मुंबई का कूड़ेदान बनकर रह​ गया है गोवंडी!

गोवंडी के मौज़ूदा हालात और आम लोगों का जीवन बताता है कि मुंबई शहर ने इसे अपना कूड़ेदान बना रखा है. 21 फरवरी को बीएमसी का चुनाव है और सवाल है कि क्या चुनाव बाद यहां के हालात सुधरेंगे?

/

गोवंडी के मौज़ूदा हालात और आम लोगों का जीवन बताता है कि मुंबई शहर ने इसे अपना कूड़ेदान बना रखा है. 21 फरवरी को बीएमसी का चुनाव है और सवाल है कि क्या चुनाव बाद यहां के हालात सुधरेंगे?

Govandi
गोवंडी डंपिंग ग्राउंड. (फोटो: रॉयटर्स)

देश की आर्थिक राजधानी कहे जाना वाले मुंबई की पहचान सिर्फ ऊंची इमारतें, ख़ूबसूरत समुद्री तट, नाइट लाइफ और मायानगरी ही नहीं हैं. मुंबई की एक पहचान यहां बसा एशिया का सबसे बड़ा स्लम एरिया भी है. मुंबई की लगभग 50 फीसदी आबादी ऐसे ही स्लम एरिया यानी झुग्गी-झोपड़ियों में रहने को मजबूर है. गोवंडी इसी क्षेत्र का हिस्सा है. गोवंडी में अमूमन लोग दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं, जिन्हें न तो साफ हवा मिल रही है और न ही साफ पानी.

सामाजिक कार्यकर्ता मेराज़ शेख़ बताते हैं, ‘हर साल हमसे वादा किया जाता है कि हमें अच्छी सुविधा और पीने का साफ पानी मिलेगा. यह बात सिर्फ चुनाव प्रचार का हिस्सा होता है. हमारे नगरसेवक हमें सिर्फ बेवकूफ़ बनाने का काम करते हैं. पिछले चुनाव में हमारे नगरसेवक ने जो कहा था, स्थितियां अभी भी वैसी हैं. उनमें कोई बदलाव नहीं आया है.’

गोवंडी के एक नगरसेवक रईस शेख़ सपा की ओर से मनपा में नगरसेवक दल के नेता भी हैं. मेराज़ कहते हैं, ‘रईस गोवंडी से फरार हो चुके हैं! इस बार वे भायखला से चुनाव लड़ रहे हैं. हारने के डर से शेख़ यहां से भाग गए.’ वे आगे कहते हैं, ‘अपना घर बनाना हो तो मनपा अधिकारी और नगरसेवक के लोगों को पैसा देना पड़ता है. हमारे विधायक अबू आज़मी साल में सिर्फ दो बार गोवंडी आते हैं. एक विधायकी लड़ते समय और दूसरा जब मनपा के चुनाव हो रहे होते हैं.’

Govandi
गोवंडी में गंदगी का अंदाज़ा इस नाले से लगाया जा सकता है. (अपनालय के फेसबुक वॉल से)

इलाके की समस्याओं के बारे में द वायर से बात करते हुए मेराज़ कहते हैं, ‘सबसे बड़ी समस्या कूड़ा डंपिंग की है. इसकी वजह से कितने लोग बीमार होते हैं लेकिन कोई ध्यान देने वाला नहीं है. आज़ादी के इतने साल बाद भी यहां स्कूल नहीं है, अस्पताल नहीं है और न ही पीने का साफ पानी उपलब्ध होता है. विकास कार्य के नाम पर सिर्फ बैनरबाज़ी और नारियल फोड़ने की रस्म अदायगी भर है लेकिन काम कुछ भी नहीं होता.’

गोवंडी मुंबई का बहुत पिछड़ा इलाका माना जाता है. स्लम में रहने वाली मुंबई का तकरीबन 11.5 फीसदी आबादी गोवंडी में बसती है और यहां की पहचान होती है कूड़े के एक पहाड़ से, जिसकी ऊंचाई तकरीबन 114 फीट है.

‘अपनालय’ नाम की संस्था यहां काम करती है. संस्था के एक अध्ययन के मुताबिक, यहां के 68 फीसदी लोग पानी खरीद कर पीते हैं. अधिकतर लोगों के घर चोरी की बिजली से रोशन होते हैं. इसका पैसा बिजली माफिया के पास जमा होता है. संस्था ने यहां लगभग 6300 परिवारों पर सर्वे किया है.

संस्था के सीईओ डॉ. अरुण कुमार ने द वायर से बात करते हुए कहा, ‘मुंबईकर होने पर गर्व महसूस करने वाले लोग एक बार फिर से सोचें कि जिस मुंबई की तारीफ़ हर कहीं होती है उसका एक हिस्सा और वहां के लोग किस तरह की ज़िंदगी जीने को मजबूर हैं.’

