ग्वालियर में गोडसे ज्ञान शाला शुरू करते हुए हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. जयवीर भारद्वाज ने कहा कि दुनिया को यह बताने के लिए कि गोडसे सच्चे देशभक्त थे, लाइब्रेरी खोली गई है. इसका उद्देश्य आज के अज्ञानी युवाओं में सच्ची देशभक्ति जगाना है, जिसके लिए गोडसे खड़े हुए थे.
ग्वालियर: हिंदू महासभा ने रविवार को विश्व हिंदी दिवस पर ग्वालियर में अपने दफ्तर में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की लाइब्रेरी की शुरुआत की है.
महासभा ने इस लाइब्रेरी को ज्ञानशाला का नाम दिया है और कहा है कि इसमें गोडसे और देश विभाजन से जुड़े तथ्यों को युवा पीढ़ी को बताने का काम किया जाएगा.
हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. जयवीर भारद्वाज ने आरोप लगाया कि देश विभाजन के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है, जिसके कारण अखंड भारत के दो टुकड़े हुए और करीब पांच लाख हिंदुओं की हत्या की गई तथा 20 लाख से ज्यादा हिंदू विस्थापित हुए.
उन्होंने कहा कि देश विभाजन को कांग्रेस ने स्वीकार किया और उसके कारण आज पाकिस्तान दुश्मन है और भारत का बहुत बड़ा धन उसके साथ सुरक्षा में खर्च होता है.
Madhya Pradesh: Hindu Mahasabha opened a study centre in Gwalior dedicated to Nathuram Godse, yesterday
Jaiveer Bharadwaj, vice-president says, "This study centre will inform the young generation about aspects of Partition of India & spread knowledge on various national leaders" pic.twitter.com/RCw6zbXIql
— ANI (@ANI) January 11, 2021
उन्होंने कहा कि यही नहीं, कांग्रेस ने ही देश में हिंदू और मुसलमान के बीच नफरत बढ़ाई. इसी कारण कांग्रेस ने नाथूराम गोडसे और नारायण राव आप्टे का अदालत में दिया गया बयान 50 वर्षों तक बाहर नहीं आने दिया.
महात्मा गांधी की हत्या करने के जुर्म में गोडसे एवं आप्टे को 15 नवंबर 1949 को अंबाला की जेल में फांसी की सजा दी गई थी.
भारद्वाज ने बताया, ‘अब हिंदू महासभा इसी इतिहास को नयी पीढ़ी को बताने के लिए ग्वालियर में दौलतगंज स्थित कार्यालय में गोडसे की ज्ञानशाला शुरू कर रही है. इस ज्ञानशाला में गोडसे के अलावा राष्ट्र निर्माण करने वाले दूसरे महापुरुषों, गुरु गोविंद सिंह, छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप, डॉ. हेडगेवार, पंडित मदन मोहन मालवीय से जुड़ा इतिहास भी बताएगी.’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘गोडसे सच्चे देशभक्त थे, दुनिया को यह बताने के लिए लाइब्रेरी खोली गई है. वह अविभाजित भारत के लिए लड़े और मरे. लाइब्रेरी को स्थापित करने का उद्देश्य आज के अज्ञानी युवाओं में सच्ची देशभक्ति को जगाना है जिसके लिए गोडसे खड़े हुए थे.’
उन्होंने कहा, ‘हिंदू महासभा ने हमेशा से हिंदी, हिंदू और हिंदुस्तान की बात की है और आज 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस है, इसलिए इस ज्ञान शाला की शुरुआत की गई है.’
इसके पहले हिंदू महासभा ने 15 नवंबर 2017 को गोडसे का यहां मंदिर बनाने के लिए प्रतिमा भी स्थापित की थी, लेकिन उस समय उस प्रतिमा को जब्त कर लिया गया. इस प्रतिमा को हिंदू महासभा के कार्यकर्ता कई बार प्रशासन से मांगते रहे हैं.
गोडसे की लाइब्रेरी के लिए ग्वालियर को इसलिए चुना गया क्योंकि इसी शहर में गांधी की हत्या की साजिश रची गई थी और वहीं पर पिस्तौल भी खरीदी गई थी.
इस बीच, मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने रविवार को कहा कि भारत का विभाजन महात्मा गांधी की गलती थी.
उन्होंने भोपाल में पत्रकारों से कहा, ‘यह महात्मा गांधी की गलती थी कि मोहम्मद अली जिन्ना भारत को दो भागों में बांटने में सफल रहे.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)