उत्तर प्रदेश: कथित तौर पर आर्थिक तंगी से परेशान किसान ने लगाई फांसी

उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले का मामला है. किसान की पत्नी ने पुलिस को बताया कि उनके पति पर बैंक का 38 हज़ार रुपये का क़र्ज़ था और कोई काम न मिलने से परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली.

(फोटो साभार: indiarailinfo)

उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले का मामला है. किसान की पत्नी ने पुलिस को बताया कि उनके पति पर बैंक का 38 हज़ार रुपये का क़र्ज़ था और कोई काम न मिलने से परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली.

(फोटो साभार: indiarailinfo)
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बांदा: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के तिंदवारी क्षेत्र में कथित तौर पर आर्थिक तंगी से परेशान एक किसान के फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि मंगलवार को गोधनी गांव में किसान कल्लू उर्फ हिटलर (45) ने अपने घर में रस्सी से फांसी लगा ली, जिससे उसकी मौत हो गई.

उन्होंने बताया कि किसान की पत्नी कल्ली ने पुलिस को बताया कि उसके पति पर बैंक का 38 हजार रुपये का कर्ज था और कोई काम-धंधा न मिलने से परेशान होकर उसके पति ने आत्महत्या की है.

शव का पोस्टमॉर्टम करवाया गया है और मामले की जांच की जा रही है.

अमर उजाला के मुताबिक खेती से घर का खर्च पूरा न हो पाने पर वह गांव में ही छोटा-मोटा किराये के टेंट का धंधा भी करते थे, लेकिन कोरोना के बाद उसका यह काम भी बंद था.

पत्नी ने बताया कि पति ने खाद-बीज के लिए वर्ष 2019 में कोऑपरेटिव बैंक, तिंदवारी से 30 हजार रुपये का कर्ज लिया था, जो बढ़कर 38 हजार रुपये हो गया है. खेती से गुजारा नहीं हो पाता था, इसलिए घर में ही छोटा-मोटा टेंट का काम भी शुरू किया था, लेकिन कोरोना काल में यह काम भी नहीं चला.

पत्नी के मुताबिक, कर्ज और आर्थिक तंगहाली से परेशान होकर पति ने आत्महत्या की है. किसान के दो बेटे और एक बेटी हैं.

उधर, कोऑपरेटिव बैंक शाखा प्रबंधक रामनरेश कुशवाहा ने मृतक किसान पर कर्ज की पुष्टि की. साथ ही यह भी कहा कि वसूली के लिए किसी तरह का दबाव या नोटिस की कार्रवाई नहीं की गई.

वहीं, पैलानी के नायब तहसीलदार राजकुमार भदौरिया ने बताया कि किसान के नाम आठ बीघे कृषि भूमि है, जांच चल रही है और यदि कर्ज और आर्थिक तंगी की वजह से आत्महत्या करने की पुष्टि हुई तो पीड़ित परिवार को सरकारी मदद दी जाएगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)