की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को प्रदत्त ‘आम सहमति’ वापस ले ली थी.

राज्य सरकार ने यह कदम कथित टीआरपी फंडिंग को लेकर ‘अज्ञात’ चैनलों और लोगों के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई के पास जाने के मद्देनजर उठाया था.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल में मुंबई पुलिस की जांच से संबंधित कथित टीआरपी घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग संबंधी शिकायत दायर की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)