किसान आंदोलन से जुड़ी आधिकारिक जानकारी देने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर क़रीब चार हफ़्तों से जमा किसान संगठनों ने ‘किसान एकता मोर्चा’ के नाम से फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपना एकाउंट बनाया है.
नई दिल्लीः केंद्र सरकार के तीन नए विवादित कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक लोकप्रिय फेसबुक एकाउंट को रविवार शाम सोशल मीडिया से कुछ समय के लिए हटा दिया गया था लेकिन विवाद बढ़ने के बाद इसे दोबारा बहाल कर दिया गया.
किसान आंदोलन से जुड़ी आधिकारिक जानकारी देने के लिए किसान संगठनों ने ‘किसान एकता मोर्चा’ के नाम से फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपना एकाउंट बनाया है.
‘किसान एकता मोर्चा’ नाम से एकाउंट के फेसबुक पर 100,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं.
फेसबुक पेज के ब्लॉक होने के बाद किसान एकता मोर्चा के ट्विटर हैंडल से कहा गया कि जब लोग आवाज उठाते हैं तो वे बस यही कर सकते हैं.
This is what they can do when people raise their voices…….
When they can't beat us ideologically…….#DigitalKisan #SuppressingTheVoiceOfDissent pic.twitter.com/foK6k5zzM3
— Kisan Ekta Morcha (@kisanektamorcha) December 20, 2020
इस एकाउंट के जरिये किसान आंदोलन को लेकर इंटरनेट पर फैलाई जा रही अफवाहों पर सही पक्ष रखा जाता है, नियमित तौर पर विरोध प्रदर्शन की खबरें, किसान यूनियन नेताओं के भाषणों के वीडियो और गलत सूचनाओं के विरोध में सही जानकारी मुहैया कराई जाती है.
माझा किसान समिति के आईटी सेल के प्रमुख और उपाध्यक्ष बलजीत सिंह संधू ने द वायर को बताया, ‘हम लाइव थे और तभी हमें नोटिफिकेशन मिला कि पेज अनपब्लिश हो गया है, जो अजीब था. हमें किसी तरह की चेतावनी नहीं दी गई.’
बता दें कि किसान एकता मोर्चा का फेसबुक पेज रविवार शाम लगभग सात बजे अनपब्लिश किया गया और रात 9:30 बजे इसे दोबारा बहाल किया गया.
इस बीच बड़ी तादाद में फेसबुक यूजर्स ने किसानों की आवाज दबाने का फेसबुक पर आरोप लगाया.
इस दौरान एक किसान समूह द्वारा ट्वीट किए गए स्क्रीनशॉट से पता चला कि स्पैम को लेकर सामुदायिक मानकों की वजह से पेज हटा दिया गया था.
वहीं, फेसबुक के प्रवक्ता ने भी पुष्टि की कि पेज को बहाल कर दिया गया है और उन्होंने इससे हुई असुविधा के लिए माफी मांगी है.
दिल्ली के डिजिटिल अधिकार संगठन इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन ने एक बयान में कहा, ‘किसान एकता मोर्चा के फेसबुक पेज को बंद करने के फेसबुक की कार्रवाई को देखकर उसकी कंटेंट मोडरेशन पॉलिसी पर नजर रखने की जरूरत है. भारत में लगभग 30 करोड़ फेसबुक यूजर हैं. यह बड़ा बाजार है फिर भी यहां थोड़ी पारदर्शिता और जवाबदेही है.’
मालूम हो कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में 26 नवंबर से किसान दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
किसान एकता मोर्चा का फेसबुक एकाउंट ऐसे समय में सस्पेंड किया गया था, जब फेसबुक पर सत्तारूढ़ भाजपा का पक्ष लेने के आरोप लग रहे हैं.
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