कालाहांडी ज़िले में 175 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले करलापट वन्यजीव अभ्यारण्य में साल 2018 की गणना के अनुसार 17 हाथी थे. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने यहां हुई हाथियों की सिलसिलेवार मौत पर चिंता जताते हुए वन, पर्यावरण और पशु संसाधन विभागों को इस पर राज्य और बाहर के विशेषज्ञों से परामर्श लेने को कहा है.
भवानीपाटना: ओडिशा के कालाहांडी जिले के करलापट वन्यजीव अभ्यारण्य में एक जलाशय के नजदीक एक और हथिनी मृत पाई गई. एक वन अधिकारी ने यह जानकारी दी.
अधिकारी ने बताया कि इस महीने 14 दिन के भीतर करलापट वन्यजीव अभ्यारण्य में पांच हथिनी और हाथी के एक बच्चे की मौत हुई है. साल 2018 की गणना के अनुसार अभ्यारण्य में 17 हाथी मौजूद थे.
कालाहांडी के दक्षिणी संभाग के संभागीय वन अधिकारी अशोक कुमार और उनकी टीम तथा पशु चिकित्सक इस क्षेत्र में निगरानी के उद्देश्य से जुटे हैं.
अधिकारी ने बताया, ‘हाथियों की मौत हेमरिज सेप्टीसीमिया’की वजह से हुई.’ हालांकि, उन्होंने कहा कि अभ्यारण्य में अन्य जानवरों की मौत और निकटतम गांवों से जंगल में प्रवेश करने वाले मवेशियों की भी इस वजह से मौत की खबर नहीं है.
ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वन्यजीव स्वास्थ्य केंद्र के समन्वयक, भुवनेश्वर निरंजन साहू ने करलापट का मुआयना करने के बाद कहा, ‘हाथी की मौत एचएस की वजह से होना जान पड़ता है. एक हाथी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और प्रयोगशाला रिपोर्ट भी एचएस की तरफ ही इशारा करती है.’
साहू ने बताया कि अगर मवेशियों का टीकाकरण नहीं हुआ हो, तो वह इस बीमारी से संक्रमित हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि शायद यह पहला मामला है जब हाथी भी इस बीमारी से संक्रमित हुए हैं.
उन्होंने कहा कि अभ्यारण्य के भीतर स्थित गांवों में पालतू मवेशियों का टीकाकरण अभियान शुरू हुआ है और वन कर्मियों की मदद के जरिए पशु चिकित्सक संक्रमण मुक्त करने का काम भी कर रहे हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सिलसिलेवार हाथियों की मौतों पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने वन, पर्यावरण एंव पशु संसाधन विभागों को निर्देश दिया कि वे हाथियों की मौत को रोकने के लिए ओडिशा और बाहर के विशेषज्ञों से परामर्श करें.
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान नवीन पटनायक ने कालाहांडी के जिला प्रशासन और डीएफओ को निर्देश दिया कि वे अभ्यारण्य के करीब के गांवों में मवेशियों का टीकाकरण सुनिश्चित करें.
CM @Naveen_Odisha expressed deep concern over death of elephants in Karlapat Wildlife Sanctuary in Kalahandi. CM asked @ForestDeptt & @farddept to take immediate action on this & advised to take help from experts from state and outside to prevent such deaths.
— CMO Odisha (@CMO_Odisha) February 16, 2021
उन्होंने कहा कि अभ्यारण्य के सभी जल निकायों को कीटाणुरहित किया जाना चाहिए और पानी के नमूनों को परीक्षणों के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाना चाहिए.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अभ्यारण्य में कम से कम 43 जल स्रोत हैं, जिनमें से अब तक 25 को कीटाणुरहित किया जा चुका है.
निरंजन साहू ने बताया कि वन कर्मचारियों और पशु चिकित्सा कर्मचारियों द्वारा अभ्यारण्य के अंदर स्थित गांवों में पालतू मवेशियों का टीकाकरण और स्वच्छता की प्रक्रिया जारी है.
मुख्य जिला पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. चैतन्य सेठी ने कहा कि एचएस से अब तक क्षेत्र में पालतू मवेशियों की मौत नहीं हुई है.
करलापट वन अभ्यारण्य 175 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. यहां हरे-भरे जंगल, वनस्पतियों के अलावा जीव-जंतुओं के कई प्रजाति – हाथी, तेंदुआ, गौर, सांभर, छालदार हिरण, भेड़िया, जंगली कुत्ता, जंगली सुअर, भालू, गिलहरी और पैंगोलिन आदि हैं.
इसके अलावा विभिन्न प्रकार की पक्षियां, मगरमच्छ, छिपकली, सांप (जहरीले और गैर-जहरीले) पाए जाते हैं. वन में साल, बीजा, आसन, हरिदा, आंवला, बहड़ और बांस जैसे वनस्पतियां हैं और कई किस्म के औषधीय पौधे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)