केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने अपने मुख्य खेल अधिकारी डीआईजी खजान सिंह और कोच इंस्पेक्टर सुरजीत सिंह को महिलाकर्मियों के यौन उत्पीड़न का दोषी पाया था. एक महिला कॉन्स्टेबल ने बीते दिसंबर में दिल्ली के एक थाने में बलात्कार का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था.
नई दिल्ली: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने बुधवार को अपने मुख्य खेल अधिकारी डीआईजी खजान सिंह और कोच इंस्पेक्टर सुरजीत सिंह को निलंबित कर दिया. इससे पहले एक प्राथमिक जांच में उन्हें महिलाकर्मियों के यौन उत्पीड़न का दोषी पाया गया था.
आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि महानिरीक्षक चारू सिन्हा की अध्यक्षता वाली एक समिति ने पाया कि 30 वर्षीय एक महिला कॉन्स्टेबल द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप प्रथम दृष्टया सही हैं.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘बल द्वारा की गई प्रारंभिक जांच की सिफारिशों के बाद उप महानिरीक्षक खजान सिंह और इंस्पेक्टर सुरजीत सिंह को निलंबित कर दिया गया है.’
देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल के मुख्य खेल अधिकारी खजान सिंह ने 1986 के सोल एशियाई खेलों में रजत पदक जीता था. इसके अलावा उन्हें अर्जुन पुरस्कार भी मिला हुआ है.
खजान सिंह ने इससे पहले आरोपों का खंडन किया था और कहा था कि लगाए गए आरोप पूरी तरह से गलत हैं और उनकी छवि खराब करने के लिए आरोप लगाए गए हैं.
महिला कॉन्स्टेबल ने पिछले साल दिसंबर में दिल्ली के बाबा हरिदास थाने में दर्ज शिकायत में दोनों पर बलात्कार का आरोप लगाया था. शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अन्य महिला कॉन्स्टेबल का भी यौन उत्पीड़न किया था.
महिला कॉन्स्टेबल 2010 में सीआरपीएफ में शामिल हुईं और कुश्ती टीम के लिए खेलते हुए उन्होंने कई राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पदक जीते थे.
इंडियन एक्सप्रेस के रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर में महिला द्वारा दर्ज कराए गए एफआईआर में आरोप लगाया था कि उसके साथ दिल्ली में तीन साल से अधिक समय तक बलात्कार किया गया था.
प्राथमिकी में ये भी आरोप लगाया था कि सुरजीत सिंह और खजान सिंह दोनों सीआरपीएफ के भीतर एक सेक्स स्कैंडल चलाते हैं और इसके कई साथी हैं. वे महिला कॉन्स्टेबल का यौन उत्पीड़न करते हैं.
उन्होंने अधिकारियों पर गुप्त रूप से फिल्म बनाने और उसकी तस्वीरों के साथ उसे ब्लैकमेल करने का भी आरोप लगाया था.
उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 में महानिरीक्षक (सीआरपीएफ) से एक आधिकारिक शिकायत की थी, लेकिन आरोपी ने उन्हें शिकायत वापस लेने के लिए मजबूर किया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)