बेरोज़गार बीएड शिक्षकों के संघ ने एकजुट होकर यूनाइटेड टीचर्स यूनियन नाम के संगठन का गठन किया है. इनका कहना है कि पंजाब में 35,000 से अधिक बेरोज़गार टीईटी-पास बीएड शिक्षक हैं. सरकार ने उन्हें न तो नौकरी दी और न ही बेरोज़गारी भत्ता.
लुधियाना: केंद्र सरकार के तीन नए और विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के जारी आंदोलन के बीच पंजाब में एक पक्का मोर्चा (आंदोलन) शुरू हो गया है, जिसमें बेरोजगार शिक्षक संगरूर में राज्य के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला के घर के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह मोर्चा बेरोजगार बीएड शिक्षकों के संघ ने 31 दिसंबर को शुरू किया था और पंजाब सरकार द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करने वाले भी इसका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
इस मोर्चे में टीईटी पास बेरोजगार टीचर्स यूनियन, ऑल इंडिया डीपीआई टीचर्स यूनियन, पीटीआई टीचर्स यूनियन पंजाब, अनइम्प्लॉयड आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स टीचर्स यूनियन और अनइम्प्लॉयड मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर्स यूनियन के सदस्य भी शामिल हैं.
इन यूनियनों ने मिलकर यूनाइटेड टीचर्स यूनियन (संयुक्त शिक्षक संघ) नाम का संगठन बना लिया है.
एक यूनियन नेता सुखविंदर ढिलवां ने कहा, ‘हमने शिक्षा मंत्री के घर के बाहर अपना पक्का मोर्चा शुरू किया है, क्योंकि पंजाब सरकार ने न तो हमें नौकरी दी और न ही बेरोजगारी भत्ता दिया. पंजाब में 35,000 से अधिक बेरोजगार टीईटी-पास बीएड शिक्षक हैं.’
ढिलवां ने कहा, ‘अलग-अलग यूनियन ने अलग-अलग मंचों पर अपनी मांगों के लिए विरोध प्रदर्शन किया था. किसान आंदोलन से सबक लेते हुए, सभी बेरोजगार शिक्षक संघ अब एक मंच पर आ गए हैं. उन्होंने कहा कि वे पंजाब में और दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन का भी हिस्सा हैं.’
हाल ही में पंजाब सरकार ने 370 से अधिक मास्टर कैडर शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की थी. ढिलवां ने दावा किया कि बड़ी संख्या में पद खाली हैं, लेकिन सरकार हमेशा केवल कुछ ही सीटें भरने के लिए विज्ञापन निकालती है. 100 पंजाबी और हिंदी शिक्षक के पद के लिए 21,000 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था.
रिपोर्ट के अनुसार, विरोध के तौर पर शिक्षक सड़क पर सो रहे हैं. वे आस-पास के गुरुद्वारों में लंगर लाते हैं, जबकि चाय एक रोटेशन के आधार पर यूनियनों के सदस्यों द्वारा दिया जा रहा है.
संगरूर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) विवेकशील सोनी ने कहा कि दिन में 40-50 सदस्य धरना देते हैं, जबकि रात के समय 10-15 लोग रहते हैं.
सोनी ने कहा, ‘हमने उनसे कहा कि वे इस तरह से और इस खराब मौसम में धरना का आयोजन न करें. मंत्री जी शहर में नहीं हैं. जब भी वह वापस आएंगे हम यूनियन नेताओं की बैठक का आयोजन करेंगे. मुझे यकीन है कि यह धरना जल्द ही खत्म हो जाएगा.’