अमेरिकी अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख डेनियल पर्ल को 2002 में कराची से अगवा कर उनकी हत्या कर दी गई थी. पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने हत्या के मुख्य आरोपी ब्रिटिश मूल के अल-कायदा आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख़ को रिहा करने का आदेश दिया है. इस फै़सले पर अमेरिका और भारत समेत संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई है.
वाॅशिंगटन/नई दिल्ली: ह्वाइट हाउस ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण एवं उनकी हत्या के मामले के आरोपियों को बरी करने के पाकिस्तानी उच्चतम न्यायालय के आदेश पर ‘नाराजगी’ जताई है.
उसने कहा कि पाकिस्तान अलकायदा के आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख और और उसके तीन सहयोगियों- फहद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब के खिलाफ मुकदमा चलाने की अमेरिका को अनुमति देने समेत अपने अन्य कानूनी विकल्पों की शीघ्र समीक्षा करे, ताकि अमेरिकी पत्रकार के परिवार को न्याय मिल सके.
साल 2002 में इन चारों को डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या मामले में दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई गई थी.
वर्ष 2002 में कराची में ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के 38 वर्षीय दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख पर्ल का उस समय अपहरण कर लिया गया था, जब वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अलकायदा के बीच संबंधों पर एक खबर के लिए जानकारी जुटा रहे थे. इसके बाद उनकी सिर कलम करके हत्या कर दी गई थी.
बीते 28 जनवरी को पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने ब्रिटेन में जन्मे उमर शेख को बरी किए जाने के खिलाफ दायर अपील को खारिज करते हुए उसकी रिहाई का आदेश दिया था. अदालत ने आजीवन कारावास की सजा काट रहे मामले के अन्य तीन दोषियों को भी रिहा करने का आदेश दिया है.
उच्चतम न्यायालय ने सिंध उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ सिंध प्रांतीय सरकार की अपील को खारिज कर दिया, जिसमें पर्ल की हत्या के लिए शेख की सजा को समाप्त कर दिया गया था. तीन न्यायाधीशों वाली एक पीठ ने संदिग्ध को रिहा करने का आदेश भी दिया. पीठ के एक सदस्य ने इस फैसले का विरोध किया था.
पर्ल परिवार के वकील फैसल सिद्दीकी ने बताया कि पर्ल के माता-पिता रूथ और जुडिया पर्ल ने उस फैसले की निंदा की है जो हर जगह पत्रकारों के जीवन को खतरे में डाल देगा.
परिवार ने एक बयान में कहा, ‘आज का फैसला पूरी तरह से न्याय का मजाक बनाने जैसा है और इन हत्यारों की रिहाई हर जगह और पाकिस्तान के लोगों के लिए खतरा है.’
डेनियल पर्ल के परिवार ने पाकिस्तानी अदालत द्वारा मुख्य आरोपी को बरी करने के निर्णय पर अमेरिकी हस्तक्षेप की मांग की है.
परिवार ने एक बयान में कहा, ‘हम अमेरिकी सरकार से इस अन्याय को ठीक करने के लिए कानून के तहत सभी आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं.’
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस का प्रतिनिधित्व कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की नृशंस हत्या में शामिल लोगों को बरी किए जाने पर चिंता जताते हुए कहा कि इस प्रकार के अपराधों की जवाबदेही तय करना महत्वपूर्ण है.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने शुक्रवार को कहा, ‘इस प्रकार के अपराधों के लिए जवाबदेही तय किया जाना महत्वपूर्ण है.’
इससे पहले ह्वाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने पर्ल के परिवार के लिए न्याय सुनिश्चित करने की नए बाइडन प्रशासन की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया.
उन्होंने 28 जनवरी को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अमेरिका वॉल स्ट्रीट जर्नल के रिपोर्टर डेनियल पर्ल के अपहरण और उनकी नृशंस हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को बरी करने की पुष्टि करने के पाकिस्तानी उच्चतम न्यायालय के फैसले से नाराज है. पर्ल की हत्या की घटना ने 2002 में दुनिया की अंतरात्मा को हिला कर रख दिया था.’
उन्होंने पाकिस्तान में हुई इस घटना संबंधी एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘शेख और अन्य संदिग्धों को निर्दोष करार देना और उन्हें बरी करने का आदेश देना पाकिस्तान समेत हर जगह आतंकवाद के पीड़ितों का अपमान है. हम जानते हैं कि पर्ल के हत्यारों को जवाबदेह बनाने की कोशिश करने के लिए पाकिस्तान ने अतीत में कदम उठाए हैं. हम इस बात को भी जानते हैं कि अभी उमर शेख पाकिस्तान में राष्ट्रीय सुरक्षा प्राधिकारियों की हिरासत में है.’
