बंधुआ मुक्ति मोर्चा का कहना है कि बीते 3 मार्च को एनजीटी ने दिल्ली में रोड़ी-बजरी के माध्यम से प्रदूषण फैलाने वाले और ग्रीन टैक्स की चोरी करने वाले अवैध प्लॉटों के ख़िलाफ़ कार्रवाई का आदेश दिया था. लेकिन तीन सप्ताह के भीतर कार्रवाई के आदेश के बाद आज तक ऐसा नहीं हुआ.
नई दिल्ली: बंधुआ मुक्ति मोर्चा ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) पर दिल्ली में फैले अवैध बिल्डिंग मैटेरियल जैसे रोड़ी-बजरी के अवैध प्लॉटों से फैलते प्रदूषण को लेकर गंभीरता न जताने का आरोप लगाया है.
मोर्चा ने आरोप लगाया कि बीते 3 मार्च को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) द्वारा इस संबंध में तीन सप्ताह के भीतर कार्रवाई का आदेश दिए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई.
दरअसल बंधुआ मुक्ति मोर्चा ने एनजीटी में एक याचिका दायर कर दिल्ली में फैले अवैध बिल्डिंग मैटेरियल जैसे रोड़ी-बजरी के अवैध प्लॉटों से फैलते प्रदूषण से दिल्ली को बचाने की मांग की थी.
याचिका में दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (पूल प्रहलादपुर – सूरजकुंड रोड फरीदाबाद बॉर्डर) पर लगभग 10 प्लॉट और बदरपुर मेट्रो स्टेशन के पास स्थित लगभग 40 रोड़ी बजरी के अवैध प्लॉटों का जिक्र किया गया है, जिन्हें उतारे और चढ़ाए जाने के समय भारी मात्रा में निकलने वाले धूल से प्रदूषण फैलता है और ये प्रदूषण हवा चलने के समय सैकड़ों फुट दूर तक जाकर लोगों को बीमार कर रहा है.
बंधुआ मुक्ति मोर्चा ने याचिका में एनजीटी को बताया कि दिल्ली के प्रहलादपुर-सूरजकुंड फरीदाबाद बॉर्डर के प्लॉट रोड़ी और धूल लाने के अलावा भारी मात्रा में ग्रीन टैक्स की चोरी भी करते हैं क्योंकि ये दिल्ली-सूरजकुंड फरीदाबाद बॉर्डर के लगभग 30-35 मीटर से पहले ही बाएं होकर दिल्ली अंदर चले जाते हैं, जिससे ग्रीन टैक्स से बच जाते है क्योंकि बॉर्डर से जाने पर इन डीज़ल की गाड़ियों पर एक 22 टायर के ट्रक पर लगभग 3,600 रुपये या उससे अधिक का टैक्स लगता है जिससे लाखों रुपये का प्रतिदिन का ग्रीन टैक्स चोरी होता है,
बंधुआ मुक्ति मोर्चा का कहना है कि जज आदर्श गोयल की पीठ ने 3 मार्च 2021 को दिए आदेश में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रित कमेटी को नोडल एजेंसी बनाते हुए दक्षिण-पूर्व दिल्ली जिले की जिला मजिस्ट्रेट और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इन सभी अवैध प्लॉटों के मालिकों पर सख़्त कार्रवाई कर इनको हटाने का आदेश दिया था.
उन्होंने तीन सप्ताह के अंदर इसकी रिपोर्ट एनजीटी को देने का आदेश दिया था.
हालांकि, 3 मार्च के बाद लगभग 21 दिन के बजाय अब 40 दिन से अधिक हो चुके हैं लेकिन एनजीटी के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए ये अवैध रोड़ी-बजरी के प्लॉट आज भी धड़ल्ले से बदस्तूर जारी हैं.
बंधुआ मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रमेश आर्य ने कहा कि प्रतिदिन करोड़ों के इस अवैध कारोबार पर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) द्वारा एनजीटी के आदेश पर कार्रवाई न करना संदेह पैदा करता है
रमेश आर्य ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मांग की है वे स्वयं एनजीटी के इस आदेश पर संज्ञान लेते हुए इस करोड़ों रुपए के अवैध कारोबार पर रोक लगाएं और ज़िम्मेदार लोगों व अधिकारियों पर सख़्त कार्रवाई करें, जिससे भविष्य में कोई भी बग़ैर दिल्ली सरकार की मंज़ूरी के अवैध रोड़ी -बजरी का कारोबार कर दिल्ली को प्रदूषित करने कोशिश न कर सके.