महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतें दर्ज करने के लिए ऑनलाइन शिकायत प्रबंधन तंत्र विकसित किया है, जिसे शी-बॉक्स कहा जाता है. राज्यसभा में पेश आंकड़ों के अनुसार इसमें विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों से ऐसी 391 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से 150 एक जनवरी 2020 से अब तक की हैं.
नई दिल्ली: महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि विभिन्न मंत्रालयों से महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित कुल 391 शिकायतों मिली हैं. स्मृति ईरानी ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों की पंजीकरण सुविधा देने के लिए एक ऑनलाइन शिकायत प्रबंधन तंत्र विकसित किया है. इसे यौन उत्पीड़न इलेक्ट्रॉनिक बॉक्स (शी-बॉक्स) नाम दिया गया है.
उन्होंने कहा कि एक बार शी-बॉक्स में शिकायत दर्ज होने पर यह कार्रवाई के लिए अधिकार क्षेत्र वाले संबंधित प्राधिकारी के पास सीधे पहुंचती है. ऐसी शिकायतों पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों व विभागों की है.
उन्होंने कहा कि अब तक महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमडब्ल्यूसीडी) से संबंधित 36 शिकायतों समेत विभिन्न मंत्रालयों से संबंधित शी-बॉक्स में कुल 391 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से 150 शिकायतें एक जनवरी 2020 से अब तक प्राप्त हुई हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ईरानी ने कहा कि मंत्रालय से संबंधित शी-बॉक्स में दर्ज 36 शिकायतों का विश्लेषण करने से पता चलता है कि उनमें से कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के केवल दो मामले थे, जबकि तीन प्रविष्टियां एक ही व्यक्ति के खिलाफ शिकायत से संबंधित थीं.
उन्होंने आगे कहा कि अन्य 32 मामले महिलाओं के खिलाफ हिंसा, दहेज प्रताड़ना, दुर्व्यवहार, सुझाव आदि से संबंधित विभिन्न मामलों में जन शिकायतों की प्रकृति के हैं.
ईरानी ने कहा कि इसके अलावा एमडब्ल्यूसीडी के खिलाफ पोर्टल में कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के दो मामलों में से कोई भी मंत्रालय के कार्यस्थल से संबंधित नहीं है.
स्मृति ईरानी ने कहा कि देश में महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षित वातावरण देना सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता में है. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न (निवारण और शिकायत निपटान) अधिनियम, 2013 लागू किया है.
उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कानून के सख्त कार्यान्वयन के लिए समय-समय पर राज्यों व संघ राज्य प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों व विभागों को दिशानिर्देश जारी किए हैं, ताकि महिलाओं के लिए अनुकूल माहौल का निर्माण किया जा सके.
स्मृति ईरानी ने एक अन्य जवाब में कहा कि देशभर में 733 वन-स्टॉप सेंटर (ओएससी) स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 704 सेंटर 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संचालित हो चुके हैं.
ओएससी सेंटर एक ही छत के नीचे हिंसा या संकट से प्रभावित महिलाओं को पुलिस सुविधा, चिकित्सा सहायता, कानूनी सहायता और परामर्श, मनो-सामाजिक परामर्श और अस्थायी आश्रय सहित कई एकीकृत सेवाएं प्रदान करते हैं.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ओएससी द्वारा अब तक 305,896 मामलों का निपटारा किया जा चुका है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)