एक के बाद एक घटनाएं दे रही हैं शराब माफिया और सरकार के गठजोड़ की गवाही: कांग्रेस

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले में बीते कुछ दिनों से ज़हरीली शराब पीने की वजह से दो अलग-अलग घटनाओं में 45 से अधिक लोगों की मौत होने का मामला सामने आया है. हालांकि कांग्रेस ने 100 से अधिक लोगों की मौत होने का दावा किया है. पुलिस ने शराब कांड के मुख्य आरोपी भाजपा सदस्य ऋषि शर्मा को गिरफ़्तार कर लिया है. गिरफ़्तारी के बाद उसे पार्टी से निकाल दिया गया है.

/
अलीगढ़ जहरीली शराब कांड में मारे गए लोगों के परिजन. (फाइल फोटो: पीटीआई)

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले में बीते कुछ दिनों से ज़हरीली शराब पीने की वजह से दो अलग-अलग घटनाओं में 45 से अधिक लोगों की मौत होने का मामला सामने आया है. हालांकि कांग्रेस ने 100 से अधिक लोगों की मौत होने का दावा किया है. पुलिस ने शराब कांड के मुख्य आरोपी भाजपा सदस्य ऋषि शर्मा को गिरफ़्तार कर लिया है. गिरफ़्तारी के बाद उसे पार्टी से निकाल दिया गया है.

अलीगढ़ जहरीली शराब कांड में मारे गए लोगों के परिजन. (फाइल फोटो: पीटीआई)
अलीगढ़ जहरीली शराब कांड में मारे गए लोगों के परिजन. (फाइल फोटो: पीटीआई)

लखनऊ/अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने की वजह से 45 से अधिक लोगों की मौत को लेकर कांग्रेस ने राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है.

कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में शराब माफियाओं को सत्ता का संरक्षण प्राप्त होने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि जहरीली शराब से मौतों की एक के बाद एक घटनाएं माफिया और सरकार के गठजोड़ की गवाही देती हैं.

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने राजधानी लखनऊ में एक बयान में आरोप लगाया कि जहरीली शराब के निर्माताओं और विक्रेताओं के सिंडिकेट को व्यवस्था का पूरा संरक्षण स्पष्ट तौर पर साबित होता है. शराब माफिया के खिलाफ कभी ऐसी कार्रवाई नहीं होती जिससे उनके हौसले पस्त हों.

उन्होंने कहा, ‘जहरीली शराब से मौतों की एक घटना के बाद दूसरी घटना होने में देर नहीं लगती. इसका मतलब है कि शराब माफियाओं को सत्ता का साथ मिला हुआ है. छोटी मछलियों या उनके इक्का-दुक्का लोगों पर कार्रवाई का नाटक किया जाता है. यही वजह है कि जहरीली शराब के सौदागर बेखौफ होकर फिर से अपना काम करते हैं. अगर ऐसा नहीं है तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आबकारी विभाग के मंत्री से जवाब तलब क्यों नहीं करते.’

सिंह ने दावा किया, ‘अलीगढ़ में पिछले दिनों जहरीली शराब पीने से 106 लोगों की मौत हुई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अब तक के कार्यकाल में पूरे प्रदेश में जहरीली शराब पीने से 400 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.’

उन्होंने कहा, ‘जहरीली शराब से हुई मौतों की घटनाओं को रोकने में सरकार नाकाम रही है. शराब माफिया, आबकारी और पुलिस विभाग से मिलकर अन्य प्रान्तों से अवैध शराब की तस्करी कर करीब 10 हजार करोड़ रुपये के अवैध कारोबार को संचालित करके खुलकर मौत बांट रहे हैं. राज्य सरकार शराब माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के बजाय आबकारी विभाग से मिल रहे राजस्व के मुनाफे से फूली नहीं समा रही है.’

कांग्रेस प्रवक्ता ने राज्य के आबकारी मंत्री श्रीराम नरेश अग्निहोत्री के नैतिक आधार पर इस्तीफे की मांग की.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘यूपी के अलीगढ़ जिले में जहरीली शराब का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा अखबार की सुर्खियों के अनुसार सौ से अधिक मौते हो चुकी है. योगी जी, आपके मंत्री श्रीराम नरेश अग्निहोत्री को अब तक तो नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.’