Govandi and Mono Rail
गोवंडी की झुग्गी-झोपड़ियां मुंबई की आधुनिकता की स्याह हक़ीक़त बयां करती है. (फोटो: पीटीआई)

डॉ. कुमार कहते हैं, ‘आज़ादी के वक़्त देश का एक व्यक्ति औसतन 32 वर्ष (जीवन प्रत्याशा) जीता था. आज दर 67 वर्ष हो चुकी है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि गोवंडी में अभी यह मात्र 39 वर्ष ही है.’

इसकी वजह बताते हुए वे कहते हैं, जीवन प्रत्याशा कम होने का कारण यह भी हो सकता कि गोवंडी में एक भी सरकारी अस्पताल नहीं है. इमरजेंसी में उन्हें राजावाड़ी या फिर सायन अस्पताल ले जाया जाता है. गोवंडी से इन अस्पतालों की दूरी अच्छी खासी है. ऐसी में अक्सर अस्पताल ले जाते वक्त मरीजों की मौत भी हो जाती है. गोवंडी के 6 लाख लोगों के लिए मात्र एक ही दवाखाना है. जहां सिर्फ छोटी-मोटी बीमारियों की बस दवा ही मिल पाती है.

डॉ. कुमार के अनुसार, ‘गोवंडी में गर्भवती महिलाओं के लिए सिर्फ एक अस्पताल है, जो 2014 में निर्माण कार्यों की वजह से बंद हो गया था. ये अभी तक दोबारा शुरू नहीं हो सका है. ऐसे में ज़्यादातर बच्चों का जन्म घरों में कराया जाता है. गोवंडी इतना गंदा है कि नवजात में बीमारियों का संक्रमण यहां सामान्य बात है. कई मामलों में तो बच्चों की मौत भी हो जाती है. गोवंडी में जन्म लेने वाले 1000 बच्चों में 66 बच्चे एक वर्ष से अधिक जीवित नहीं रह पाते हैं.’

अब बात अगर शिक्षा की करें तो गोवंडी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. गोवंडी में लगभग 25 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें से 22 प्राइमरी और तीन माध्यमिक स्कूल हैं. हाल ये है कि इनमें भी 30 फीसदी स्कूल बंद पड़े हैं.

सर्वे में पता चला है कि यहां के लोगों की औसत आमदनी 6800 रुपये है. इस वजह से यहां के लोग निजी स्कूलों की पढ़ाई का खर्चा नहीं उठा सकते. इसके अलावा गोवंडी की साक्षरता मुंबई के बाकी इलाकों के मुकाबले बेहद कम है. महिलाओं के मामले में स्थिति और भी बदतर है.

Govandi
गोवंडी के लोगों के लिए साफ पानी की उपलब्धता एक बड़ी समस्या है. (अपनालय के फेसबुक वॉल से)

डॉ. कुमार बताते हैं, ‘स्लम डेवलपमेंट फंड के नाम पर बजट में महज़ 65 करोड़ रुपये का प्रावधान है पर पिछले वर्ष सिर्फ 49 करोड़ रुपये का ही इस्तेमाल हो पाया था.’ सरकारी आंकड़ों के हिसाब से मुंबई में तकरीबन 55 लाख लोग झुग्गी-झोपड़ियों में रहते हैं. स्लम डेवलपमेंट फंड के हिसाब से प्रति व्यक्ति महज़ 110 रुपये ही इस बजट में है.

गोवंडी के शांति नगर में रहने वाले इरफ़ान शेख़ का कहना है, ‘हमें खुले में शौच करना पड़ता. इतनी बड़ी आबादी वाले इलाके में गिने-चुने ही सार्वजनिक शौचालय हैं. नेता लोग हर चुनाव में वादा करते हैं पर करते कुछ नहीं.’

यह गोवंडी डंपिंग ग्राउंड भारत का सबसे विशाल डंपिंग क्षेत्र है और एशिया के कुछ सबसे बड़े डंपिंग ग्राउंड में से एक है. इसकी वजह से ज़मीन का पानी दूषित हो चुका है. बदबू और साफ हवा न मिलने से दमा और टीबी जैसी बीमारियां होती हैं. गोवंडी डंपिंग को बंद किए जाने के लिए काफी समय से आवाज़ उठ रही है. पिछले वर्ष डंपिंग ग्राउंड में आग लगने से पूरे शहर में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया था.

अपनालय की रिपोर्ट के अनुसार, गोवंडी में 68 फीसदी लोग पानी खरीद के पीते हैं. औसतन एक परिवार रोजाना 30 रुपये पानी खरीदने में खर्च करता है. यहां पानी का अपना अलग कारोबार है. गोवंडी में पानी बेचने-खरीदने का कुल कारोबार 88 करोड़ रुपये का है, जो कि पूरी तरह से अवैध है.

अपनालय की रिपोर्ट को गोवंडी के विधायक अबू आज़मी बेबुनियाद बताते हुए कहते हैं, ‘इसमें कोई सत्यता नहीं है. मैंने गोवंडी में बहुत काम किया और फंड का एक-एक पैसा जनता के कामों में लगाया है. जो आंकड़ें अपनालय ने पेश किया है, वो फ़र्ज़ी हैं. गोवंडी में आज भी 80 फीसदी लोगों के पास पानी, अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था है.’

