बलात्कार के बाद नाबालिग बहनों की हत्या कर शव पेड़ से लटकाए गए: असम पुलिस

असम के कोकराझार ज़िले के अभयाकुटी गांव में 14 और 16 साल की दो नाबालिग बहनों के शव बीते 11 जून को पेड़ से लटके मिले थे. कोकराझार एसपी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आना बाक़ी है, पर मामले में गिरफ़्तार किए गए सात लोगों ने बलात्कार और हत्या की बात स्वीकार की है.

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असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बीते रविवार को कोकराझार में पीड़ित परिवार से मुलाकात की. (फोटो साभार: ट्विटर)

असम के कोकराझार ज़िले के अभयाकुटी गांव में 14 और 16 साल की दो नाबालिग बहनों के शव बीते 11 जून को पेड़ से लटके मिले थे. कोकराझार एसपी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आना बाक़ी है, पर मामले में गिरफ़्तार किए गए सात लोगों ने बलात्कार और हत्या की बात स्वीकार की है.

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बीते रविवार को कोकराझार में पीड़ित परिवार से मुलाकात की. (फोटो साभार: ट्विटर)
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने बीते रविवार को कोकराझार में पीड़ित परिवार से मुलाकात की. (फोटो साभार: ट्विटर)

कोकराझार: असम के कोकराझार जिले के एक गांव में दो नाबालिग बहनों के शव पेड़ से लटके मिले थे. पुलिस ने मंगलवार को पुष्टि की कि उन दोनों किशोरियों की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कोकराझार के एसपी थुबे प्रतीक विजय कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी आना बाकी है. लेकिन मामले में गिरफ्तार किए गए सात लोगों ने 14 और 16 साल की लड़कियों के साथ बलात्कार करने और उन्हें मारने की बात कबूल की है.

थुबे ने कहा, ‘आरोपियों से पूछताछ के आधार पर हमने आरोप बदल दिए हैं.’

एसपी थुबे ने कहा कि आरोपियों के स्वीकारोक्ति के अनुसार, वे लड़कियों को जानते थे और उसी इलाके के रहने वाले हैं जहां लड़कियों के परिवार रहते हैं.

वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा, जिन्होंने 13 जून को बच्चियों के घर पहुंचकर राज्य पुलिस को मामले की शीघ्र जांच करने का निर्देश दिए थे – ने मंगलवार को ट्वीट कर आरोपियों की गिरफ्तारी और मामला सुलझा लेने की जानकारी दी.

शर्मा ने ट्वीट कर कहा, ‘दो नाबालिग लड़कियों से रेप एवं उनकी हत्या के मामले को सुलझा लिया गया है. मैं रविवार को पीड़ित परिवार से मिला था. मामले में आरोपियों की पहचान हो जाने के बाद काफी राहत महसूस कर रहा हूं.’

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) भास्कर ज्योति महंत ने मंगलवार को संवाददाताओं से बात करते कहा कि बलात्कार और हत्या के बाद उनके शवों को एक पेड़ से लटका दिया गया ताकि इसे आत्महत्या का रूप दिया जा सके.

महंत ने कहा, ‘तीन आरोपी सीधे तौर पर बलात्कार और हत्या में शामिल थे, जबकि चार अन्य ने सबूत नष्ट कर दिए थे और पुलिस को गुमराह किया था.’

उन्होंने कहा, ‘हम बलात्कार और हत्या में शामिल आरोपियों- मुज़म्मिल शेख (20), फारूक रहमान (22) और नजीबुल शेख (19) की प्रत्यक्ष संलिप्तता स्थापित करने में सक्षम हो गए.’

डीजीपी ने कहा कि पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल फोन से डिलीट किए गए डेटा को फिर से हासिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

महंत ने कहा कि पुलिस को अभी तक दोनों लड़कियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिली है. लड़कियों के विसरा को परीक्षण के लिए संरक्षित किया गया है और आरोपियों और पीड़ितों से एकत्र किए गए सबूतों की डीएनए फिंगरप्रिंटिंग की जाएगी.

उन्होंने कहा, ‘हमने मंगलवार को अपराध स्थल का दौरा किया, हमारे साथ स्वतंत्र गवाह, मजिस्ट्रेट और फोरेंसिक विशेषज्ञ मौजूद थे. मुझे यकीन है कि मेडिकल रिपोर्ट हमारे निष्कर्षों से मेल खाएगी.’

बता दें कि बीते 11 जून को कोकराझार जिले के एक गांव में दोनों नाबालिग बहनों के शव पेड़ पर लटके हुए मिले थे. उनके परिवार ने दावा किया था कि दोनों लड़कियों की बलात्कार के बाद हत्या की गई है. शुरुआत में पुलिस ने दावा किया था कि यह आत्महत्या का मामला है.