सिंह ने अलीगढ़ तथा अन्य जिलों में जहरीली शराब के कारोबार और उसमें संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए पीड़ित परिवारों की आर्थिक सहायता के साथ प्रत्येक परिवार के एक व्यक्ति को स्थायी सरकारी नौकरी देने की मांग की है.

गौरतलब है कि अलीगढ़ के टप्पल और अकराबाद थाना क्षेत्र में गत 28 मई से शुरू हुआ जहरीली शराब पीने से मौतों का सिलसिला कई दिनों तक जारी रहा. प्रशासन ने इसमें अब तक 36 लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है.

इसके अलावा गत दो जून को जवां थाना क्षेत्र में भी नहर में फेंकी गई शराब पीने से 10 ईंट भट्ठा मजदूरों की मौत हो गई थी. इस तरह जिले में जहरीली शराब से हुई मौतों का आधिकारिक आंकड़ा 46 हो गया है.

हालांकि, संदिग्ध रूप से जहरीली शराब पीने के कारण मरे 98 लोगों का अब तक पोस्टमॉर्टम कराया जा चुका है. प्रशासन का मानना है कि 36 लोगों के अतिरिक्त जिन लोगों का भी पोस्टमॉर्टम हुआ है, उनकी विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही माना जाएगा कि उनकी मृत्यु जहरीली शराब पीने से हुई है.

अलीगढ़ शराब कांड के प्रमुख आरोपियों पर रासुका और गैंगस्टर लगाने की प्रक्रिया शुरू

अलीगढ़ पुलिस ने जहरीली शराब से बड़ी संख्या में हुई मौतों के मामले में पांच प्रमुख आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) तथा गैंगस्टर कानून के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने सोमवार को बताया कि मामले के मुख्य आरोपी ऋषि शर्मा समेत पांच प्रमुख आरोपियों के खिलाफ रासुका तथा गैंगस्टर कानून के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

नैथानी ने बताया कि शर्मा को अलीगढ़-बुलंदशहर की सीमा पर रविवार को गिरफ्तार किया गया. वह नौ दिन तक अपने ठिकाने पर छिपे रहने के बाद दूसरे स्थान पर भागने की फिराक में था.

नैथानी ने बताया कि हमने 50 हजार के ईनामी विपिन यादव, 25 हजार के ईनामी अनिल चौधरी और उसके साले नीरज चौधरी, 25 हजार के ईनामी ऋषि शर्मा के भाई मुनीष शर्मा और एक अन्य शिवकुमार को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ऋषि शर्मा से पूछताछ शुरू कर दी गई है और ऐसी उम्मीद है कि जल्द ही शराब माफिया का पूरा नेटवर्क सामने आ जाएगा.

ऋषि शर्मा भाजपा का सदस्य था. उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे पार्टी से निकाल दिया गया है.

भाजपा द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, पार्टी जिलाध्यक्ष ऋषि पाल सिंह ने शर्मा को पार्टी से निष्कासित कर दिया है.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ऋषि हापुड़ जिले के नजदीक गढ़मुक्तेश्वर इलाके में स्थित एक आश्रम में साधु के वेश में छिपा हुआ था। पुलिस को एक वीडियो फुटेज के जरिये उसके ठिकाने के बारे में मालूम हुआ था. पुलिस ने पिछले हफ्ते हिमाचल प्रदेश तथा कुछ अन्य राज्यों में शर्मा के साथियों के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी.

बाद में पुलिस को पता चला कि ऋषि शर्मा गढ़मुक्तेश्वर आश्रम में छिपा हुआ है. पुलिस के वहां पहुंचने से पहले ही वह भाग चुका था. मगर कुछ मुखबिरों की मदद से अलीगढ़-बुलंदशहर की सीमा पर रविवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

पुलिस जहरीली शराब से मौतों के मामले में अब तक 61 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है अलीगढ़ के विभिन्न इलाकों में जहरीली शराब से 36 लोगों की मौत के मामले में 13 अलग-अलग मुकदमों में आरोपी शर्मा पर घोषित 75,000 रुपये के इनाम को शनिवार को ही बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया था.

पुलिस ने पांच दिनों के दौरान उसके परिवार के पांच सदस्यों- उसकी पत्नी, बेटे, दो भाइयों तथा एक भतीजे को गिरफ्तार किया. पुलिस ऋषि की गिरफ्तारी के लिए आसपास के छह राज्यों में भी सक्रिय थी. इन राज्यों में उसका नेटवर्क था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)