अदालत ने विमान चालकों की नौकरी समाप्त करने का एयर इंडिया का आदेश पलटा, पुनर्बहाली के आदेश दिए

इसके साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने एयर इंडिया को यह निर्देश दिए कि इन विमान चालकों को पुराने भत्ते भी देने होंगे. एयर इंडिया ने आर्थिक स्थिति और कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए पिछले साल 13 अगस्त को 48 पायलटों को बर्ख़ास्त कर दिया था.

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एयर इंडिया (फोटो: रॉयटर्स)

इसके साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने एयर इंडिया को यह निर्देश दिए कि इन विमान चालकों को पुराने भत्ते भी देने होंगे. एयर इंडिया ने आर्थिक स्थिति और कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए पिछले साल 13 अगस्त को 48 पायलटों को बर्ख़ास्त कर दिया था.

एयर इंडिया (फोटो: रॉयटर्स)
एयर इंडिया (फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया के पिछले वर्ष नौकरी से निकाले गए सभी विमान चालकों को बड़ी राहत देते हुए कंपनी के इस निर्णय को बीते एक जून को पलट दिया और उनकी पुनर्बहाली के आदेश दिए हैं.

जस्टिस ज्योति सिंह ने एयर इंडिया को यह निर्देश दिए साथ ही अपने आदेश में कहा कि इन विमान चालकों को पुराने भत्ते भी देने होंगे.

अदालत ने यह भी कहा कि अनुबंध पर काम करने वाले विमान चालकों के अनुबंध को भविष्य में बढ़ाने का निर्णय एयर इंडिया उनके कामकाज के आधार पर लेगी.

अदालत ने यह आदेश विमान चालकों की ओर से दाखिल 40 से अधिक याचिकाओं पर दिया, जिनकी नौकरी एयर इंडिया ने पिछले वर्ष 13 अगस्त को समाप्त कर दी थी.

बता दें कि एयर इंडिया ने पिछले साल 13 अगस्त की रात 48 पायलटों को बर्खास्त कर दिया. इन 48 पायलटों ने पिछले साल इस्तीफा देने के बाद नियमों के अनुसार छह महीने के नोटिस पीरियड के अंदर अपना इस्तीफा वापस ले लिया था. ये पायलट एयर इंडिया के एयरबस 320 बेड़े को उड़ा रहे थे.

बर्खास्तगी पत्र में इस फैसले के लिए एयर इंडिया ने विमान सेवा की आर्थिक स्थिति और कोविड-19 महामारी को बताया था.

इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) ने एयर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राजीव बंसल को एक पत्र लिखकर पायलटों की गैरकानूनी बर्खास्तगी में दखल देने की मांग की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)