असम के शिक्षा मंत्री रेनोज पेगू ने कहा है कि स्थिति नियंत्रण में होने पर बोर्ड परीक्षाएं एक से 15 अगस्त के बीच आयोजित की जाएंगी. इससे पहले 11 मई से बोर्ड परीक्षाएं होनी थी, जिसे कोविड-19 महामारी के चलते टाल दिया गया था. याचिका में महामारी की मौजूदा स्थिति के आधार पर समान राहत प्रदान करने का अनुरोध किया गया है.
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय में एक नई याचिका दायर कर 10वीं एवं 12वीं कक्षाओं की परीक्षाएं कोविड-19 महामारी के चलते रद्द करने के लिए असम सरकार और राज्य परीक्षा बोर्डों को निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है.
राज्य में बोर्ड की परीक्षाएं अगस्त के पहले हफ्ते में होने की संभावना है.
याचिका के जरिये सीबीएसई और सीआईएससीई की 12वीं की परीक्षाएं रद्द करने के मुद्दे पर लंबित एक जनहित याचिका में पक्षकारों के रूप में हस्तक्षेप कराने का अनुरोध किया गया है.
नई याचिका असम राज्य बोर्ड के कुछ छात्रों ने दायर की है और उन्होंने महामारी की मौजूदा स्थिति के आधार पर समान राहत प्रदान करने का अनुरोध किया है.
बीते दिनों केंद्र सरकार ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी हैं. हालांकि इस बीच असम सरकार के मंत्री ने बयान दे दिया कि कोरोना वायरस से स्थितियां नियंत्रण में हैं और परीक्षाएं अगस्त में कराई जाएंगी.
असम के चार छात्रों ने अधिवक्ता अभिषेक चौधरी और मंजू जेटली के मार्फत शीर्ष न्यायालय में हस्तक्षेप याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार अब कह रही है कि वह जुलाई और अगस्त में शारीरिक उपस्थिति के साथ ये परीक्षाएं आयोजित करा सकती है.
याचिका में कहा गया है कि हालांकि सरकार ने शुरुआत में कोविड-19 महामारी की स्थिति के चलते बोर्ड परीक्षाएं टाल दी थी.
गौरतलब है कि असम बोर्ड ने बोर्ड परीक्षाओं को चार मई को अधिसूचना जारी कर स्थगित करते हुए कोविड-19 की मौजूदा स्थिति को इसकी वजह बताया था.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, राज्य के शिक्षा मंत्री रेनोज पेगू ने पिछले हफ्ते कहा था कि स्थिति नियंत्रण में होने पर बोर्ड परीक्षाएं 1 से 15 अगस्त के बीच आयोजित की जाएंगी.
असम में 10वीं की परीक्षा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड असम (एसईबीए) और 12वीं की परीक्षा असम उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद (एएचएसईसी) द्वारा आयोजित की जाती है. लगभग सात लाख विद्यार्थी (12वीं के 2.5 लाख और 10वीं के 4.5 लाख) परीक्षा में शामिल होने वाले हैं.
दोनों परीक्षाएं शुरू में 11 मई के लिए निर्धारित की गई थीं. बीते चार मई को सरकार ने घोषणा की थी कि कोविड-19 मामलों में वृद्धि के कारण परीक्षाओं को स्थगित किया जाता है और संशोधित परीक्षा तिथियों की घोषणा जल्द ही की जाएगी.
पेगू की घोषणा के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा था कि यदि असम में कोरोना वायरस संक्रमण दर जुलाई के पहले सप्ताह में दो प्रतिशत से नीचे रहती है तो परीक्षा होगी.
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि कोरोना वायरस की संक्रमण दर प्रकृति में गतिशील है और इसमें 24 घंटे की कम अवधि के भीतर तेजी से बढ़ने या घटने की क्षमता है. किसी विशेष तिथि में संक्रमण दर कभी भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने का आधार नहीं हो सकती है और न ही होनी चाहिए.
याचिका में कहा गया है कि अनिश्चितता ने छात्रों के बीच दहशत की स्थिति पैदा कर दी है. लगभग सभी छात्रों, अभिभावकों और परिवार के सदस्यों को एक दुविधा की स्थिति में धकेल दिया और उनकी मानसिक स्थिति तबाह हो रही है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)