साकी ने कहा, ‘लेकिन हम पाकिस्तान सरकार से अपील करते हैं कि वह अमेरिका को अमेरिकी नागरिक एवं पत्रकार की नृशंस हत्या के मामले में अभियोग चलाने की अनुमति देने समेत अपने कानूनी विकल्पों की शीघ्र समीक्षा करे.’
अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने पाकिस्तान से अपील की कि वह पर्ल के हत्यारों को न्याय के दायरे में लाने के लिए सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करे.
इस बीच ब्लिंकन ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से फोन पर बातचीत की और अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों की जवाबदेही तय किए जाने पर चर्चा की है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने शुक्रवार को कहा कि ब्लिंकन ने पर्ल के हत्यारों को बरी करने के पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर अमेरिका की चिंता दोहराई.
प्राइस ने टेलीफोन पर हुई इस बातचीत की जानकारी देते हुए कहा, ‘ब्लिंकन और कुरैशी ने इस बात पर चर्चा की कि अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और उनकी हत्या के लिए जिम्मेदार आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख और अन्य लोगों की जवाबदेही कैसे तय की जा सकती है.’
अमेरिका के कार्यवाहक अटॉर्नी जनरल मोंटी विल्किंसन ने उमर शेख को बरी किए जाने के फैसले पर चिंता जताते हुए कहा, ‘हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों की रिहाई डेनियल पर्ल के परिवार, दुनियाभर में आतंकवाद के अन्य पीड़ितों और न्याय का अपमान है.’
सांसद ब्रैड शेरमन ने भी पाकिस्तानी अदालत के फैसले पर निराशा जताई.
न्याय का मजाक: भारत
इस संबंध में भारत ने भी तल्ख प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय ने बीते 28 जनवरी को कहा कि आतंकवाद के जघन्य कृत्य में उसे दोषी नहीं ठहराया जाना न्याय का मजाक है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि यह मामला आतंकवाद से निपटने में पाकिस्तान की नीयत को दिखाता है.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने पहले भी इसका उल्लेख किया था कि आतंकवाद के आरोपियों के संदर्भ में पाकिस्तान में दोषसिद्धि की दर बहुत कम है. यह मामला आतंकवाद के मोर्चे पर कदम उठाने को लेकर पाकिस्तान की नीयत को सही मायनों में दर्शाता है.’
श्रीवास्तव ने कहा, ‘यह न्याय का मजाक है कि उमर सईद को आतंकवाद के जघन्य कृत्य को लेकर दोषी नहीं पाया गया.’
उन्होंने कहा, ‘हमारा रुख वही है कि पाकिस्तान को अपनी सरजमीन से पैदा होने वाले आतंकवाद और टेरर फंडिंग के खिलाफ सतत, विश्वसनीय और ठोस कार्रवाई करनी होगी.’
गौरतलब है कि सिंध उच्च न्यायालय ने अप्रैल, 2020 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या मामले के मुख्य दोषी एवं ब्रिटिश मूल के अल-कायदा नेता अहमद उमर सईद शेख की मौत की सजा इस साल अप्रैल में सात साल के कैद में बदल दी थी और साथ ही तीन अन्य आरोपियों- फहद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब को रिहा कर दिया था.
15 जुलाई, 2002 को हैदराबाद आतंकवाद निरोधक अदालत ने मुख्य आरोपी अहमद उमर शेख को पत्रकार का अपहरण करने और उसकी हत्या करने के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी. उसके तीन साथियों- फहद नसीम, सैयद सलमान साकिब और शेख आदिल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
सिंध उच्च न्यायालय के फैसले के बाद सिंध सरकार और डेनियल पर्ल के परिवार ने उच्चतम न्यायालय में याचिकाएं दाखिल की थीं.
एनडीटीवी के मुताबिक अमेरिका के जो बिडेन का प्रशासन ने पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नारजगी जतायी.
मुख्य प्रवक्ता जेन पसाकी ने संवाददाताओं से कहा, ‘पाकिस्तान ने वॉशिंगटन और इस्लामाबाद के बीच गठबंधन को असहज करते हुए कई बार इस्लामिक आतंकवाद पर विश्वास तोड़ा है.’
उन्होंने सत्तारूढ़ को आतंकवाद पीड़ितों के लिए संघर्ष करने को कहा और पाकिस्तानी सरकार से इसके कानूनी विकल्पों की समीक्षा करने की मांग की.
आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) ने इन आरोपियों को पहले आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)