Govandi Dumping
गोवंडी डंपिंग ग्राउंड (फोटो: अपनालय के फेसबुक वॉल से)

प्रदेश की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए आज़मी कहते हैं, ‘गोवंडी मुस्लिम बाहुल्य इलाका है, इसलिए शिवसेना-भाजपा की मनपा सरकार जान-बूझकर इस इलाके को नजरअंदाज़ करती है. हिंदू और दलित बाहुल्य इलाकों ज़्यादा फंड दिया जाता है.’ आज़मी का कहना हैं कि उन्होंने सरकार से यहां डंपिंग ग्राउंड को बंद कर तलोजा (नवी मुंबई) ले जाने की मांग की है.

इसके उलट गोवंडी के निर्दलीय पार्षद मोहम्मद सिराज़ शेख़ ने कहा, ‘अपनालय की रिपोर्ट गोवंडी की मौजूदा हालात को दर्शाता है. गोवंडी में आज भी 70 फीसदी लोग पीने के साफ पानी से वंचित है. विधायक अबू आज़मी कोलाबा जैसे पॉश इलाके में रहते हैं. गोवंडी के गरीबों को देखने के लिए उनके पास समय नहीं है. मनपा सरकार के साथ-साथ वो भी गोवंडी के इस हालात के जिम्मेदार है. अपनालय की रिपोर्ट ने इनको बेनकाब कर दिया है.’

गोवंडी के रफ़ीक नगर इलाके में रहने वाले वज़ीर क़ादरी कहते है, ‘कूड़ा डंप होते-होते गोवंडी की हालत कूड़े जैसी हो गई है. गोवंडी में सबसे प्रमुख मुद्दा शौचालय और पानी का है. यहां हर शौचालय पर सपा के नेताओं का कब्ज़ा है, जिसे इस्तेमाल करने के लिए पैसे चुकाने पड़ते है. गोवंडी के लोग जब तक मज़हब के नाम पर वोट देते रहेंगे, तब तक गोवंडी और अन्य इलाकों का यही हाल होगा.’

क़ादरी आगे कहते हैं, ‘नेताओं और मनपा अफसरों के आरोपों के बीच गोवंडी की स्थिति जस की तस बनी हुई है. 21 फरवरी को मनपा है. इस बार फिर पुराने वादे दोहराए गए हैं. अगली बार फिर इन्हें दोहराया जाएगा. बदलेगा कुछ भी नहीं.’

pkv games bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq pkv games pkv games slot gacor slot thailand pkv games bandarqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games bandarqq dominoqq judi bola judi parlay pkv games bandarqq dominoqq pkv games pkv games pkv games bandarqq pkv games bandarqq dominoqq bandarqq slot gacor slot thailand slot gacor pkv games bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq slot gacor slot gacor bonus new member bonus new member bandarqq domoniqq slot gacor slot telkomsel slot77 slot77 bandarqq pkv games bandarqq pkv games pkv games rtpbet bandarqq pkv games dominoqq pokerqq bandarqq pkv games dominoqq pokerqq pkv games bandarqq dominoqq pokerqq bandarqq pkv games rtpbet bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games bandarqq pkv games dominoqq slot bca slot bni bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games bandarqq dominoqq slot bca slot telkomsel slot77 slot pulsa slot thailand bocoran admin jarwo depo 50 bonus 50 slot bca slot telkomsel slot77 slot pulsa slot thailand bocoran admin jarwo depo 50 bonus 50 slot bri slot mandiri slot telkomsel slot xl depo 50 bonus 50 depo 25 bonus 25 slot gacor slot thailand sbobet pkv games bandarqq dominoqq slot77 slot telkomsel slot zeus judi bola slot thailand slot pulsa slot demo depo 50 bonus 50 slot bca slot telkomsel slot mahjong slot bonanza slot x500 pkv games slot telkomsel slot bca slot77 bocoran admin jarwo pkv games slot thailand bandarqq pkv games dominoqq bandarqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games bandarqq dominoqq bandarqq pkv games bandarqq bandarqq pkv games pkv games pkv games bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games bandarqq dominoqq pokerqq qq online slot demo slot gacor slot gacor triofus bocoran admin jarwo bocoran admin riki depo 50 bonus 50 depo 25 bonus 25 bonus new member slot rtp slot rtp live slot pragmatic slot x500 slot telkomsel slot xl slot dana slot bca main slot slot bonanza slot hoki slot thailand slot maxwin link slot link gacor judi parlay judi bola slot77 slot777 sbobet slot88 slot pulsa pkv games bandarqq dominoqq pokerqq qq online slot demo slot gacor slot gacor triofus bocoran admin jarwo bocoran admin riki depo 50 bonus 50 depo 25 bonus 25 bonus new member slot rtp slot rtp live slot pragmatic slot x500 slot telkomsel slot xl slot dana slot bca main slot slot bonanza slot hoki slot thailand slot maxwin link slot link gacor judi parlay judi bola slot77 slot777 sbobet slot88 slot pulsa