मेघालय सरकार को अवैध कोयला खनन मामले में सीबीआई जांच की सिफ़ारिश करने का निर्देश

लोकायुक्त के समक्ष विपक्ष के नेता मुकुल संगमा ने आरोप लगाया था कि खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 और एनजीटी के प्रतिबंधों का पूर्ण रूप से उल्लंघन करते हुए अवैध खनन किया जा रहा है. जयंतिया हिल ज़िले के ख्लीहरंगनाह में 141,000 मीट्रिक टन कोयला ग़ायब हो गया. इससे राजस्व का भारी नुकसान हुआ है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

लोकायुक्त के समक्ष विपक्ष के नेता मुकुल संगमा ने आरोप लगाया था कि खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 और एनजीटी के प्रतिबंधों का पूर्ण रूप से उल्लंघन करते हुए अवैध खनन किया जा रहा है. जयंतिया हिल ज़िले के ख्लीहरंगनाह में 141,000 मीट्रिक टन कोयला ग़ायब हो गया. इससे राजस्व का भारी नुकसान हुआ है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

शिलांग: लोकायुक्त ने मेघालय सरकार को राज्य में कोयले के अवैध खनन और परिवहन के कथित सरगना को पकड़ने के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश करने का निर्देश दिया है.

लोकायुक्त अध्यक्ष पीके मुशाहारी ने विपक्ष के नेता मुकुल संगमा की एक याचिका का निस्तारण करते हुए बुधवार को यह निर्देश दिया.

संगमा ने आरोप लगाया था कि खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के प्रतिबंधों का पूर्ण रूप से उल्लंघन करते हुए अवैध खनन किया जा रहा है.

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि ख्लीहरंगनाह (जयंतिया हिल जिला) में 141,000 मीट्रिक टन कोयला गायब हो गया और जरूर ही इसे अवैध तरीके से उठा कर कहीं भेज दिया गया होगा. इससे राजस्व का भारी नुकसान हुआ.

लोकायुक्त अध्यक्ष के आदेश में कहा गया है, ‘कोयले के अवैध खनन और परिवहन के सरगना का पता लगाने के लिए जांच होनी चाहिए. सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसी की स्वतंत्र जांच से ही इसका खुलासा हो सकता है.’

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक आदेश में आगे कहा, ‘यह हर किसी को पता है कि इस रैकट को कुछ शक्तिशाली सरगनाओं द्वारा चलाया जा रहा है, जिसके खिलाफ कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान उजागर करके शिकायत दर्ज कराने के लिए नहीं आएगा.’

लोकायुक्त के मुताबिक पूरे समाज के फायदे के लिए खासतौर पर आर्थिक हित के लिए राज्य सरकार से इस पर फैसला करने की उम्मीद की जाती है.

मुसहरी ने कहा, ‘चूंकि राज्य सरकार ने एक समान मामले में सीबीआई जांच के लिए लोकायुक्त के आदेश को चुनौती दी थी, सीबीआई जांच का आदेश देने की कोई गुंजाइश नहीं है, इसलिए राज्य सरकार को सीबीआई जांच की सिफारिश करने की सलाह देना उचित माना जाता है.’

लोकायुक्त ने यह भी कहा कि पूरे राज्य में व्यापक स्तर पर यह मांग की जा रही है कि कोयले के इस तरह के अवैध खनन और परिवहन पर रोक लगाई जाए.

साथ यह भी कहा कि विपक्ष के नेता और समाज, संघ या संगठनों के किसी भी सदस्य को सलाह दी जाती है कि वह कानून के अनुसार इस मंच या किसी अन्य उपयुक्त मंच के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

बता दें कि साल 2019 में राज्य सरकार के अवैध कोयला खनन को रोकने में नाकाम रहने पर एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.

एनजीटी में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने माना था कि उनके राज्य में बड़ी संख्या में अवैध तरीके से कोयला खनन हो रहा है.

गुवाहाटी हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस बीपी काकोटी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया था कि मेघालय में लगभग 24,000 खदानें हैं और इनमें से अधिकतर अवैध रूप से संचालित हो रही हैं.

इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि इन खदानों के पास न तो लाइसेंस या पट्टा है और न ही इनमें से अधिकतर कोयला खदानों के संचालन के लिए पर्यावरणीय मंजूरी ली गई है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)